11 अक्टूबर समसामयिकी | 11 October Current Affairs
1.बसोहली पश्मीना को GI टैग
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के पारंपरिक शिल्प ‘बसोहली पश्मीना’ को हाल ही में प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त हुआ।
अन्य तथ्य:
बसोहली पश्मीना अपनी असाधारण कोमलता, बारीकी और पंख जैसे वजन के लिए प्रसिद्ध है।
इसे ‘पारंपरिक हस्त कताई तकनीकों’ (Traditional Hand-Spinning Techniques) का उपयोग करके कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता है।
भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग के बारे में:
जीआई या भौगोलिक संकेत टैग का उपयोग उन उत्पादों के लिए किया जाता है जिनकी विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है या जिनमें ऐसे गुण होते हैं जिनका श्रेय विशेष रूप से क्षेत्र को दिया जा सकता है।
जीआई मुख्य रूप से एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाला कृषि, प्राकृतिक या निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है।
पेरिस कन्वेंशन:
यह बौद्धिक संपदा अधिकारों का एक हिस्सा है जो औद्योगिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए पेरिस कन्वेंशन के अंतर्गत आता है।
भारत में अधिनियम:
भारत में, भौगोलिक संकेत पंजीकरण को वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 1999 द्वारा प्रशासित किया जाता है।
सुरक्षा:
एक बार जब किसी उत्पाद को यह टैग मिल जाता है, तो कोई भी व्यक्ति या कंपनी उस नाम से समान वस्तु नहीं बेच सकती है।
वैधता:
यह टैग 10 वर्षों की अवधि के लिए वैध है जिसके बाद फिर इसे नवीनीकृत किया जा सकता है।
जीआई टैग के लाभ:
यह भारत में भौगोलिक संकेतों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है I
दूसरों द्वारा पंजीकृत भौगोलिक संकेत के अनधिकृत उपयोग को रोकता है
यह भारतीय भौगोलिक संकेतों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है।
यह किसी भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित वस्तुओं के उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है।
2. हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023
हुरुन इंडिया और 360 वन वेल्थ ने 360 वन वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2023 जारी की है।
यह भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों की 12वीं वार्षिक रैंकिंग है।
वर्ष 2023 में जारी 360 वन वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में मुकेश अंबानी शीर्ष पर हैं।
उनकी कुल संपत्ति 8.08 लाख करोड़ रुपये है। वे रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हैं।
नाम |
कुल संपत्ति |
कंपनी |
मुकेश अंबानी |
8.08 लाख करोड़ रुपये |
रिलायंस इंडस्ट्रीज |
गौतम अडानी |
4.74 लाख करोड़ रुपए |
अडानी समूह |
साइरस पूनावाला |
2.78 लाख करोड़ रुपए |
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया |
शिव नादर |
2.28 लाख करोड़ रुपये |
HCL टेक्नोलॉजीज |
गोपीचंद हिंदुजा |
1.76 लाख करोड़ रुपये |
हिंदुजा ग्रुप |
3. तमिल लेखिका शिवशंकरी को सरस्वती सम्मान
तमिल लेखिका शिवशंकरी को उनके 2019 के संस्मरण ‘सूर्य वंशम' (Surya Vamsam) के लिए सरस्वती सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया है ।
के.के. बिड़ला फाउंडेशन ने उन्हें पुरस्कार के साथ-साथ एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और ₹15 लाख का पुरस्कार प्रदान किया।
पुस्तक का चयन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अर्जन कुमार सीकरी की अध्यक्षता में एक चयन समिति (चयन परिषद) द्वारा किया गया था।
समिति ने "सूर्य वामसम" के असाधारण साहित्यिक मूल्य की प्रशंसा की।
शिवशंकरी को यह पुरस्कार पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने प्रदान किया।
अन्य तथ्य:
शिवशंकरी के द्वारा 36 उपन्यासों (Novels), 48 लघु उपन्यासों (Novellas), 150 लघु कथाओं, 15 यात्रा-वृत्तांतों, 7 निबंध संग्रहों और 3 जीवनियों की रचना की गई है।
शिवशंकरी की कई रचनाओं का भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त जापानी एवं यूक्रेनी में भी अनुवाद किया गया है।
बिड़ला फ़ाउंडेशन द्वारा दिए जाना वाला अन्य पुरस्कार:
सरस्वती सम्मान के. के. बिड़ला फ़ाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला प्रतिष्ठित साहित्य पुरस्कार है।
सरस्वती सम्मान के अलावा, बिहारी पुरस्कार और व्यास सम्मान के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा स्थापित अन्य साहित्यिक पुरस्कार हैं।
सूर्य वामसम के बारे में:
सूर्य वामसम एक दो खंडों वाली कृति है जो एक मासूम बच्चे के जीवन की गहन झलक पेश करती है, जो बाद में एक प्रशंसित लेखक के रूप में विकसित हुआ।
यह पुस्तक पिछले सात दशकों में हुए सामाजिक परिवर्तनों को भी खूबसूरती से दर्शाती है।
4. इजराइल में फंसे भारतीयों को लाने के लिए 'ऑपरेशन अजय’
भारत ने इजराइल से लौटने के लिए इच्छुक अपने नागरिकों की वापसी की सुविधा के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया।
इजराइल और आतंकी संगठन ‘हमास’ के बीच जारी युद्ध को देखते हुए ‘ऑपरेशन अजय’ शुरू किया गया है।
अन्य तथ्य:
ऑपरेशन अजय में इजराइल से भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाएगा, यह कोई बचाव अभियान नहीं है।
इस अभियान में सिर्फ उन भारतीयों को वापस लाया जाएगा, जो आना चाहते हैं।
इजराइल में छात्रों, पेशेवरों और व्यापारियों को मिलाकर लगभग 18,000 भारतीय रहते हैं।
भारत द्वारा चलाये गए अन्य ऑपरेशन:
ऑपरेशन देवी शक्ति: 2021 में अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों, दूतावास के कर्मचारियों की निकासी के लिए अभियान।
वंदे भारत मिशन: 2020 में कोविड -19 महामारी के चलते विदेश में फंसे भारतीयों के लिए निकासी कार्यक्रम।
ऑपरेशन समुद्र सेतु: 2020 में कोविड -19 महामारी के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए एक नौसैनिक अभियान।
ऑपरेशन संकट मोचन: 2016 में दक्षिण सूडान से भारतीय नागरिकों की निकासी के लिए अभियान।
ऑपरेशन राहत: 2015 में यमन से भारतीय नागरिकों और विदेशी नागरिकों की निकासी अभियान।
ऑपरेशन मैत्री: 2015 में नेपाल भूकंप के बाद भारत सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा संयुक्त राहत और बचाव अभियान।
ऑपरेशन सेफ होमकमिंग: 2011 में लीबिया से भारतीय नागरिकों को लाने हेतु अभियान।
ऑपरेशन सुकून: 2006 में इजराइल और लेबनान के सैन्य संघर्ष के दौरान लेबनान से निकासी के लिए शुरू अभियान।
कुवैत एयरलिफ्ट: वंदे भारत के बाद, 1990 कुवैत एयरलिफ्ट अभियानभारत सरकार द्वारा दूसरा सबसे बड़ा बचाव अभियान है।
5. USS गेराल्ड R फोर्ड विमान वाहक पोत
संयुक्त राज्य अमेरिका ने इजरायल पर हमास के हमले को देखते हुए इजरायल की सहायता के लिए USS गेराल्ड R फोर्ड विमान वाहक पोत तैनात किया है।
USS गेराल्ड R फोर्ड के बारे में:
USS गेराल्ड R फोर्ड का नाम अमेरिका के 38वें राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड के नाम पर रखा गया है ताकि अमेरिकी नौसेना और अमेरिकी सरकार में राष्ट्र के प्रति उनकी जीवनभर की गई सेवा को श्रद्धांजलि दी जा सके।
यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था और 10.5 बिलियन डॉलर की लागत से सितंबर 2015 तक पूरा होना था।
यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड का वजन 1 लाख टन है और इसकी लंबाई लगभग तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर 1,106 फीट है।
इसमें दो परमाणु रिएक्टर हैं जो बिना ईंधन भरे 20 साल तक काम कर सकते हैं। पहले के निमित्ज़ श्रेणी के विमान वाहक की तुलना में, यह अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है और अधिक विमान और हथियार ले जा सकता है।
यह दुनिया का सबसे बड़ा विमान वाहक पोत है।
यह परमाणु शक्ति द्वारा संचालित है, यह दोबारा ईंधन भरे बिना 25 वर्षों तक संचालित रह सकता है।
यह 90 विमान और 4,500 से अधिक कर्मियों के दल को एक साथ ले जा सकता है।
यह 30 नॉट (56 किमी प्रति घंटे) से अधिक की गति से चल सकता है।
6. चर्चा में डांसिंग फ्रॉग
हाल ही में IUCN के दूसरे वैश्विक उभयचर आकलन के अनुसार पश्चिमी घाट के डांसिंग फ्रॉग अधिक संकटग्रस्त उभयचर प्रजातियों में से एक हैं।
IUCN सूची में नीलगिरि डांसिंग फ्रॉग को वल्नरेबल तथा व्हाइट चीक्ड डांसिंग फ्रॉग को एडेंजर्ड के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
इस प्रजाति को आक्रामक प्रजातियों, भूमि उपयोग परिवर्तन, चरम मौसम आदि से खतरा है।
विवरण:
नर माइक्रिक्सलस कोटिगेहरेंसिस की थूथन-वेंट लंबाई 22-24 मिमी (0.87–0.94 इंच) और मादा की लंबाई 28-33 मिमी (1.1-1.3 इंच) तक बढ़ जाती है।
फुट फ़्लैगिंग का कार्य:
जलधाराओं के पास पाए जाने वाले नाचते हुए मेंढक संभोग का अनोखा प्रदर्शन करते हैं।
नर अपने पिछले पैरों को एक-एक करके फैलाते हैं और अपने जालदार पंजों को नृत्य की तरह तीव्र गति से हवा में लहराते हैं।
प्राकृतिक वास:
माइक्रोइक्सलस कोटिगेहरेंसिस का पसंदीदा निवास स्थान प्राथमिक और द्वितीयक वनों में तेजी से बहने वाली धाराएँ हैं।
यह प्रजातियाँ कम से कम 70-80 प्रतिशत घने छत्र आवरण वाले क्षेत्रों में आवास पसंद करती हैं ।
इनके निवास स्थान के नष्ट होने का खतरा है।
इसे मच्छर मछली जैसी आक्रामक प्रजातियों, भूमि उपयोग परिवर्तन, तापमान और आर्द्रता में भिन्नता, चरम मौसम की घटनाओं जैसे बाढ़ और अत्यधिक वर्षा, संक्रामक रोगों, जल प्रदूषण, प्रकाश प्रदूषण और बांध जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से भी खतरा है।
संरक्षण की स्थिति:
माइक्रिक्सलस जीनस से संबंधित मेंढकों की 24 प्रजातियों में से दो को गंभीर रूप से लुप्तप्राय पाया गया और 15 को लुप्तप्राय पाया गया।
यह उन्हें सभी इंडो-मलायन प्रजातियों में सबसे अधिक ख़तरा बनाता है।
यह दुनिया की पांचवीं सबसे अधिक खतरे वाली प्रजाति है और इसकी 92 प्रतिशत प्रजातियां संकटग्रस्त श्रेणी में हैं।
मेंढकों की स्थिति:
डब्ल्यूटीआई रिपोर्ट के अनुसार मेंढक खाद्य श्रृंखला में मूल्यवान हैं और अन्य पारिस्थितिक सेवाएँ भी प्रदान करते हैं।
प्राकृतिक आवासों की रक्षा करना और उनकी इष्टतम रहने की स्थिति को संरक्षित करना इन प्रजातियों में से अंतिम को बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।
लेकिन विश्व स्तर पर इनकी संख्या में गिरावट आ रही है।
नवीनतम आकलन से पता चला है कि 41% से अधिक उभयचर प्रजातियों को विलुप्त होने का खतरा है ।
भारत में, कुल 426 प्रजातियों में से 139 को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में 'गंभीर रूप से लुप्तप्राय', 'लुप्तप्राय' या 'कमजोर' के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
पश्चिमी घाट में पाई जाने वाली उभयचरों की लगभग 64 प्रजातियाँ लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में हैं।
अन्य संकटग्रस्त प्रजातियाँ:
नाचने वाले मेंढकों के बाद, निक्टिबाट्राचिडे (रात के मेंढक) सबसे अधिक खतरे में हैं और दक्षिणी राज्यों कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में इसकी 83.9 प्रतिशत प्रजातियां खतरे में हैं।
7. लोकनायक जयप्रकाश नारायण जयंती
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण के बारे में:
लोकनायक जयप्रकाश नारायण: उनका जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को बिहार के सुदूर गाँव सिताबदियारा में हुआ था।
वे अमेरिका के मार्क्सवादी विचारों और गांधीवादी विचारधारा दोनों से प्रभावित थे।
वर्ष 1929 में वह भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस में शामिल हुए और सविनय अवज्ञा आंदोलन तथा भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
विनोबा भावे से प्रेरणा लेकर उन्होंने भूमिहीनों को भूमि पुनर्वितरण की वकालत करते हुए, भूदान यज्ञ आंदोलन के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया।
उन्होंने चुनावी कानून के उल्लंघन के जवाब में इंदिरा गांधी शासन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्त्व किया, वर्ष 1974 में 'संपूर्ण क्रांति' अथवा टोटल रेवोलुशन के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।
जयप्रकाश नारायण मुख्य उद्देश्य सर्वोदय के आदर्शों के अनुरूप सामाजिक परिवर्तन लाना था,
यह एक गांधीवादी दर्शन है तथा सभी की प्रगति पर केंद्रित है।
जयप्रकाश नारायण को वर्ष 1999 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 8 अक्तूबर, 1979 को उनका निधन हो गया ।
8. नानाजी देशमुख की जयंती
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है।
11 अक्तूबर, 1916 को महाराष्ट्र के हिंगोली ज़िले में जन्में नानाजी देशमुख एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्त्ता, राजनीतिज्ञ और भारत के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख व्यक्ति थे।
अन्य तथ्य:
नानाजी देशमुख : इनका जन्म 11 अक्टूबर 1916 को हुआ था।
वह भारत के समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे
वह जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य और भारतीय जनता पार्टी के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक थे।
उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण स्वावलंबन के क्षेत्र में काम किया।
ग्रामीण विकास के प्रति उनके उत्कृष्ट योगदान ने हमारे गांवों में रहने वालों को सशक्त बनाने के एक नए प्रतिमान का रास्ता दिखाया।
वह आचार्य विनोबा भावे द्वारा शुरू किये गये भूदान आंदोलन में सक्रिय भागीदार थे।
उन्होंने जयप्रकाश नारायण के 'संपूर्ण क्रांति' के आह्वान को भी अपना समर्थन दिया।
वर्ष 1999 में उन्हें राज्यसभा केलिये नामित किया गया था।
वर्ष 1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया और वर्ष 2019 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
मृत्यु: 27 फरवरी, 2010
9. चर्चा में गाजा पट्टी
इज़राइल ने हाल ही में गाजा पट्टी की पूर्ण घेराबंदी का आदेश दिया और अगले चरण में अपने चौतरफा हमले में प्रवेश करने के बाद हमास को खत्म करने की घोषणा की है
गाजा पट्टी के बारे में:
गाजा पट्टी भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित एक स्वशासित फिलिस्तीनी क्षेत्र है।
इस क्षेत्र का नाम इसके मुख्य शहर गाजा से लिया गया है।
यह दो फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में से छोटा क्षेत्र बनाता है - दूसरा वेस्ट बैंक है।
सीमावर्ती देश : इसकी सीमा उत्तर और पूर्व में इजराइल और दक्षिण में मिस्र से लगती है।
आकार : यह 41 किमी (25-मील) लंबा और 10 किमी चौड़ा क्षेत्र है।
जलवायु : इसकी जलवायु समशीतोष्ण है, जिसमें हल्की सर्दियाँ और शुष्क, गर्म ग्रीष्मकाल होता है।
जनसंख्या :
यह दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र में 2 मिलियन से अधिक लोग रहते हैं।
जनसंख्या मुख्यतः फ़िलिस्तीनी है , जिसमें बहुसंख्यक सुन्नी मुसलमान हैं।
इतिहास:
1948 में इज़राइल द्वारा अपना राज्य घोषित करने के बाद, मिस्र ने लगभग दो दशकों तक गाजा पट्टी को नियंत्रित किया
1967 में अपने अरब पड़ोसियों के खिलाफ छह दिवसीय युद्ध में जीत के बाद इज़राइल ने गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक पर नियंत्रण हासिल कर लिया।
अगले 38 वर्षों तक , इज़राइल ने पट्टी पर नियंत्रण रखा और 21 यहूदी बस्तियों के निर्माण को सक्षम बनाया।
2005 में, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दबाव में, इज़राइल ने गाजा पट्टी से लगभग 9,000 इज़राइली निवासियों और उसके सैन्य बलों को वापस ले लिया , जिससे यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फिलिस्तीनी प्राधिकरण द्वारा शासित हो गया , जिसने कब्जे वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों को भी नियंत्रित किया।
अब इसे नियंत्रित कौन करता है?
हमास, एक फ़िलिस्तीनी इस्लामी संगठन , वर्तमान में गाजा पट्टी पर शासन करता है।
एक साल पहले वहां चुनाव जीतने के बाद 2007 में इसने नियंत्रण कर लिया। तब से कोई चुनाव नहीं हुआ है.
फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण के विपरीत, हमास , इज़रायल के अस्तित्व के अधिकार को मान्यता नहीं देता है।
इज़रायल ने 2007 से गाजा पर ज़मीन, हवाई और समुद्री नाकाबंदी कर रखी है ।
10. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व
हाल ही में वन विभाग ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में उद्घाटन जंगल सफारी शुरू की।
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के बारे में:
स्थान : मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, जिसे दर्रा वन्यजीव अभयारण्य के नाम से जाना जाता है , राजस्थान में 4 जिलों - बूंदी, कोटा, झालावाड़ और चित्तौड़गढ़ में फैला हुआ है ।
यह पार्क दो समानांतर पहाड़ों, मुकुंदरा और गर्गोला द्वारा निर्मित घाटी में स्थित है।
टाइगर रिजर्व का गठन वर्ष 2013 में किया गया था, जिसमें मुकंदरा राष्ट्रीय उद्यान, दारा अभयारण्य, जवाहर सागर अभयारण्य और चंबल अभयारण्य का हिस्सा शामिल है।
यह कभी कोटा के महाराजा का शिकार संरक्षित क्षेत्र था।
नदी : यह चंबल नदी के पूर्वी तट पर स्थित है और इसकी सहायक नदियों द्वारा बहती है।
वनस्पति: शुष्क पर्णपाती वन
वनस्पति :
खैर, बेर, काकन, रौंज आदि के साथ काला ढोक या कलाधि (एनोजीसस पेंडुला ) प्रमुख प्रजाति है ।
उच्च ढलानों पर , एनोजीसस पेंडुला को बेल, सालार, उउम और शीशम के साथ एनोजीसस लैटिफोलिया द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है।
जीव-जंतु :
महत्वपूर्ण जीवों में तेंदुआ, सुस्त भालू, नीलगाय, चिंकारा चित्तीदार हिरण , छोटा भारतीय सिवेट, टोडी बिल्ली, सियार, लकड़बग्घा, जंगली बिल्ली, आम लंगूर आदि शामिल हैं।
सामान्य सरीसृप और उभयचर पायथॉन , रैट स्नेक, बफ़-धारीदार कीलबैक , हरी कीलबैक, मगरमच्छ, घड़ियाल , ऊदबिलाव और कछुए हैं।
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