राष्ट्रीय हरित अधिकरण
चर्चा में क्यों
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CPCL) को मार्च 2023 में नागपट्टिनम तट पर हुए तेल रिसाव के लिए 5 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान करने का आदेश दिया है।
- CPCL को यह भुगतान 'नो-फॉल्ट लायबिलिटी' के रूप में करना है।
- नो-फॉल्ट लायबिलिटी (या स्ट्रिक्ट लायबिलिटी) सिद्धांत इसलिए लागू किया गया है, क्योंकि पाइपलाइन से रिसाव किसी बाहरी कारक के कारण हुआ था, न कि CPCL की किसी लापरवाही या त्रुटिके कारण।
तेल रिसाव (Oil Spill) के बारे में
- तेल रिसाव प्रदूषण का एक रूप है। यह मानवजनित गतिविधि के कारण पर्यावरण, विशेष रूप से समुद्री क्षेलों में तरल पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन का रिसाव है।
- यह रिसाव अक्सर टैंकरों, माल लदान नौकाओं (Barges), पाइपलाइनों, रिफाइनरियों आदि से जुड़ी दुर्घटनाओं के कारण होता है।
तेल रिसाव से निपटने की तकनीकें
- आयलजैपरः इसमें क्रूड ऑयल और तैलीय गाद (Sludge) के हाइड्रोकार्बन यौगिकों का अपघटन करने वाले बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है।
- ऑयलीवोरस-S: यह तकनीक आयलजैपर के समान है, लेकिन यह उच्च-सल्फर सांद्रता वाली तैलीय गाद और क्रूड ऑयल से निपटने में अधिक सक्षम है।
- फ्लोटिंग बूमः उदाहरण के लिए समुद्र में तेल रिसाव के फैलाव को रोकने के लिए अस्थायी फ्लोटिंग बैरियर्स उपयोग किए जाते हैं।
- अलग-अलग प्रकार के तेल अवशोषकों का इस्तेमालः जैसे पुआल, ज्वालामुखीय राख आदि।
तेल रिसाव पर पहलें
- राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिकता योजना (1996):भारतीय तटरक्षक बल इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसीं है।
- जहाजों से प्रदूषण की रोकथाम के लिए अंतरर्राष्ट्रीय अभिसमय या MARPOL: भारत इस अभिसमय का हस्ताक्षरकर्ता देश है।
तेल प्रदूषण के खिलाफ तत्परता प्रतिक्रिया और सहयोग पर अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय (OPRC), 1990: भारत इस अभिसमय का हस्ताक्षरकर्ता देश है
- बंकर तेल प्रदूषण से हानि के लिए सिविल दायित्व पर अंतरर्राष्ट्रीय अभिसमय (2001): भारत ने 2015 में इस अभिसमय की अभिपुष्टि कर दी थी।
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शाहिद अफ़रीदी
- विश्व क्रिकेट की नियामक संस्था, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने पाकिस्तान के शाहिद अफ़रीदी को आगामी 9वें ICC पुरुष T20 विश्व कप का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है।
यह टूर्नामेंट 1 से 29 जून 2024 तक वेस्टइंडीज़ और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा।
- शाहिद अफरीदी भारत के युवराज सिंह, वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और जमैका के धावक उसैन बोल्ट के साथ इस आयोजन के ब्रांड एंबेसडर होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी)
- अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद विश्व में पुरुष और महिला क्रिकेट को नियंत्रित करती है।
- इसके 108 सदस्य हैं, और बारह देश - भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे, आयरलैंड और अफगानिस्तान - टेस्ट मैच खेलने के पात्र हैं।
- मुख्यालय : दुबई, संयुक्त अरब अमीरात
- आईसीसी के अध्यक्ष : न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले
- आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) : ऑस्ट्रेलिया के ज्योफ एलार्डिस।
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रेड लिस्ट ऑफ इकोसिस्टम्स
- पहली बार, किसी पारिस्थितिकी तंत्र समूह का पूर्णतया "IUCN-रेड लिस्ट ऑफ़ इकोसिस्टम (RLE)"का इस्तेमाल करके मूल्यांकन किया गया है।
- • IUCN का रेड लिस्ट ऑफ़ इकोसिस्टम, पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को मापने, खतरे के स्तर का आकलन करने और सबसे प्रभावी प्रबंधन उपायों की पहचान करने के लिए एक वैश्विक मानक है।
वैश्विक मैग्रोव मूल्यांकन
- मूल्यांकन किए गए मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्रों में से 50 प्रतिशत विलुप्त होने की कगार पर हैं। लगभग 20% उच्च जोखिम का सामना कर रहे हैं।
- उच्च जोखिम में एनडेंजर्ड या क्रिटिकली एनडेंजर्ड के रूप में वर्गीकृत तत्र शामिल हैं
मैंग्रोव को खतराः
जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, अविवेकपूर्ण विकास, प्रदूषण और बांध निर्माण प्रमुख खतरे हैं।
- जलवायु परिवर्तन के कारण मूल्यांकन किए गए लगभग 33 प्रतिशत मैग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में हैं।
- समुद्री जल स्तर में वृद्धि के कारण, अगले 50 वर्षों में वैश्विक मैंग्रोव क्षेत्र का 25% जलमग्न होने का अनुमान है।
IUCN रेड लिस्ट में भारतीय मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंल का वर्गीकरणः
- अंडमान और बंगाल की खाड़ी के मैंग्रोवः लीस्ट कंसर्न;
- दक्षिण भारत के मैंग्रोवः क्रिटिकली एनडेंजर्ड; तथा
- पश्चिम भारत के मैंग्रोवः वल्नरेबल।
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जीरो डेब्रिज चार्टर (ZBC) पर हस्ताक्षर
- 12 देशों और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने जीरो डेब्रिज चार्टर (ZBC) पर हस्ताक्षर किए
- "यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी / यूरोपीय संघ (ESA/ EU) अंतरिक्ष परिषद" की ब्रुसेल्स में आयोजित 11 वीं बैठक में जीरो डेब्रिज चार्टर (ZBC) पर हस्ताक्षर किए गए।
जीरो डेब्रिज चार्टर के बारे में
- यह अंतरिक्ष मलबे से निपटने हेतु विश्व की अग्रणी पहल है। इसका उद्देश्य 2030 तक अंतरिक्ष में "डेब्रिज न्यूट्रल" की स्थिति प्राप्त करना है
- इस चार्टर में उच्च-स्तरीय मार्गदर्शक सिद्धांत और महत्वाकांक्षी लक्ष्य दोनों शामिल हैं। इन लक्ष्यों में "अंतरिक्ष में
- शून्य मलबा" (Zero Debris goal) जैसा संयुक्त रूप से निर्धारित लक्ष्य अति महत्वपूर्ण है।
- इस चार्टर पर हस्ताक्षर करने वाले 12 देश हैं: ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस, एस्टोनिया, जर्मनी, लिथुआनिया, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम
नोट -
भारत की पहलें:
- 2030 तक मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन (Debris Free Space Missions: DFSM) लॉन्च किया गया है। इसे इसरो सिस्टम फॉर सेफ एंड सस्टेनेबल स्पेस ऑपरेशंस मैनेजमेंट (IS4OM) द्वारा लागू किया जा रहा है।
- स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस के लिए प्रोजेक्ट नेत्र (नेटवर्क फॉर स्पेस ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग एंड एनालिसिस / NEtwork for space object TRacking and Analysis: Project NETRA) लॉन्च किया गया है।

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eVTOL एयरक्राफ्ट
- आईआईटी मद्रास द्वारा इनक्यूबेटेड ईप्लेन कंपनी बेंगलुरु में इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (eVTOL) विमान लॉन्च करने की योजना बना रही है।
eVTOL एयरक्राफ्ट के बारे में
· ये लंबवत रूप से उड़ान भर सकते हैं और लैंडिंग कर सकते हैं।
- इससे उन्हें भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में परिचालन करने में मदद मिलती है।
- ये वितरित विद्युत प्रणोदन और ऊर्ध्वाधर लिफ्ट के माध्यम से उड़ान भरते हैं।
- इलेक्ट्रिक मोटर्स सभी दिशाओं में ऊपर उठने और नियंत्रण के लिए अलग-अलग कॉन्फ़िगरेशन में व्यवस्थित रोटर्स या प्रोपेलर का संचालन करती हैं।
- बैटरियां, आमतौर पर लिथियम आयन या अन्य ऊर्जा भंडारण प्रणालियां ऊपर उठने और उड़ने के लिए आवश्यक ऊर्जा संग्रहीत करती हैं और प्रदान करती हैं।
लाभः
- ट्रैफिक की भीड़ में कमी करने में सहायक हैं,
- वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने में मदद कर सकते हैं, पहुंच और कनेक्टिविटी में सुधार ला सकते हैं,
- आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकते हैं आदि।
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प्याज की रेडिएशन प्रोसेसिंग की योजना
- केंद्र सरकार प्याज की कमी की समस्या से निपटने के लिए प्याज की रेडिएशन प्रोसेसिंग की योजना बना रही है।
रेडिएशन प्रोसेसिंग के बारे में
- इसमें खाद्य पदार्थों या फसलों को आयनकारी विकिरण क्षेत्रों (गामा किरणें, एक्सेलरेटेड इलेक्ट्रॉन और एक्स-रे) से गुजारा जाता है। इससे ये पदार्थ वांछित विकिरण ऊर्जा को अवशोषित कर लेते हैं।
- ये विकिरण फसलों के पकने या सड़ने की प्रकिया को धीमा कर देते है तथा फसलों को खराब करने वाले रोगाणुओं को नष्ट करके उनकी शेल्फ-लाइफ बढ़ा देती हैं आदि।
- हालांकि, इन विकिरणों का उपयोग माइक्रोबियल टॉक्सिन्स और रोगजनक वायरस को नष्ट करने के लिए नहीं किया जा सकता है।
यह खाद्य पदार्थों या फसलों में बहुत कम रासायनिक परिवर्तन उत्पन्न करती है।
- अन्य प्रोसेसिंग तकनीकों की तुलना में रेडिएशन प्रोसेसिंग में पोषण मूल्य कम नष्ट होते हैं।
रेडिएशन प्रोसेसिंग का विनियमन
- खाद्य अपमिश्रण निवारण (पांचवां संशोधन) नियम, 1994 में विकिरण प्रक्रिया से गुजरे खाद्य पदार्थों के सभी पैकेजेस पर कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग द्वारा समर्थित "ग्रीन इरेडिएटिड” लोगो दर्शाना अनिवार्य किया गया है।
- साथ ही, इस लोगो के साथ 'विकिरण विधि द्वारा प्रसंस्कृत' (Processed by Irradiation method) वाक्य लिखा होना भी जरूरी है।
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हीट इंडेक्स
हाल ही में, दिल्ली में हीट इंडेक्स 50°C तक पहुंच गया था।
हीट इंडेक्स (HI) के विषय में
- इसे प्रायोगिक आधार पर भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने लॉन्च किया है।
- हीट इंडेक्स को 'आभासी या अनुभूति तापमान' (Apparent Temperature)' भी कहा जाता है। यह वास्तव में वास्तविक तापमान की तुलना में अधिक गर्मी का एहसास होना है। मानव शरीर को इसका अनुभव तब होता है, जब सापेक्ष आर्द्रता वायु के तापमान के साथ संयोजित हो जाती है।
यह उच्च तापमान पर आर्द्रता के प्रभाव के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसका 'मानव के लिए कष्टप्रद' के संकेत के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
हीट इंडेक्स के लिए निम्नलिखित कलर कोड का उपयोग किया जाता है:
- हराः हीट इंडेक्स 35 डिग्री सेल्सियस से कम हो;
- पीलाः हीट इंडेक्स 36-45 डिग्री सेल्सियस के बीच हो;
- नारंगी: हीट इंडेक्स 46-55 डिग्री सेल्सियस के बीच हो;
- लालः हीट इंडेक्स 55 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो।
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जीरो-कार्बन सीमेंट
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने जीरो कार्बन सीमेंट के उत्पादन के लिए एक प्रक्रिया विकसित की है।
- सीमेंट के उत्पादन की प्रक्रिया के चलते काफी प्रदूषण होता है। इसी कारण से कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लगभग 8% के लिए सीमेंट उद्योग उत्तरदायी है।
सीमेंट बनाने के लिए "क्लिंकर" की आवश्यकता होती है। क्लिंकर को चूना पत्थर और क्ले सहित कच्चे माल को 1450°C तक गर्म करके बनाया जाता है।
- सीमेंट उद्योग के कार्बन फुटप्रिंट के लगभग 90% हिस्से के लिए क्लिंकर का उत्पादन जिम्मेदार है।
- क्लिंकर बनाने की नई विकसित प्रक्रिया में ध्वस्त इमारतों से लिए गए सीमेंट पेस्ट का फिर से उपयोग और इस्पात पुनर्चक्रण में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस का उपयोग किया जाता है।
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मृगावनी राष्ट्रीय उद्यान (MNP)
तेलंगाना वन विभाग ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को सूचित किया है कि चिलकुर में MNP का क्षेत्रसरकारी दस्तावेजों में 80 हेक्टेयर कम कर दिया गया है।
- NGT इस उद्यान के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र के भीतर से बिछाई जा रही अतिरिक्त हाई टेंशन विद्युत लाइनों के मामले की सुनवाई कर रहा है।
मृगावनी राष्ट्रीय उद्यान के बारे में
- मृगावनी राष्ट्रीय उद्यानहैदराबाद, तेलंगाना राज्य, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है।
- यह एमजीबीएस से 20 किमी दूर मोइनाबाद मंडल के चिलकुर में स्थित है और 3.6 वर्ग किलोमीटर (1.4 वर्ग मील) या 1211 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है।
- इसे 1994 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
- विविध वनस्पतियों और जीवों के अलावा मृगावनी राष्ट्रीय उद्यान में वारब्लर, मोर, लैपविंग और फूल पेकर सहित पक्षियों की 100 से अधिक प्रजातियाँ हैं।
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पापुआ न्यू गिनी
चर्चा में क्यों
- पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन के कारण 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है
- पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से करीब 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम स्थित एंगा प्रांत के एक गांव में भूस्खलन हुआ था।
पापुआ न्यू गिनी के विषय में
- पापुआ न्यू गिनी एक द्वीप देश है जो दक्षिण-पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित है।
- इसमें न्यू गिनी का पूर्वी आधा भाग और कई छोटे अपतटीय द्वीप शामिल हैं।
- इसके पड़ोसियों में पश्चिम में इंडोनेशिया, दक्षिण में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण-पूर्व में सोलोमन द्वीप शामिल हैं।
- यह मुख्य रूप से पहाड़ी है, लेकिन दक्षिणी न्यू गिनी में निचले मैदान हैं। देश में कई सक्रिय ज्वालामुखी हैं।
- राजधानी पोर्ट मोरेस्बी है।
- केवल 60 लाख जनसंख्या वाला देश विविधताओं के देश के रूप में भी जाना जाता है।
- यहाँ की जनसंख्या का सिर्फ़ 18 प्रतिशत भाग शहरी क्षेत्रों में निवास करता है।

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कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) क्रिकेट टीम ने 17वें आईपीएल का खिताब जीता
- कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) क्रिकेट टीम ने 17वें आईपीएल के फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) को हराकर खिताब जीता
- फाइनल 26 मई 2024 को तमिलनाडु के चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला गया था ।
- केकेआर ने सनराइजर्स को आठ विकेट से हराकर तीसरी बार ट्रॉफी अपने नाम
कोलकाता नाइट राइडर्स
- श्रेयस अय्यर की अगुआई में केकेआर की टीम ने फाइनल में एसआरएच टीम को आठ विकेट से हरा दिया।
- यह केकेआर की तीसरी आईपीएल ट्रॉफी थी, जिसे उसने 2012 और 2014में जीता था।
- मैच का सर्वोत्तम खिलाड़ी: केकेआर के मिशेल स्टार्क।
आईपीएल 2024 पुरस्कार और पुरस्कार राशि
- विजेता (20 करोड़ रुपये) - कोलकाता नाइट राइडर्स
- रनर अप (12.5 करोड़ रुपये) - सनराइजर्स हैदराबाद
- ऑरेंज कैप (10 लाख रुपये) - विराट कोहली (आरसीबी) ने सीजन में सबसे अधिक रन बनाए; उन्होंने 15 मैचों में 741 रन बनाए।
- पर्पल कैप (10 लाख रुपये) - हर्षल पटेल (PBKS) ने सीजन में सबसे ज़्यादा विकेट लिए। 14 मैचों में उन्होंने 24 विकेट लिए।
- इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द सीज़न (10 लाख रुपये) -
- इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द सीज़न (10 लाख रुपये) - सनराइजर्स हैदराबाद के नितीश कुमार रेड्डी।
- सबसे मूल्यवान खिलाड़ी (10 लाख रुपये) - सुनील नरेन (केकेआर)
- सर्वाधिक छक्के पुरस्कार (10 लाख रुपये) - अभिषेक शर्मा (SRH)
- सर्वाधिक चौके पुरस्कार (10 लाख रुपये) - ट्रैविस हेड (SRH)
- सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट पुरस्कार (10 लाख रुपये) - जेक फ्रेजर-मैकगर्क (डीसी)
- कैच ऑफ द सीजन (10 लाख रुपये) - रमनदीप सिंह (केकेआर)
- फेयर प्ले अवार्ड (10 लाख रुपये) - सनराइजर्स हैदराबाद
नोट -
- आईपीएल की शुरुआत भारत में क्रिकेट की नियामक संस्था, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा 2008 में की गई थी। इसमें वर्तमान में 10 टीमें शामिल हैं ।
- चेन्नई सुपर किंग और मुंबई इंडियंस आईपीएल की सबसे सफल टीमें रही हैं। दोनों ने पांच-पांच बार ट्रॉफी जीती है।
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10वां विश्व जल मंच
- विश्व बैंक की रिपोर्ट, जिसका शीर्षक है "साझा समृद्धि के लिए जल",इंडोनेशिया के बाली में आयोजित 10वें विश्व जल फोरम में जारी की गई।
रिपोर्ट की मुख्य बातें-
- 2022 में, 2.2 बिलियन लोगों के पास सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल सेवाओं तक पहुंच नहीं होगी, जबकि 3.5 बिलियन लोगों के पास सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता तक पहुंच नहीं होगी।
- विश्वभर में 800 मिलियन से अधिक लोग सूखे के उच्च जोखिम में हैं , तथा इससे दोगुनी संख्या बाढ़-प्रवण क्षेत्रों में रहती है।
- निम्न आय वाले देशों में सुरक्षित पेयजल तक पहुंच में गिरावट देखी गई है , तथा वर्ष 2000 के बाद से 197 मिलियन अतिरिक्त लोगों को सुरक्षित पेयजल नहीं मिल पाया है।
- निम्न आय वाले देशों में ग्रामीण-शहरी पहुंच का अंतर पिछले दो दशकों से काफी हद तक अपरिवर्तित बना हुआ है।
- साहेल, दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका तथा दक्षिण और मध्य एशिया जैसे क्षेत्रों में जल संकट सबसे अधिक है ।
- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पास अफ्रीका के कुल जल संसाधनों का आधे से अधिक हिस्सा है
विश्व जल फोरम के बारे में:
- यह हर तीन साल में आयोजित किया जाता है। पहला फोरम मार्च 1997 में मोरक्को के मारकेश में आयोजित किया गया था ।
- इसका आयोजन विश्व जल परिषद नामक एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा किया जाता है।
- 9वां फोरम उप-सहारा अफ्रीका में आयोजित किया गया था ।

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ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
चर्चा में क्यों
- राजस्थान के जैसलमेर स्थित राष्ट्रीय मरुस्थल उद्यान में आयोजित वार्षिक वाटरहोल सर्वेक्षण के दौरान 64 ग्रेट इंडियन बस्टर्ड देखे गए ।
ग्रेट इंडियन बस्टर्डके विषय में
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षी, जिसे गोडावण के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान का राज्य पक्षी है।
- केंद्रीय वन्यजीव मंत्रालय के भारतीय वन्यजीव संस्थान के अनुसार, अगस्त 2023 तक भारत में 150 ग्रेट इंडियन बस्टर्ड थे।
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति है जो मुख्य रूप से शुष्क घास के मैदानों में रहती है।
- इसे भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में रखा गया है , जो इसे उच्चतम स्तर की कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
यह पक्षी प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (सीएमएस) की अनुसूची Iमें तथा वन्य जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (सीआईटीईएस) के परिशिष्ट Iमें भी सूचीबद्ध है।
संरक्षण के लिए योजनाए
- केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में GIBs प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम शुरू किया था।इसके तहत WII और राजस्थान वन विभाग ने संयुक्त रूप से प्रजनन केंद्र स्थापित किये जहाँ वन्य परिवेश के प्राप्त बस्टर्ड के अंडों को कृत्रिम रूप से निषेचित किया गया।
- वर्ष 2019 में शुरू किये गए संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के तहत वन्य परिवेश से अंडे एकत्र करने और कृत्रिम रूप से उन्हें सेने (हैचिंग) का कार्य आरंभ हुआ
- राजस्थान सरकार और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने जून 2019 में जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में एक संरक्षण प्रजनन सुविधा भी स्थापित की है।
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ज्योति रात्रे
मध्य प्रदेश की उद्यमी और फिटनेस उत्साही ज्योति रात्रे माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय महिला बन गई हैं।
- 55 वर्षीय पर्वतारोही 19 मई 2024 को शिखर पर पहुंचे।
- यह बोलीविया के पर्वतारोही डेविड ह्यूगो अयाविरी क्विस्पे के नेतृत्व वाली 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा थीं, जिन्होंने मौसम की स्थिति के कारण 2023 की 8,160 मीटर की चढ़ाई में बाधा उत्पन्न होने के बाद अपने दूसरे प्रयास में यह उपलब्धि हासिल की।
- ज्योति अत्रे ने 53 वर्षीय संगीता बहल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने 19 मई, 2018 को एवरेस्ट फतह किया था।
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अटाकामा वेधशाला (TAO)
- चिली के एंटोफगास्टा क्षेत्र में सेरो चाजनंटोर के शिखर पर समुद्र तल से 5,640 मीटर की ऊंचाई पर टोक्यो विश्वविद्यालय ने अटाकामा वेधशाला (TAO) का उद्घाटन किया।
- चाजनंतोर अटाकामा रेगिस्तान के पास एंडीज़ पर्वत में स्थित है
- अटाकामा रेगिस्तान अपनी उच्चावच, न्यून आर्द्रता और साफ आकाश के कारण खगोलीय अवलोकनों के लिये पृथ्वी पर सबसे उत्कृष्ट स्थानों में से एक है, जो ब्रह्मांड का अध्ययन करने के लिये उत्कृष्ट परिस्थितियाँ प्रदान करता है।
- क्षेत्र की उच्चावच, विरल वातावरण और शुष्क मौसम, निकट-अवरक्त तरंगदैर्ध्य (Near-Infrared Wavelengths) के लगभग पूर्ण स्पेक्ट्रम को देखने के लिये आदर्श हैं।
उपकरण:
TAO की 6.5-मीटर टेलीस्कोप अवरक्त विकिरणों के अवलोकनों के लिये डिज़ाइन किये गए 2 विज्ञान उपकरणों से सुसज्जित है।
- SWIMS (सिमल्टेनियस-कलर वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड मल्टी-ऑब्जेक्ट स्पेक्ट्रोग्राफ) का उद्देश्य आकाशगंगाओं के विकास को समझना है।
MIMIZUKU (अज्ञात ब्रह्मांड को देखने के लिये मिड-इन्फ्रारेड मल्टी-फील्ड इमेजर): ग्रह निर्माण और सामग्री की उत्पत्ति का अध्ययन करने के लिये उपयोग किया जाता ह
भारत की वेधशाला
- वृहत मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप, पुणे (महाराष्ट्र)
- कोडईकनाल सौर वेधशाला, कोडईकनाल (तमिलनाडु)
- भारतीय खगोलीय वेधशाला (IAO), हानले (लद्दाख)
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दीपा करमाकर
- त्रिपुरा की दीपा करमाकरने उज्बेकिस्तान के ताशकंद में एशियाई महिला कलात्मक जिमनास्टिक चैंपियनशिप 2024में महिलाओं की वॉल्ट व्यक्तिगत फाइनल में स्वर्ण पदक जीता।
- दीपा एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय जिमनास्ट बन गईं
दीपा करमाकर के विषय में
- उन्होंने 2014 ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय पदक कांस्य जीता।
- वह ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए अर्हता प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट थीं
- उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में भाग लिया और वॉल्ट इवेंट में चौथे स्थान पर रहीं।
- उन्होंने जर्मनी में 2018 कलात्मक जिमनास्टिक विश्व कप में कांस्य पदक जीता।
- दीपा करमाकर को भारत के सर्वोच्च खेल पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार) 2016 से सम्मानित किया गया।
- उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री 2017 से सम्मानित किया गया ।
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एंकर, कृष और भूमि
- डीडी किसान 26 मई 2024 को दो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एंकर, कृष और भूमि को लॉन्च किया ।
- ये दोनों एंकर, जो मूल रूप से इंसानों जैसे दिखने वाले कंप्यूटर हैं, 50 भाषाओं में बात कर सकते हैं। वे 24 घंटे, 365 दिन, बिना रुके या थके समाचार पढ़ सकते हैं।
डीडी किसान के बारे में
- दूरदर्शन ने 26 मई 2015 को कृषि के लिए एक अलग समर्पित चैनल, डीडी किसान, लॉन्च किया।
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल के रूप में चैनल का उद्घाटन किया।
- चैनल का मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को कृषि से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपनी फसलों की बुआई, कटाई और बिक्री के बारे में सही निर्णय ले सकें।
- किसानों को मौसम, मंडी के भाव और सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है।

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लघु द्वीप विकासशील राज्यों का सम्मेलन
- लघु द्वीप विकासशील राज्यों पर चौथा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (एसआईडीएस-4) 27-30 मई, 2024 को आयोजित किया जाएगा।
लघु द्वीप विकासशील राज्य के विषय में
- ये 39 देशों और संयुक्त राष्ट्र क्षेत्रीय आयोगों के 18 सहयोगी सदस्यों का एक विशिष्ट समूह है, जो विशिष्ट सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय कमजोरियों का सामना कर रहे हैं।
- तीन भौगोलिक क्षेत्र जिनमें एसआईडीएस स्थित हैं वे हैं: कैरीबियाई, प्रशांत और अटलांटिक, हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर (एआईएस)।
- एसआईडीएस के लिए, विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) - उनके नियंत्रण में महासागर - औसतन देश के भूमि क्षेत्रफल का 28 गुना है।

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उत्तराखंड की कुमाऊं पहाड़ी
चर्चा में क्यों
- हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तराखंड की कुमाऊं पहाड़ियों में पारिस्थितिक रूप से नाजुक और भूकंप-प्रवण निचली हिमालय श्रृंखला में 90 एकड़ की परियोजना पर रोक लगा दी।
कुमाऊं हिमालय के बारे में:
- यह उत्तरी भारत में हिमालय का पश्चिम-मध्य भाग है।
- भौगोलिक सीमा: यह पश्चिम मेंसतलुज नदी औरपूर्व में काली नदी के बीच स्थित है।
- इसमेंदक्षिण में शिवालिक पर्वतमाला का एक भागतथा उत्तर में महान हिमालय का एक भाग शामिल है, तथा यह मुख्यतः नेपाल के उत्तर-पश्चिम में उत्तराखंड राज्य में स्थित है।
- इस क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटियां:नंदा देवी और कामेट।
- इस क्षेत्र की झीलें:नैनी झील, सातताल, भीमताल, नौकुचिया ताल
- यह नैनीताल, रानीखेत और अल्मोड़ा जैसे कुछ प्रमुख हिल स्टेशन का घर है।
- यह आदिवासी/स्वदेशी लोगों - थारू, भूटिया, जौनसारी, बुक्सा और राजिस - का भी मिश्रण है
- चिंता:यह पारिस्थितिक रूप से नाजुक औरभूकंप-प्रवण क्षेत्र है।

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