स्क्वाड' (Squad) नामक एक नए मिनीलॅटरल समूह
- हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस और जापान के रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजित हुई थी।
- इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक नई चतुष्पक्षीय सुरक्षा व्यवस्था के रूप में 'स्क्वाड' को संस्थागत रूप देनेऔर इसे लॉन्च करने पर चर्चा की गई थी।
मिनीलेटरलिज्म (Minilateralism) के बारे में
- यह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों से जुड़ी एक अवधारणा है।
- इसमें सुरक्षा संबंधी और आर्थिक व तकनीकी मुद्दों से निपटने या साझा लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग करने के लिए कुछ राष्ट्र समूह बनाते हैं।
- ऐसे समूह अनौपचारिक, लचीले और स्वैच्छिक फ्रेमवर्क वाले होते हैं।
- इनके हित परिस्थिति के अनुसार बदलते रहते हैं, ये साझा मूल्यों वाले होते हैं। साथ ही, आवश्यक क्षमताओं से युक्त होते हैं।
मिनीलैटरलिज्म के उदय के कारण
बहुपक्षीय व्यस्थाएं या संस्थाएं का निष्क्रिय होना है ।
- बहुपक्षीय संस्थाओं के सदस्य देशों के अलग-अलग हित और विचारधारा की वजह से किसी विषय पर आम सहमति नहीं बन पाती है और इससे गतिरोध उत्पन्न होता है।
- इसी वजह से विश्व व्यापार संगठन की विवाद निपटान प्रणाली निष्क्रिय हो गई है।
अधिक उदार और अधिक सक्रियः
- पारंपरिक बहुपक्षीय संस्थाओं की तुलना में मिनीलैटरल संस्थाएं अधिक उदार एवं सक्रिय हैं।
- इससे त्वरित निर्णय लेने और किसी लक्ष्य पर बेहतर सहयोग में मदद मिलती है।
• मुद्दा आधारित सहयोगः
- यह समान विचारधारा वाले देशों को आपसी हित से जुड़े विशेष मुद्दों के समाधान के लिए एकजुट करने में सहायक है।
प्रमुख उदाहरण है-
- ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के बीच आपूर्ति-श्रृंखला लचीलापन पहल (Supply-Chain Resilience initiative)।
- क्वाड, AUKUS जैसे मिनीलैटरल समूहों का उदय हुआ है

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गोवा के मौक्सी गांव मेंनवपाषाण कालीन नक्काशी प्राप्त हुई
- गौरतलब है कि प्राचीन नक्काशी युक्त ये चट्टानें आज से 20 साल पहले ज़ामें नदी के सूखे तल के पास मेटा बेसाल्ट चट्टान में पाई गई थी।
- ASI के अनुसार ये नक्काशियां नवपाषाण काल (Neolithic age) की हैं।
- इन प्राचीन चट्टानों पर जेबू, बैल और मृग जैसे जीवों के अलावा कुछ पदचिन्हों और कप्यूल्स की आकृतियां भी उकेरी गई हैं।
- कप्यूल्स (Cupules) वास्तव में चट्टानों में मानव द्वारा निर्मित कप के आकार के अर्धगोलाकार गड्ढे होते हैं।
भारत के प्रागैतिहासिक शैलचिल
उच्च पुरापाषाण काल (Upper Palaeolithic Period)
- भारत में, सबसे पुराने शैलचित्र इसी काल के माने जाते हैं।
- इस समय चट्टानों पर यष्टि यानी छड़ीनुमा (Stick) मानव आकृतियों के अलावा बाइसन, हाथी, बाघ जैसे जीवोंकी आकृतियां भी उत्कीर्ण की गई थी। ये चित्न एक रेखा में हैं और हरे व गहरे लाल रंग के हैं।
- • मुख्य स्थलःभीमबेटका (मध्य प्रदेश) और ज्वालापुरम (आंध्र प्रदेश)।
मध्यपाषाण काल (Mesolithic Period)
- भारत में सर्वाधिक संख्या में प्राचीन शैल चित्र इसी काल के हैं।
- चिलों में मानव दृश्यों की प्रधानता है। मनुष्य को समूह मेंशिकार और सामुदायिक नृत्यकरते हुए चित्रित किया गया है।
- जानवरों को प्राकृतिक शैली में और मनुष्यों को शैलीगत तरीके से चित्रित किया गया है।
- मुख्य स्थलःपचमढ़ी और आदमगढ़ पहाड़ियां (मध्य प्रदेश)
नवपाषाण-ताम्रपाषाण काल (Neolithic-Chalcolithic Period)
- इस काल के चित्नों में मृदभांडों और धातु के उपकरणों को दर्शाया गया है। हालांकि, इस युग के चित्नों में पहले की तुलना में जीवंतता और आत्मीयता का अभाव है।
- चित्रोंमें सफेद और लाल रंगों का अधिक प्रयोग हुआ है। इन रंगों को शायद हेमेटाइट और चूना पत्थर को पीसकर तैयार किया जाता था।
- चित्रोंमें पुरुषों को अधिक साहसी और जानवरों को अधिक वयस्क एवं प्रभावशाली दिखाया गया है।
- मुख्य स्थलः चंबल क्षेत्र , दैमाबाद (महाराष्ट्र) आदि।

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स्माल क्लाइमेट सैटेलाइट
- नासा ने पृथ्वी के ध्रुवों से होने वाले ऊष्मा विकिरण के मापन हेतुप्रीफायर / PREFIRE (पोलर रेडियंट एनर्जी इन द फार-इन्फ्रारेड एक्सपेरिमेंट) मिशन के तहत दो क्लाइमेट सैटेलाइट्स में से एक को लॉन्च किया है।
- प्रीफायर मिशन मेंशूबॉक्स आकार के दो क्यूब सैटेलाइट्सया क्यूबसैट्स शामिल है।
उद्देश्य -
- इस मिशन से वैज्ञानिकों कोपृथ्वी के ऊष्मा बजट को बेहतर ढंग से समझनेमें मदद मिलेगी।
- मिशन के तहत इस तथ्य का पता लगाया जाएगा कि आर्कटिक और अंटार्कटिका क्षेत्रअंतरिक्ष में कितनी ऊष्मा विकिरित करते हैं और यह ऊष्मा विकिरण पृथ्वी की जलवायु को कैसे प्रभावित करता है।
पृथ्वी के ऊष्मा बजट" के बारे में
- यह सूर्य से पृथ्वी पर आने वाली ऊष्मा की मात्रा और पृथ्वी से अंतरिक्ष में उत्सर्जित होने वाली ऊष्मा की मात्राके बीच संतुलन को व्यक्त करता है।
- ऊष्मा बजट के असंतुलन के लिए जिम्मेदार कारकों में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन, ओजोन परत की मोटाई में कमी, ग्लेशियरों का पिघलना आदि शामिल हैं।
ऊष्मा बजट के असंतुलन के प्रभाव
- ऊष्मा पृथ्वी के घटकों जैसे वायुमंडल , भूमि आदि में संचित होकर वैश्विक तापन को बढ़ावा दे रही है।
- बर्फ के पिघलने से पृथ्वी पर मौजूद सफेद सतह क्षेत्र (हिमावरण) में कमी आती है। इससे कम सौर ऊर्जा परावर्तित होती है, यानी एल्बिडो में कमी आती है।
- महासागर अत्यधिक ऊष्मा अवशोषित करते हैं। इससे अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन जैसे महासागरीय परिसंचरण प्रभावित होते हैं।
नोट - एल्बिडो किसी सतह से सौर विकिरण की परावर्तनशीलता है।

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कमेटी ऑन इम्पोर्ट लाइसेंसिंग (CIL)
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) की कमेटी ऑन इम्पोर्ट लाइसेंसिंग (CIL) द्वारा जारी बयान से पता चला है कि जापान और चीन ने पिछले साल अगस्त में घोषित भारत के लैपटॉप आयात लाइसेंसिंग की आवश्यकता वाले नियम पर औपचारिक रूप से चिंता व्यक्त की थी। हालांकि, बाद में भारत सरकार ने इस नियम को वापस ले लिया था।
कमेटी ऑन इम्पोर्ट लाइसेंसिंग (CIL) के बारे में
- इसे 'एग्रीमेंट ऑन इम्पोर्ट लाइसेंसिंग प्रोसेड्यूर्स' (ILP एग्रीमेंट) के अनुच्छेद 4 के तहत गठित किया गया है।
- II.P वस्तुतः इम्पोर्ट लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं के उपयोग के दौरान भेद्भाव या प्रशासनिक मनमानी की संभावना को कम करता है।
- यह ILP एग्रीमेंट के कार्यान्वयन की निगरानी करती है।
इसके दो मुख्य कार्य हैं-
- विशिष्ट व्यापार चिंताओं की समीक्षा करना और
- इम्पोर्ट लाइसेंसिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
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आउटलुक प्लैनेट सस्टेनेबिलिटी समिट एंड अवार्ड्स 2024
- विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और अग्रणी एनबीएफसीआरईसी लिमिटेडको 'आउटलुक प्लैनेट सस्टेनेबिलिटी समिट एंड अवार्ड्स 2024' में 'सस्टेनेबिलिटी चैंपियन - एडिटर्स चॉइस अवार्ड' से सम्मानित किया गया है।
आरईसी के विषय में
- आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक 'महारत्न' कंपनी है
- यह आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है।
नोडल एजेंसी -
- प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) और राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी है
- आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है।
- आरईसी को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है

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यूकेलिप्टस वृक्ष
- केरल सरकार ने केरल वन विकास निगम को यूकेलिप्टस के पेड़ लगाने की अनुमति दी है।
यूकेलिप्टस के बारे में
- यह मर्टल फैमिली से संबंधित है। यहऑस्ट्रेलिया, तस्मानिया और आसपास के द्वीपों की मूल (नेटिव) प्रजातिहै।
- इसकी अधिकांश प्रजातियांसदाबहारप्रकार की हैं।
- इसे मुख्य रूप से ईंधन की लकड़ी के लिए उगाया जाता है। इसके अलावा, फर्नीचर की लकड़ी तथा कागज और लुगदी उद्योग में भी इसकी लकड़ी का उपयोग किया जाता है।
यूकेलिप्टस के पेड़ से जुड़ी चिंताएं
- यह अधिक जल की खपत करता है और मृदा को अनुर्वर बनाता है।
- इसकी पत्तियों को निगलना जानवरों और मनुष्यों के लिए विषाक्त साबित होता है।
- इसका तेल ज्वलनशील धुआं उत्सर्जित करता है जो आकाशीय बिजली, उड़ती चिंगारी आदि से प्रज्वलित हो सकता है।

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लीनियर एक्सेलरेटर
- सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) ने उद्योग जगत के साथ मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (MRI) और लीनियर एक्सेलरेटर के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) का आदान-प्रदान किया।
लीनियर एक्सेलरेटर या LINAC के बारे में
- लीनियर एक्सेलेरेटर, जिन्हेंलाइनैकभी कहा जाता है, कैंसरके इलाज के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण हैं।
- इनका उपयोग आमतौर परबाहरी किरण विकिरण उपचारके लिए किया जाता है।
- लिनैक रोगी के ट्यूमर तक चिकित्सीय एक्स-रे या इलेक्ट्रॉन पहुंचाने के लिएइलेक्ट्रॉनों को गति देकरकाम करता है।
- बाह्य बीम विकिरण उपचार में ट्यूमर को नष्ट करने हेतु एक मशीन से बीम एनर्जी टारगेट तक भेजी जाती है। यह मशीनकभी भी मरीज के शरीर को स्पर्श नहीं करतीहै।
- यह इलेक्ट्रॉन्स को त्वरण प्रदान करने के लिए माइक्रोवेव तकनीक का उपयोग करता है। ।
SAMEER के बारे में
- यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कार्यरत एक स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला है।
- यह मुंबई में स्थित है।

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कार्बन फाइबर
- भारत के उपराष्ट्रपति ने बेंगलुरु में राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं में कार्बन फाइबर और प्रीप्रेग्स केंद्र का उद्घाटन किया।
कार्बन फाइबर के बारे में
- यह एक बहुलक है और ग्रेफाइट का एक रूप है।
- इसमें कार्बन के पतले और मजबूत क्रिस्टलीय तंतु मौजूद होते हैं।
- ग्रेफाइट कार्बन का एक अपरूप है।
- अत्यधिक कठोर, मजबूत और हल्का; उच्च रासायनिक प्रतिरोधक क्षमता; उच्च ऊष्मा युक्त तापमान को सहने की शक्ति; और तापमान घटने-बढ़ने के प्रति कम परिवर्तनशील।
- इसे रीसाइकल भी किया जा सकता है।
• मुख्य उपयोगऑटोमोबाइल, हवाई जहाज के लिए घटकों के विनिर्माण में आदि।

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न्यीशी जनजाति
- हाल ही में, कबक यानो माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली अरुणाचल प्रदेश की न्यीशी जनजाति की पहली महिला बन गई है।
न्यीशी जनजाति के बारे में
- इसजनजाति को पहले डफलाके नाम से जाना जाता था। यह अरुणाचल प्रदेश का सबसे बड़ा नृजातीय समुदाय है।
- यह समुदाय मानता है कि वेअबो तानी(पृथ्वी पर पहले इंसान की संतान) के वंशज हैं।
- इस कारण सेन्यीशी, आदी, गालो, अपातानीइत्यादि स्वयं को तानी जनजातीय समुदाय कहते हैं।
- न्यीशी समाज न तो जाति व्यवस्था पर आधारित है और न ही वगों में विभाजित है।
- इस समुदाय में एक गौण प्रकार का सामाजिक विभेद मौजूद है, जो जन्म या व्यवसाय से निर्धारित नहीं होता है।
- इस जनजाति में बहुपत्नीत्व विवाह (Polygyny) का नियम प्रचलित है। यह समुदाय लोगटे उत्सव (नए कृषि मौसम का प्रतीक) मनाता है।

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नरवा नदी
- हाल ही में, रूस और एस्टोनिया के बीच एक नया विवाद आरंभ हो गया है।
- यह विवाद नरवा नदी के नजदीक रूस और एस्टोनिया की सीमा को चिन्हित करने वाले नेविगेशन बुइ (Navigation Buoys) को रूस द्वारा हटाने के कारण शुरू हुआ है।
- गौरतलब है कि नरवा नदी दोनों देशों के बीच सीमा का निर्माण करती है।
नरवा नदी के बारे में
- नरवा बेसिन एस्टोनिया के पूर्वी भाग में बाल्टिक सागर बेसिन और रूसी संघ के उत्तर- पश्चिमी भाग में अवस्थित है।
- नरवा नदी बेसिन में महत्वपूर्ण सीमा पार जल निकायःपीप्सी झील और नरवा जलाशय ।
- यहपीप्सी झीलको फिनलैंड की खाड़ी (बाल्टिक सागर) से जोड़ती है।
- प्लूसासबसे बड़ी सहायक नदी है, जो दाईं ओर से जलाशय में नार्वा नदी से मिलती है

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प्रवाह पोर्टल
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुंबई, महाराष्ट्र में प्रवाह पोर्टल लांच किया
प्रवाह पोर्टल के विषय में
- प्रवाह (विनियामक आवेदन, सत्यापन और प्राधिकरण के लिए मंच) एक केंद्रीकृत वेब-आधारित पोर्टल हैजो व्यक्तियों या संस्थाओं को रिजर्व बैंक से प्राधिकरण, लाइसेंस या विनियामक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए एक सुरक्षित मंच प्रदान करता है।
- कोई भी व्यक्ति या संस्था आरबीआई के विभिन्न विनियामक और पर्यवेक्षी विभागों से संबंधित60 आवेदन पत्र ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकता है।
- आवेदक अपने आवेदनों को ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं, उनकी स्थिति की निगरानी कर सकते हैं, तथा समयबद्ध तरीके से आरबीआई से निर्णय प्राप्त कर सकते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक
- भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापनाभारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।
- रिज़र्व बैंक का केन्द्रीय कार्यालय प्रारम्भ में कलकत्ता में स्थापित किया गया था जिसे1937 में स्थायी रूप से बम्बईमें स्थानान्तरित कर दिया गया।
- यह भारत में सर्वोच्च मौद्रिक और नियामक निकाय है।
- यह भारत में बैंकिंग क्षेत्र को विनियमित करता है, करेंसी नोट जारी करता है, तथा देश की विदेशी मुद्रा का संरक्षक है।

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संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस
- हर साल29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अंतर्राष्ट्रीय दिवसके रूप में मनाया जाता है
- यह दिन वैश्विक शांति और सुरक्षा की दिशा में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) शांति सैनिकों द्वारा किए गए प्रयासों और योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है
- 1948 में पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनकी स्थापना के बाद से, दो मिलियन से अधिक शांति सैनिकों ने 71 मिशनों में सेवा की है।
- इस वर्ष, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केअंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषयहै - भविष्य के लिए फिट रहना, एक साथ बेहतर निर्माण करना।
संयुक्त राष्ट्र शांति सेना
- संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के सैनिक विशिष्टनीले रंग के हेलमेटपहनते हैं, इसलिए उन्हेंब्लू हेलमेटके नाम से भी जाना जाता है ।
- केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ही शांति स्थापना अभियानों को अधिकृत करने का अधिकार है।
- संयुक्त राष्ट्र के पास अपनीकोई सेना या पुलिस बल नहींहै।
- संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के लिएकर्मचारी संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों से आतेहैं।
- सदस्य देशों के लिए संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में योगदान देना अनिवार्य नहीं है, बल्कि यह स्वैच्छिक है।
- भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान मेंदूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ताहै।

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