बिपिन चंद्र पाल (1858-1932)
- पूरे में देश में बिपिन चंद्र पाल को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया गया। वे प्रख्यात स्वतेलता सेनानी एवं राष्ट्रवादी नेता थे।
बिपिन चंद्र पाल के बारे में:
- इनका जन्म सिलहट (अब बांग्लादेश) में हुआ था।
- वे तीन महान उग्रपंथी राष्ट्रवादी स्वतंलता सेनानियों की तिकड़ी में से एक थे। इस तकड़ी को "लाल पाल बाल" के नाम से जाना जाता है। इस तिकड़ी में शामिल अन्य दो स्वतेलता सेनानी थे- लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक।
प्रमुख योगदान:
- उन्होंने स्वदेशी और स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) की अवधारणाओं को लोकप्रिय बनाया था।
- उन्होंने बाल गंगाधर तिलक के हिंदू राष्ट्रवाद की जगह 'समग्र देशभक्ति'का प्रचार किया था।
- बिपिन जी को बन्दे मातरम् राजद्रोह मामले में 6 माह की जेल की सजा हुई थी।
- उन्होंने बंगाल वैष्णववाद दर्शन पर पुस्तकें लिखी थीं।
- महत्वपूर्ण पुस्तकेंः बंदे मातरम (दैनिक), न्यू इंडिया (साप्ताहिक जर्नल), हिंदु रिव्यू (मासिक) आदि।
- मूल्यः राष्ट्रवाद, देशभक्ति, पंथनिरपेक्षता, बुद्धिवाद, आदि।
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अरब लीग
- हाल ही में मनामा (बहरीन) में अरब लीग शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ है। इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने गाजा में युद्धविराम और क्षेत्रीय एकता की अपील की है।
अरब लीग (अरब देशों की लीग) के बारे में:
- यह एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसमें मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के सभी अरब देश शामिल हैं।
- उत्पत्तिः इसका गठन 1944 में अलेक्जेंड्रिया प्रोटोकॉल को अपनाने के बाद 1945 में काहिरा (मिस्र) में किया गया था।
- मुख्यालयः काहिरा (मिस्र)।
- प्रमुख कार्यः सदस्य देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना; नीतियों का समन्वय करना तथा राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और कानूनी मुद्दों पर सहयोग करना।
- सदस्यः इसके 22 सदस्य देश हैं। इसमें भारत को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
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यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (TTDI), 2024
- हाल ही में विश्व आर्थिक मंच के यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक (TTDI), 2024 की रैंकिंग जारी की गई है।
रिपोर्ट की मुख्य बातें:
- वैश्विक रैंकिंग: वर्ष 2024 के TTDI में शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं में संयुक्त राज्य अमेरिका, स्पेन, जापान, फ्राँस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, चीन, इटली और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।
- इन देशों को अनुकूल कारोबारी माहौल, मजबूत परिवहन और पर्यटन बुनियादी ढाँचे और प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक संसाधनों की उच्च सांद्रता से लाभ होता है।
- वर्ष 2019 के स्तर से 20% अधिक पर्यटक आगमन के साथ पश्चिम एशिया अन्य क्षेत्रों से आगे निकल गया, जबकि यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका अपने महामारी-पूर्व स्तर के लगभग 90% तक वापस आ गए हैं।
2024 सूचकांक पर भारत का समग्र स्कोर:
- विश्व आर्थिक मंच के नवीनतम सूचकांक में भारत 39वें स्थान पर पहुंच गया है।
- भारत 2021 में 54वें स्थान पर था , लेकिन सूचकांक मानदंड में परिवर्तन के कारण 2022 और 2023के साथ इसकी सीधी तुलना सीमित हो गई है।
- 2024 इंडेक्स में भारत का कुल स्कोर 4.25 है। भारत ने उच्च मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता (दुनिया में 18वां स्थान), प्रतिस्पर्धी हवाई परिवहन (26वां) के साथ-साथ जमीनी और बंदरगाह (25वां) बुनियादी ढांचे में अच्छा प्रदर्शन किया है।
- भारत प्राकृतिक संसाधनों में 6वें, सांस्कृतिक संसाधनों में 9वें और गैर-अवकाश संसाधनों में 9वें स्थान पर था। भारत सभी संसाधन स्तंभों में शीर्ष -10 रैंकिंग हासिल करने वाले तीन देशों में से एक है।
विश्व आर्थिक मंच के बारे में:
- विश्व आर्थिक मंच एक गैर-लाभकारी अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक है जिसे सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 1971 में जर्मनी के क्लॉस श्वाब द्वारा स्थापित किया गया था।
- डबल्यूईएफ़ का मुख्यालय: कोलोनी, स्विट्जरलैंड
डबल्यूईएफ़द्वारा जारी रिपोर्ट
- वैश्विक लिंग अंतर रिपोर्ट,
- वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता रिपोर्ट,
- ऊर्जा संक्रमण सूचकांक,
- वैश्विक यात्रा और पर्यटन रिपोर्ट,
- वैश्विक आईटी रिपोर्ट,आईएनएसईएडी और कॉर्नेल विश्वविद्यालय के सहयोग से ।
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प्रोजेक्ट उद्भव
- प्रोजेक्ट उद्भव के तहत नई दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रोजेक्ट उद्भव के बारे में:
- इसे 2023 में लॉन्च किया गया था। यह भारतीय थल सेना और यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया (USI)के बीच एक सहयोग है।
- इसका उद्देश्य आधुनिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए एक विशिष्ट और समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए, आधुनिक सैन्य प्रणालियों के साथ प्राचीन ज्ञान को प्रभावी ढंग से एकीकृत करना है।
- इसका उद्देश्य भारतीय ज्ञान परम्पराओं और दर्शन की गहन समझ को बढ़ाना तथा आधुनिक समय में उनके स्थायी जुड़ाव, प्रासंगिकता एवं उपयोगिता को समझना है।
- उदाहरण के लिए चाणक्य की कृति "अर्थशास्त्र" रणनीतिक साझेदारी, गठबंधन और कूटनीति के महत्त्व को रेखांकित करती है, जो आधुनिक सैन्य रणनीतियों के अनुरूप हैं।
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आर21/ मैट्रिक्स-एम (R21/Matrix-M)
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अफ्रीका को R21/ Matrix-M मलेरिया वैक्सीन का निर्यात शुरू कर दिया है।
- मलेरिया एक घातक बीमारी है। यह बीमारी प्लाज्मोडियम जीनस के एकल-कोशिका वाले परजीवी के कारण होती है।
- इंसानों में इसका संक्रमण कुछ प्रकार के मच्छरों के काटने से फैलता है।
R21/Matrix-M के बारे में:
- इसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और SII ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह वैक्सीन नोवावैक्स की एडजुवेंट टेक्नोलॉजी का उपयोग करके तैयार की गई है।
- एडजुवेंट कुछ वैक्सीन में इस्तेमाल किया जाने वाला एक घटक है, जो मजबूत प्रतिरक्षा को सक्रिय करता है।
- यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से मंजूरी प्राप्त दूसरी मलेरिया वैक्सीन है। ऐसी पहली वैक्सीन "RTS, S/AS01" को 2023 में मंजूरी दी गई थी।
- यह वैक्सीन पी. फाल्सीपेरम के खिलाफ अधिक प्रभावी है। गौरतलब है कि पी. फाल्सीपेरम सबसे घातक मलेरिया परजीवी है और अफ्रीका महाद्वीप में इसके सबसे अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं।
आर21/मैट्रिक्स-एम मलेरिया वैक्सीन :
- मलेरिया की रोकथाम के प्रयासों में R21/मैट्रिक्स-एम वैक्सीन एक आशाजनक कदम है। इसे प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम परजीवी से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो मलेरिया के सबसे गंभीर रूप का कारण बनता है।
- रचना: R21 वैक्सीन में मलेरिया परजीवी (R21) से प्राप्त प्रोटीन होता है, जिसे मैट्रिक्स-एम नामक एक सहायक के साथ मिलाया जाता है। सहायक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाता है।
मलेरिया क्या है?
- मलेरिया एक जानलेवा मच्छर जनित रक्त रोग है जो प्लाज़्मोडियम परजीवियों के कारण होता है।
- 5 प्लाज़्मोडियम परजीवी प्रजातियाँ हैं जो मनुष्यों में मलेरिया का कारण बनती हैं तथा इनमें से 2 प्रजातियाँ- पी. फाल्सीपेरम व पी. विवैक्स सबसे बड़ा खतरा पैदा करती हैं।
- मलेरिया मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
- मलेरिया संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है।
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अंटार्कटिका संसद
- भारत 20-30 मई तक कोच्चि में 46वीं अंटार्कटिक संधि परामर्श बैठक (एटीसीएम 46) की मेजबानी कर रहा है, जिसे अंटार्कटिक संसद के रूप में भी जाना जाता है।
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के माध्यम से गोवा स्थित राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र ने इस बैठक का आयोजन किया है, जिसमें अंटार्कटिक संधि के 56 सदस्य देश भाग लेंगे। भारत ने पिछली बार 2007 में नई दिल्ली में एटीसीएम की मेजबानी की थी।
अंटार्कटिक संधि के बारे में:
- बारह देश - अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, चिली, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, यूएसएसआर, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका - अंटार्कटिक संधि के मूल हस्ताक्षरकर्ता थे, जिस पर 1 दिसंबर, 1959 को हस्ताक्षर किए गए थे।
- यह संधि 1961 में लागू हुई और तब से 1983 में भारत सहित कुल 56 देश इसमें शामिल हो गए।
- शीत युद्ध के दौरान हस्ताक्षरित अंटार्कटिक संधि ने अंटार्कटिका को प्रभावी रूप से "अनावासित भूमि"घोषित कर दिया, जो अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा की सीमा से बाहर है।
संधि की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं:
- अंटार्कटिका का उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, और किसी भी सैन्यीकरण या किलेबंदी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- सभी हस्ताक्षरकर्ताओं को वैज्ञानिक जांच करने की स्वतंत्रता होगी, तथा उन्हें वैज्ञानिक कार्यक्रमों के लिए योजनाओं को साझा करना होगा, अपेक्षित सहयोग प्रदान करना होगा, तथा एकत्र किए गए आंकड़ों को स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराना होगा।
- अंटार्कटिका में कहीं भी परमाणु परीक्षण या रेडियोधर्मी अपशिष्ट पदार्थों का निपटान प्रतिबंधित होगा।
- आज, यह संधि ग्रह पर पांचवें सबसे बड़े महाद्वीप अंटार्कटिका में सभी शासन और गतिविधियों का आधार बनती है।
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यूके में हुआ दूषित रक्त घोटाला जिसने कम से कम 3,000 लोगों की ली जान
- यूनाइटेड किंगडम के दूषित रक्त घोटाले की स्वतंत्र जांच की रिपोर्ट , जो सोमवार (20 मई) को प्रकाशित हुई, में पाया गया कि सरकार ने उन गलतियों को छुपाया, जिसके कारण हजारों लोग एचआईवी या हेपेटाइटिस से संक्रमित हो गए।
- दूषित रक्त कांड, राज्य-वित्तपोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के इतिहास में सबसे घातक उपचार आपदाओं में से एक है।
अन्य तथ्य:
- यह जांच छह साल पहले 2017 में शुरू की गई थी, जब थेरेसा मे प्रधानमंत्री थीं। इसका उद्देश्य यह देखना था कि 1970 और 1980 के दशक में कैसे हजारों लोग संक्रमित रक्त उत्पादों के आधान से घातक बीमारियों का शिकार हुए।
- 2019 तक लगभग 3,000 लोगों की जटिलताओं से मृत्यु होने का अनुमान लगाया गया था।
ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) क्या है ?
- एनएचएस सरकारी प्रशासन के तहत एक समावेशी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा है, जिसे 1946 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा अधिनियम और उसके बाद 1948 के कानून द्वारा स्थापित किया गया था।
- ब्रिटेन की पूरी आबादी इसके अंतर्गत आती है, और कुछ न्यूनतम शुल्कों को छोड़कर, जनता को स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।
- एनएचएस चार सेवाओं का गठन करता है - इंग्लैंड में एनएचएस, एनएचएस स्कॉटलैंड, एनएचएस वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल। यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा नियोक्ता और सबसे बड़ा गैर-सैन्य सार्वजनिक संगठन है , और महत्वपूर्ण बाजार शक्ति रखता है।
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10वां विश्व जल मंच इंडोनेशिया के बाली में हुआ प्रारंभ
- हर तीन साल में आयोजित होने वाली जल हितधारकों की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय सभा, 10वां विश्व जल मंच - 'साझा समृद्धि के लिए जल' - 18 से 25 मई तक इंडोनेशिया के बाली में आयोजित किया जा रहा है ।
विश्व जल परिषद (WWC) क्या है?
- विश्व जल परिषद की स्थापना 1996 में हुई थी।
- WWC का विचार 1994 में अंतर्राष्ट्रीय जल एवं स्वच्छता कांग्रेस एवं प्रदर्शनी तथा उसके बाद 1996 में पेयजल एवं पर्यावरण स्वच्छता पर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के दौरान हुई चर्चाओं से उभरा।
- WWC की गतिविधियां अन्य बातों के अलावा SDG 6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता) से संबंधित लक्ष्यों पर केंद्रित हैं ।
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एटीडी बेस्ट अवार्ड्स 2024
- सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी को एटीडी बेस्ट अवार्ड्स 2024 में प्रतिभा विकास श्रेणी के लिए दुनिया में तीसरा स्थान दिया गया।
- एनटीपीसी सार्वजनिक क्षेत्र का एकमात्र उपक्रम है, जिसे पिछले 8 साल में सात बार यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।
- 21 मई को न्यू ऑरलियन्स, यूएसए में आयोजित एक समारोह में एनटीपीसी की सीजीएम (रणनीतिक मानव संसाधन और प्रतिभा प्रबंधन) रचना सिंह भाल ने यह पुरस्कार स्वीकार किया।
एटीडी बेस्ट अवार्ड्स:
- एसोसिएशन फॉर टैलेंट डेवलपमेंट (एटीडी) यूएसए द्वारा स्थापित एटीडी बेस्ट अवार्ड्स, लर्निंग एंड डेवलपमेंट (एलएंडडी) के क्षेत्र में सबसे सम्मानित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है।
- इस पुरस्कार की शुरुआत 2003में हुई थी।
- यह उन संगठनों को सम्मानित करता है जो एक रणनीतिक व्यवसाय उपकरण के रूप में प्रतिभा विकास का लाभ उठाते हैं और प्रभावी कर्मचारी विकास प्रथाओं के माध्यम से उद्यम-व्यापी सफलता का प्रदर्शन करते हैं।
एनटीपीसी के बारे में
- भारत सरकार ने 1975 में नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के रूप में एनटीपीसी की स्थापना की।
- 2005 में, कंपनी का नाम बदलकर एनटीपीसी लिमिटेड कर दिया गया।
- वर्तमान में, एनटीपीसी समूह की स्थापित क्षमता 76,015 मेगावाट है। इसमें 51 एनटीपीसी के स्वामित्व वाले बिजली स्टेशन (27 कोयला आधारित, 7 गैस आधारित, 1 हाइड्रो, 1 लघु हाइड्रो और 15 सौर पीवी) शामिल हैं।
- कंपनी का लक्ष्य 2032 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित उत्पादन क्षमता को अपनी कुल बिजली उत्पादन का 50%तक बढ़ाना है।
- एनटीपीसी को मई 2010 में महारत्न का दर्जा प्रदान किया गया था।
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गंगा नदी बेसिन में 4000 से अधिक डॉल्फ़िन
- भारतीय वन्यजीव संस्थान की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार , गंगा नदी बेसिन में 4000 से अधिक डॉल्फ़िन हैं।
- गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों में पाई जाने वाली 4000 नदी डॉल्फ़िन में से 2000 से अधिक अकेले उत्तर प्रदेश में पाई जाती हैं।
- उत्तर प्रदेश में डॉल्फ़िन मुख्य रूप से चंबल नदी में पाई जाती हैं।
गंगा डॉल्फिन
- वैज्ञानिक नाम: प्लैटनिस्टा गैंगेटिका (Platanista gangetica)
- गंगा डॉल्फिन की खोज आधिकारिक तौर पर वर्ष 1801 में की गई थी।
- गंगा डॉल्फिन नेपाल, भारत और बांग्लादेश की गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और कर्नाफुली-सांगु नदी प्रणालियों में रहती है।
- गंगा डॉल्फिन केवल मीठे पानी में रह सकती है और यह वास्तव में दृष्टिहीन होती है।
- ये पराश्रव्य ध्वनियों का उत्सर्जन करके शिकार करती हैं, जो मछलियों और अन्य शिकार से टकराकर वापस लौटती है तथा उन्हें अपने दिमाग में एक छवि "देखने" में सक्षम बनाती है। इन्हें 'सुसु' (Susu) भी कहा जाता है।
सरकार के कदम
- गंगा नदी डॉल्फिन को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध किया गया है जो उच्चतम स्तर की कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
- केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा 18 मई 2010 को गंगा नदी डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय पशु घोषित किया गया था।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने चंबल अभयारण्य में डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र घोषित किया है।
- प्रोजेक्ट डॉल्फिन (Project Dolphin): भारतीय प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस-2020 पर दिये गए अपने भाषण में प्रोजेक्ट डॉल्फिन को लॉन्च करने की घोषणा की। यह प्रोजेक्ट टाइगर की तर्ज पर होगा, जिसने बाघों की आबादी बढ़ाने में मदद की।
- डॉल्फिन अभयारण्य: बिहार के भागलपुर ज़िले में विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य की स्थापना की गई है।
- राष्ट्रीय गंगा डॉल्फिन दिवस: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा प्रतिवर्ष 5 अक्तूबर को गंगा डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाता है
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टुंड्रा पारिस्थितिकी तंत्र
- एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि गर्म होते ग्रह के कारण टुंड्रा पर्यावरण की विशेषताएं बदल सकती हैं, तथा वे कार्बन सिंक से कार्बन स्रोत में परिवर्तित हो सकते हैं।
टुंड्रा पारिस्थितिकी तंत्र
- इस प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र में, वे पेड़ों से मुक्त होते हैं क्योंकि यह वर्ष के अधिकांश समय बर्फ से ढका रहता है।
- ये पारिस्थितिक तंत्र मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में मौजूद होते हैं जहां ठंडी जलवायु होती है और बहुत सीमित या कोई वर्षा नहीं होती है।
टुंड्रा क्षेत्र की विशेषताएँ
- निम्न तापमान: टुंड्रा क्षेत्र में औसत तापमान -34 से -6 डिग्री सेल्सियस (-30 से 20 डिग्री फ़ारेनहाइट) होता है।
- लघु वृद्धि काल: ग्रीष्मकालीन वृद्धि काल केवल 50 से 60 दिनों का होता है, जब सूर्य 24 घंटे चमकता रहता है।
- पर्माफ्रॉस्ट: सतह के नीचे स्थायी रूप से जमी हुई मिट्टी की एक परत होती है, जो कुछ इंच से लेकर कई फीट तक मोटी हो सकती है।
- न्यूनतम वर्षा: नमी के मामले में अक्सर रेगिस्तानों से तुलना किए जाने के बावजूद, टुंड्रा में कम स्तर की वर्षा होती है, अक्सर बर्फ के रूप में।
- सीमित जैव विविधता: टुंड्रा की कठोर परिस्थितियों के परिणामस्वरूप अन्य बायोम की तुलना में पौधों और जानवरों की प्रजातियाँ कम हैं।
- कार्बन सिंक: ठंडे वातावरण में धीमी अपघटन दर के कारण टुंड्रा एक महत्वपूर्ण कार्बन भंडारण क्षेत्र के रूप में कार्य करता है।
विश्व में तीन प्रकार के टुंड्रा पाए जाते हैं:
- आर्कटिक टुंड्रा जो सुदूर उत्तरी गोलार्ध में टैगा बेल्ट के उत्तर में होता है (इसमें उत्तरी ध्रुव और बोरियल जंगल के बीच की भूमि शामिल है, जिसमें कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड के कुछ हिस्से शामिल हैं।)
- अल्पाइन टुंड्रा जो विश्व भर के पर्वतों में वृक्ष रेखा से ऊपर पाया जाता है (विभिन्न पर्वत श्रृंखलाओं में जैसे कि रॉकीज़, एंडीज़, हिमालय और आल्प्स)।
- अंटार्कटिक टुंड्रा जिसमें कई उप-अंटार्कटिक द्वीप और अंटार्कटिका महाद्वीप के कुछ हिस्से शामिल हैं
वनस्पति : काई, लाइकेन, सेज, कपास घास, बिर्च आदि।
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शॉ पुरस्कार
- भारतीय मूल के खगोल विज्ञान के प्रोफेसर श्रीनिवास आर. कुलकर्णी, जो अब अमेरिका में रहते हैं, को 2024 के लिए खगोल विज्ञान में प्रतिष्ठित शॉ पुरस्कार दिया गया है।
- उन्हें मिलीसेकंड पल्सर, गामा-रे बर्स्ट का अध्ययन करने वाले पहले लोगों में से एक होने के लिए जाना जाता है।
श्रीनिवास आर. कुलकर्णी
- श्रीनिवास आर. कुलकर्णी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक पालोमर ट्रांजिएंट फैक्ट्री और उसके उत्तराधिकारी, ज़्विकी ट्रांजिएंट फैसिलिटी के निर्माण का नेतृत्व करना है
- 1978 में, कुलकर्णी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से अपनी मास्टर डिग्री प्राप्त की।
- उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
शॉ पुरस्कार
- 2002 में, हांगकांग के परोपकारी रन रन शॉ ने एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, शॉ पुरस्कार की स्थापना की।
- खगोल विज्ञान, जीवन विज्ञान और चिकित्सा तथा गणितीय विज्ञान में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने वाले लोगों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।
- ये तीनों पुरस्कार हर साल दिए जाते हैं और प्रत्येक का मूल्य 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
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ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ग्लोबल सिटीज इंडेक्स
- ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ग्लोबल सिटीज इंडेक्स 2024 में दिल्ली को 350वें स्थान पर रखा गया है
- ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ग्लोबल सिटीज इंडेक्स दुनिया के 1000 शहरों की तुलना करता है।
ऑक्सफोर्ड ग्लोबल सिटीज़ इंडेक्स रिपोर्ट 2024 में भारतीय शहर
शहर क्रम
- दिल्ली 350
- बेंगलुरु 411
- मुंबई 427
- चेन्नई 472
- कोच्चि 521
ग्लोबल सिटीज़ इंडेक्स रिपोर्टल:
- ग्लोबल सिटीज़ इंडेक्स रिपोर्ट मंगलवार को जारी हुई।
- यह एक वार्षिक रिपोर्ट है जो दुनिया के लगभग 1,000 सबसे बड़े शहरों की रैंकिंग करती है। रैंकिंग पांच महत्वपूर्ण श्रेणियों के आधार पर की जाती है।
- पांच श्रेणियां हैं अर्थशास्त्र, शासन, जीवन की गुणवत्ता, पर्यावरण और मानव पूंजी।
ऑक्सफोर्ड ग्लोबल सिटीज़ इंडेक्स रिपोर्ट 2024 में विश्व के शहर:
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ग्लोबल सिटीज़ इंडेक्स 2024 में न्यूयॉर्क कोपहला स्थान ,दूसरा स्थान लंदन को और तीसरा स्थान सैन जोस को प्रदान किया गया ।
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