1-2 दिसंबर समसामयिकी
1. फास्ट ट्रैक विशेष अदालत योजना का विस्तार
- हाल ही में कैबिनेट ने यौन अपराधों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों को3 साल (अब 31 मार्च, 2026) तक के लिए बढ़ दिया है I
- तीन वर्षों में योजना को चलाने की कुल लागत ₹1,952.23 करोड़ है। केंद्र सरकार ₹1,207.24 करोड़ वहन करेगीऔर राज्य ₹744.99 करोड़ का योगदान देंगे,केंद्र सरकार का हिस्सा निर्भया फंड से दिया जाएगा ।
अन्य तथ्य:
- फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC) को पहली बार 2000 में ग्यारहवें वित्त आयोग द्वारा सुझाव दिया गया था।
- एफटीएससी योजना का उद्देश्य यौन अपराधों , विशेष रूप से बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आने वाले मामलों के लिए न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाना है ।
- यह योजना केंद्र प्रायोजित थी और इसे2019 में लॉन्च की गई थी।
निर्भया फंड के बारे में:
- निर्भया फंड एक गैर-व्यपगत कॉर्पस फंड है, जिसे वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा प्रशासित किया जाता है।
- दिसंबर 2012 में नई दिल्ली में 23 वर्षीय महिला के साथ क्रूर सामूहिक बलात्कार और हत्या के बाद 2013 में इसकी स्थापना की गई थी।
- यह फंड शुरू में ₹1,000 करोड़ की राशि के साथ स्थापित किया गया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर ₹3,000करोड़ कर दिया गया।
- इस फंड का उपयोग भारत में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से की गई पहलों का समर्थन करने के लिए किया जाता है।
2. चर्चा में आईएनएस कदमट्ट
- हाल ही में उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में तैनात भारतीय नौसेना जहाज (आईएनएस) कदमत ने जापान के जेएस टोवाडा के साथ अंडरवे रीप्लेनिशमेंट (यूएनआरईपी) का संचालन किया है।
आईएनएस कदमट्ट के बारे में:
- यह एक स्वदेशी स्टील्थ पनडुब्बी रोधी युद्धक कार्वेट है।
- यह प्रोजेक्ट 28के तहत कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और इंजीनियरों द्वारा भारतीय नौसेना के लिए बनाए गए चार पनडुब्बी रोधी युद्धक कार्वेट में से दूसरा है।
- इसे जनवरी 2016 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
- इसका नाम भारत के लक्षद्वीप द्वीपसमूह के कदमत द्वीप के नाम पर रखा गया है।
- आईएनएस कदमत्त की प्राथमिक भूमिका पनडुब्बी रोधी युद्ध में है - काफिले और बंदरगाहों में जहाजों को दुश्मन की पनडुब्बी हमलों से बचाने के लिए।
विशेषताएँ:
- लंबाई: 109 मीटर (358 फीट)
- बीम: 12.8 मीटर (42 फीट)
- गति: 25 समुद्री मील (46 किमी/घंटा)
- रेंज: 3,450 मील (5,550 किमी) 18 समुद्री मील (33 किमी/घंटा) पर
3. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई)
- हाल ही में सरकार ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया है।
पीएमजीकेएवाई के बारे में:
- पीएमजीकेएवाई को सर्वप्रथम वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान पेश किया गया था और इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (NFSA) के तहत पात्र राशन कार्ड धारकों को प्रति व्यक्ति प्रति माह5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करने के लिये डिज़ाइन किया गया था।
- इसे महामारी से प्रभावित आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के बारे में:
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, (NFSA) 2013 खाद्य सुरक्षा की पहुँच के लिये कल्याण से अधिकार आधारित दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है।
मंत्रालय:
- उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग इस अधिनियम को लागू करने के लिए नोडल मंत्रालय है।
लाभार्थी:
- यह अधिनियम कानूनी तौर पर ग्रामीण आबादीके 75% और शहरी आबादी के 50%को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार देता है।
4. विश्व एड्स दिवस 2023
- प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवसके रूप में मनाया जाता है।
- विश्व एड्स दिवस 2023 का विषय(Let Communities Lead)"समुदायों को नेतृत्व करने दें"है।
- तथा वर्ष 2022 का विषय "इक्वलाइज़"था I
विश्व एड्स दिवस के बारे में:
- यह एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है।
- इसेपहली बार 1988 में मनाया गया था,जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस दिन को मान्यता दी थी।
एचआईवी/एड्स क्या है?
- एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक विमारी है I
- एचआईवी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है, जिससे व्यक्ति अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।
- यदि एचआईवी का इलाज न किया जाए तो यह एड्स का कारण बन सकता है।
ट्रांसमिशन:
- यह एक यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) है।
- यह संक्रमित रक्त के संपर्क से, और अवैध इंजेक्शन नशीली दवाओं के उपयोग, या सुइयों को साझा करने से भी फैल सकता है।
- यह गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में भी फैल सकता है।
5. कालबेलिया नृत्य
- हाल ही में राजस्थान अंतरराष्ट्रीय लोक महोत्सव के दौरान कलाकारों ने कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया I
कालबेलिया नृत्य के बारे में:
- यह भारत के राजस्थान राज्य का एक लोक नृत्य है।
अन्य तथ्य:
- इसे 'सपेरा डांस' या 'स्नेक चार्मर डांस'जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।
- यह विशेष रूप से 'कालबेलिया' नामक राजस्थानी जनजाति द्वारा किया जाता है।
- इस नृत्य की लोकप्रियता दुनिया भर में Sइतनी है कि राजस्थान का कालबेलिया नृत्य और गीत को वर्ष 2010 से यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में हैं।
- कालबेलिया नृत्य में पुरुष विभिन्न पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाते हैं और महिलाएं नृत्य करती हैं।
- इस नृत्य शैली में मुख्य कलाकार महिला नर्तक होती हैं जो नागिन की गतिविधियों की नकल करते हुए नृत्य करती हैं और घूमती हैं।
- नर्तक चमकीले रंग की स्कर्ट, ब्लाउज और भारी आभूषण पहनते हैं।
- वाद्ययंत्र: पुरुष संगीतकार आमतौर पर ढोल (एक ड्रम), पुंगी (एक सपेरे की बांसुरी), और खंजरी (एक डफ) बजाते हैं।
6. 40वें तटरक्षक कमांडरों का सम्मेलन
- हाल ही में केंद्रीय रक्षा मंत्री ने 40वें तटरक्षक कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन किया।
- सम्मेलन के एजेंडे में महत्त्वपूर्ण विषयों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है, जिसमें समुद्री सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ाना जैसे खोज एवं बचाव अभियान, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, प्रतिबंधित और नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ अभियान, समुद्र में मछुआरों/नाविकों की सुरक्षा, तटीय सुरक्षा उपायों को अधिकतम बनाना, अंतर-एजेंसी समन्वय को मज़बूत बनाना तथा समुद्री क्षेत्र के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना शामिल है।
- ICG की स्थापना वर्ष 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी।
- विश्व के चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में ICG ने भारतीय तटों को सुरक्षित करने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
7. भारतीय नौसेना के लिये तीन पनडुब्बी रोधी युद्धक जहाज़
- कोच्चि ने भारतीय नौसेना के लिये बनाए जा रहे 08 X ASW शैलो वॉटर क्राफ्ट (CSL)परियोजना के प्रथम तीन जहाज़ोंमाहे, मालवन और मंगरोल को CSL, कोच्चि में लॉन्च किया।
- ये जहाज़ अभय श्रेणी के ASW कार्वेट को प्रतिस्थापित करने और पनडुब्बी रोधी अभियानों, तटीय रक्षा, बारूदी खदान बिछाने तथा उप-सतही निगरानी में उत्कृष्टता हासिल करने के लिये तैयार हैं।
- वे 25 समुद्री मील की अधिकतम गति क्षमता प्रदर्शित करते हैं और इन्हें खोज तथा बचाव मिशन में कुशल होने के साथ-साथ विमान के साथ समन्वित ASW संचालन के लिये डिज़ाइन किया गया है।
8. नागार्जुन सागर बांध
- आंध्र प्रदेश ने हाल ही में कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर बांध के आधे हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है, जिससे तेलंगाना के साथ विवाद छिड़ गया है।
नागार्जुन सागर बांध के बारे में:
- यह तेलंगाना के नलगोंडा जिले और आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के बीच बनाया गया है।
- यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ऊंचा चिनाई वाला बांध है।
- बांध 150 मीटर ऊंचा और 1.6 किमी लंबा है।
- इसका नाम पास की पहाड़ी और नागार्जुनकोंडा नामक द्वीप से लिया गया है, जहां कभी एक प्राचीन बौद्ध गुरु रहते थे।
- आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के प्रावधानों के अनुसार, नागार्जुनसागर बांध का नियंत्रण और पर्यवेक्षण तेलंगाना द्वारा किया जाता है।
कृष्णा नदी के बारे में मुख्य तथ्य:
- यह दक्षिण-मध्य भारत की एक नदी है।
- उत्पत्ति: यह पश्चिमी महाराष्ट्र राज्य में महाबलेश्वर शहर के पास पश्चिमी घाट श्रृंखला से निकलती है।
- जल प्रवाह और नदी बेसिन के मामले में, कृष्णा गंगा, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र के बाद चौथी सबसे बड़ी नदी है।
- कुल लंबाई:1300 किमी
- मार्ग: यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरती है और पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश में हमासलादेवी में बंगाल की खाड़ी से मिलती है।
- कृष्णा नदी बेसिन लगभग 258,948 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 8 प्रतिशत है।
सहायक नदियां :
- सबसे महत्वपूर्ण सहायक नदी तुंगभद्रा नदी है। इसका निर्माण तुंगा नदी और भद्रा नदी द्वारा हुआ है, जो पश्चिमी घाट से निकलती हैं।
- अन्य सहायक नदियों में कोयना नदी, भीमा नदी, कुंडली नदी, मालाप्रभा नदी, घाटप्रभा, येरला नदी, वाराना नदी, डिंडी नदी, मुसी नदी और दूधगंगा नदी शामिल हैं।
9. कोस्ट ऑफ लिविंग रिपोर्ट-2023
- इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेस यूनिट-ईआईयू के कोस्ट ऑफ लिविंग रिपोर्ट-2023 के अनुसार सिंगापुर ने पिछले ग्यारह वर्षों में नौवीं बार दुनिया के सबसे महंगे शहर के रूप में अपनी शीर्ष स्थिति बरकरार रखा है
- दुनिया के शीर्ष 10 सबसे महंगे शहर 2023: सिंगापुर, ज्यूरिक, जिनेवा, न्यूयॉर्क, हांगकांग, लॉस एंजिल्स, पेरिस, कोपेनहेगन, तेल अवीव, सैन फ्रांसिस्को
- वहीं स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख छठे स्थान से उठकर सिंगापुर के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है,और न्यूयॉर्क को पीछे छोड़ दिया है ,जिसने पिछले साल सिंगापुर के साथ पहला स्थान साझा किया था I
- इस वर्ष शीर्ष दस शहरों में दो एशियाई शहर (सिंगापुर और हांगकांग),चार यूरोपीय शहर (ज्यूरिख, जिनेवा, पेरिस और कोपेनहेगन),तीन अमेरिकी शहर (न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स और सैन फ्रांसिस्को) और इजराईल कातेल अवीव शामिल हैं।
10. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूएई में कॉप-28 के दौरान 'ग्रीन क्रेडिट पहल' की
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दुबई में कॉप-28में कहा कि भारत जलवायु न्याय, जलवायु वित्त और ग्रीन क्रेडिट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का निरंतर समर्थन करता है।
- ग्रीन क्रेडिट पहल में व्यवसायिक पहलों से अलग आम जनता को कार्बन क्रेडिट देने का प्रस्ताव किया गया है, इससे कार्बन उत्सर्जन से जुड़ें मुद्दों के सम्बंध में आम जनता की भागीदारी बढेगी।
अन्य तथ्य:
- भारत दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी का घर है, परंतुवैश्विक कार्बन उत्सर्जन में उसकी हिस्सेदारी चार प्रतिशत से नीचे बनी हुई है।
- भारत अपने नेशनल डिटरमाइंड कंट्रीबुशन-एडीसी लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में बढ रहा है।
- भारत उत्सर्जन घटाने का लक्ष्य 11 वर्ष पहले और गैर खनिज ईंधन का लक्ष्य नौ वर्ष पहले प्राप्त कर लेगा।
UNFCCC के बारे में:
- वर्ष 1992 में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में ‘संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन' (United Nations Framework Convention on Climate Change- UNFCCC) पर हस्ताक्षरकिये गए, जिसे पृथ्वी शिखर सम्मेलन (Earth Summit), रियो शिखर सम्मेलन या रियो सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है।
- 21 मार्च, 1994 से UNFCCCलागू हुआ और 197 देशों द्वारा इसकी पुष्टि की गई।
- UNFCCC सचिवालय (यूएन क्लाइमेट चेंज) संयुक्त राष्ट्र की एक इकाई है जो जलवायु परिवर्तन के खतरे पर वैश्विक प्रतिक्रिया का समर्थन करती है।
कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP) क्या है ?
- यह UNFCCC सम्मेलन का सर्वोच्च निकाय है।
- प्रत्येक वर्ष COP की बैठक सम्पन्न होतीहै, COP की पहली बैठक मार्च 1995 मेंजर्मनी के बर्लिन में आयोजित की गई थी।
- नोट: यदि कोई पार्टी सत्र की मेज़बानी करने की पेशकश नहीं करती है तो COP का आयोजन बॉन, जर्मनी में (सचिवालय) में किया जाता है।
- COP अध्यक्ष का कार्यकाल सामान्यतः पांँच संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय समूहों के मध्य निर्धारित किया जाताहै जिनमें - अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन, मध्य और पूर्वी यूरोप तथा पश्चिमी यूरोप शामिल हैं।
- COP का अध्यक्ष आमतौर पर अपने देश का पर्यावरण मंत्री होता है। जिसे COP सत्र के उद्घाटन के तुरंत बाद चुना जाता है।
महत्त्वपूर्ण COPs सम्मेलन:
वर्ष 1995: COP1 (बर्लिन, जर्मनी)
वर्ष 1997: COP 3 (क्योटो प्रोटोकॉल)
- यह कानूनी रूप से विकसित देशों को उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों हेतु बाध्य करता है।
वर्ष 2002: COP 8 (नई दिल्ली, भारत) दिल्ली घोषणा।
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया था ।
वर्ष 2007: COP 13 (बाली, इंडोनेशिया):
- बाली रोडमैप और बाली कार्ययोजना पर सहमति व्यक्त की गई ,जिसने वर्ष 2012 के बाद के परिणाम की ओर तीव्रताप्रदान की।
- इस योजना में पाँच मुख्य श्रेणियांँ- साझा दृष्टि, शमन, अनुकूलन, प्रौद्योगिकी और वित्तपोषण शामिल हैं।
वर्ष 2010: COP 16 (कैनकन)
- हरित जलवायु कोष, प्रौद्योगिकी तंत्र और कैनकन अनुकूलन ढांँचे की स्थापना की गई।
वर्ष 2011: COP17 (डरबन):
- सरकारें 2015 तक वर्ष 2020 से आगे की अवधि हेतु एक नए सार्वभौमिक जलवायु परिवर्तन समझौते के लिये प्रतिबद्ध हैं (जिसके परिणामस्वरूप 2015 का पेरिस समझौता हुआ)।
वर्ष 2015: COP 21 (पेरिस):
- वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक समय से 2.0oC से नीचे रखना तथाऔर अधिक सीमित (1.5oC तक) करने का प्रयास करना।
वर्ष 2016: COP22 (माराकेश)
- पेरिस समझौते की नियम पुस्तिका लिखने की दिशा में आगे बढ़ना।
- जलवायु कार्रवाई हेतु माराकेश साझेदारी की शुरुआत की गई ।
2017: COP23, बॉन (जर्मनी)
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस वर्ष की शुरुआत में पेरिस समझौते से हटने के अपने इरादे की घोषणा की।
वर्ष 2018: COP24, काटोवाइस (पोलैंड):
- इसके तहत वर्ष 2015 के पेरिस समझौते को लागू करने के लिये एक ‘नियम पुस्तिका’ को अंतिम रूप दिया गया था।
- नियम पुस्तिका में जलवायु वित्तपोषण सुविधाएँ और राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के अनुसार की जाने वाली कार्यवाइयाँ शामिल हैं।
वर्ष 2019: COP25, मैड्रिड (स्पेन)
- इस सम्मेलन मेंबढ़ती जलवायु तात्कालिकता के संबंध में कोई ठोस योजना मौजूद नहीं थी।
वर्ष 2021 COP26 :
- यूनाइटेड किंगडम ने ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) की मेजबानी की थी ।
- शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री ने COP-26में जलवायु कार्यवाई के लिये पाँच प्रतिबद्धताएँ प्रस्तुत की इनमें शामिल हैं:
- वर्ष 2030 तक भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट (GW) तक ले जाना।
- वर्ष 2030 तक भारत की 50% ऊर्जा आवश्यकताओं को अक्षय ऊर्जा के माध्यम से पूरा करना।
- वर्ष 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता में 45% से अधिक की कमी करना।
- अब से वर्ष 2030 तक इसके शुद्ध अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में 1 बिलियन टन की कटौती करना।
- वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करना।
वर्ष 2022 COP-27:
- यह सम्मेलन मिस्र केशर्म-अल-शेख मे संपन्न हुआ।
- इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन को प्रमुख संकट मानते हुए वैश्विक तापमान को नियंत्रित करने के साथ-साथ क्षति के समाधान को आधिकारिक तौर पर एजेंडे में शामिल किया गया।
वर्ष 2023 cop- 28:
- वर्तमान समय में COP- 28 का आयोजन दुबई में किया जा रहा है I
जिसमें प्रधानमंत्री जी ने ग्रीन क्रेडिट पहल का प्रस्ताव किया I