4 दिसंबर समसामयिकी
1. एएफएमसी ‘प्रेसिडेंट्स कलर’ से सम्मानित
- हाल ही में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सशस्त्र बल चिकित्सा कॉलेज (AFMC) को ‘प्रेसिडेंट्स कलर’ (राष्ट्रपति का निशान) से सम्मानित किया है।
अन्य तथ्य:
- प्रेसिडेंट्स कलर, को 'राष्ट्रपति का निशान'भी कहा जाता है, जो किसी सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
- पुणे स्थित एएफएमसी को उसके 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
- आर्म्ड फोर्स मेडिकल कॉलेज (AFMC) की स्थापना 1 मई, 1948 को हुई थी।
- एएफएमसी एक प्रमुख सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा प्रतिष्ठान है और देश के अग्रणी मेडिकल कॉलेजों में से एक है।
2. अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद् के लिए भारत पुनः चुना गया
- हाल ही में भारत को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) परिषद के लिये फिर से चुना गया है
- भारत "अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सबसे अधिक रुचि" वाले 10 देशों की श्रेणी में आता है।
- आईएमओ परिषद की 33वीं सभा 27 नवंबर से 6 दिसंबर 2023 के बीच लंदन स्थित आईएमओ मुख्यालय में आयोजित की जा रही है।
- इन 10 देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) आते हैं।
- भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भी 'अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सर्वाधिक रुचि' वाले 10 देशों में शामिल है।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के बारे में:
- आईएमओ संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो शिपिंग को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है।
- IMO की स्थापना 1948 में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के बाद हुई थी और 1958 में अस्तित्त्व में आया।
सदस्य:
- IMO में 175 सदस्य देश और तीन सहयोगी सदस्य हैं, इसका मुख्यालय लंदन, यूनाइटेड किंगडम में है।
- नोट: भारत 1959 में IMO में शामिल हुआ था ।
3. डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- हाल ही में राष्ट्रपति ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद के बारे में:
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सिवान ज़िले में हुआ था।
शिक्षा:
- वह 1902 में प्रसिद्ध कलकत्ता प्रेसीडेंसी कॉलेज में शामिल हुए। 1907 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद, उन्होंने कलकत्ता लॉ कॉलेज में कानून की पढ़ाई की ।
- 1920 के दशक की शुरुआत में, वह हिंदी साप्ताहिक देश और अंग्रेजी द्विसाप्ताहिक सर्चलाइट के संपादक बने।
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में भूमिका:
- वह बिहार में चंपारण सत्याग्रह (1917) के दौरान महात्मा गांधी के साथ जुड़े थे।
- डॉ. प्रसाद ने 1918 के रॉलेट एक्ट और 1919 के जलियाँवाला बाग हत्याकांड पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
- उन्होंने वर्ष 1930 में बिहार में नमक सत्याग्रह में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण उन्हें कारावास भी हुआ।
- वह आधिकारिक तौर पर वर्ष 1911 में कलकत्ता में आयोजित अपने वार्षिक सत्र के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कान्ग्रेस में शामिल हो गए।
- वर्ष 1946 में वे पंडित जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में शामिल हुए तथा “अधिक अन्न उगाओ” का नारा दिया।
- डॉ. प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान सभा की समितियों में शामिल हैं: राष्ट्रीय ध्वज पर तदर्थ समिति, प्रक्रिया के नियमों पर समिति,वित्त एवं कर्मचारी समिति, संचालन समिति
- उन्होंने 26 जनवरी, 1950 से (जब देश ने अपना संविधान अपनाया था) 13 मई, 1962 तक भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले राष्ट्रपति का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
- 26 जनवरी, 1950 को वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने 12 वर्षों से अधिक समय तक सेवा की, जो उन्हें भारत के इतिहास में सर्वाधिक समय तक कार्यरत राष्ट्रपति के रूप में दर्शाता है।
- 1946 में, राजेंद्र प्रसाद खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में भारत की अंतरिम सरकार में शामिल हुए।
- डॉ. प्रसाद को वर्ष 1962 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कई किताबें लिखीं, जिनमें "सत्याग्रह एट चंपारण," "इंडिया डिवाइडेड" तथा उनकी "आत्मकथा" शामिल हैं।
- 28 फरवरी, 1963 को उनका निधन हो गया।
4. महासागर (MAHASAGAR) पहल
- हाल ही में भारतीय नौसेना की पहल महासागर (MAHASAGAR) के पहले सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के विभिन्न देशों के समुद्री प्रमुखों ने हिस्सा लिया।
- थीम: ‘सामान्य चुनौतियों का मुकाबला करने की दिशा में सामूहिक समुद्री दृष्टिकोण (Collective Maritime Approach towards Countering Common Challenges)।
अन्य तथ्य:
- इसका उद्देश्य IOR देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने वाली उच्च स्तरीय वार्ता के लिये एक मंच तैयार करना है।
- इसमें बांग्लादेश, कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मालदीव, मॉरीशस, मोज़ाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और तंज़ानिया की नौसेनाओं और समुद्री एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए।
- MAHASAGAR भारत सरकार के SAGAR दृष्टिकोण (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास) के अनुरूप है।
- वर्ष 2015 में भारत ने आर्थिक और सुरक्षा मोर्चों पर अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिये हिंद महासागर हेतु अपनी रणनीतिक दृष्टि अर्थात् क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास (SAGAR) का अनावरण किया।
5. चक्रवात 'मिचौंग'
- हाल ही में, भारतीयमौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान, चक्रवात मिचौंग की भविष्यवाणी की है।
- इसे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में टकराने की संभावना है।
- चक्रवात मिचौंग बंगाल की खाड़ी के ऊपर वर्ष का चौथा उष्णकटिबंधीय चक्रवात है।
चक्रवात क्या है?
- चक्रवात हवा की एक बड़े पैमाने की प्रणाली है जो कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र के चारों ओर घूमती है ।
- यह आमतौर पर हिंसक तूफान और खराब मौसम के साथ आता है।
- चक्रवात मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं: उष्णकटिबंधीय चक्रवात और शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात
उष्णकटिबंधीय चक्रवात के बारे में:
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात एक मौसमी घटना है ।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात केवल भूमध्य रेखा के निकट गर्म समुद्री जल पर ही बनता है ।
- गर्म, नम हवा समुद्र की सतह से ऊपर और दूर उठती है, जिससे कम दबाव का क्षेत्र बनता है।
- यह उच्च दबाव वाले आसपास के क्षेत्रों से हवा को कम दबाव वाले क्षेत्र की ओर ले जाने का कारण बनता है।
- इससे हवा गर्म हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, जैसे ही हवा ऊपर उठती है और ठंडी होती है, हवा में मौजूद पानी बादलों का निर्माण करता है।
- बादलों और हवा की यह पूरी प्रणाली समुद्र की गर्मी के साथ-साथ घूमती और बढ़ती है।
- जैसे-जैसे हवा के घूमने की गति बढ़ती है, बीच में एक आँख बन जाती है।
नामकरणः
- नोडल प्राधिकरणः विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)
- हिंद महासागर क्षेत्रः बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड इस क्षेत्र में आने वाले चक्रवातों के नामकरण में योगदान करते हैं।
उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिये अलग-अलग नामः
- टाइफूनः दक्षिण पूर्व एशिया और चीन
- हरिकेनः उत्तरी अटलांटिक और पूर्वी प्रशांत
- टॉरनेडोः पश्चिम अफ्रीका और दक्षिणी संयुक्त राज्य अमेरिका
- विली-विलीजः उत्तर पश्चिम ऑस्ट्रेलिया
- उष्णकटिबंधीय चक्रवातः दक्षिण पश्चिम प्रशांत और हिंद महासागर
6. भारतीय नौसेना दिवस
- भारतीय नौसेना दिवस,प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को मनाया जाता है,जो 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान "ऑपरेशन ट्राइडेंट" की सफलता की याद दिलाता है।
- भारतीय नौसेना दिवस 2023 का मुख्य विषय"समुद्री क्षेत्र में परिचालन दक्षता, तत्परता और मिशन उपलब्धि" है।
अन्य तथ्य:
- ऑपरेशन ट्राइडेंट, वर्ष 1971 के संघर्ष के दौरान एक निर्णायक क्षण था, जिसमें कराची बंदरगाह के समीप तीन जहाज़ों को निष्क्रिय करने के लिये 4 SS-N-2 Styx मिसाइलों से लैस सोवियत ओसा मिसाइल नौकाओं का उपयोग कर भारतीय नौसेना की रणनीतिक शक्ति का प्रदर्शन किया गया था।
- वर्तमान में कमांडर प्रेरणा देवस्थली भारतीय नौसेना के युद्धपोत (वॉटरजेट FAC INS त्रिंकट) की कमान संभालने वाली भारतीय नौसेना की पहली महिला अधिकारी होंगी।
7. 'गजराज सुरक्षा':
- भारतीय रेलवे ने रेल पटरियों पर हाथियों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 'गजराज'नामक अत्याधुनिक तकनीक पेश की है I
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य ट्रेन दुर्घटनाओं से मरने वाले हाथियों को बचाना है।
गजराज सुरक्षा के बारे में:
- यह रेलवे ट्रैक के करीब आने वाले हाथियों का पता लगाने के लिए एआई-आधारित एल्गोरिदम और संवेदनशील ऑप्टिकल फाइबर केबल के नेटवर्क का उपयोग करता है।
- इसका उद्देश्य ट्रेन दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप हाथियों की मृत्यु के मुद्दे का समाधान करना है।
- गजराज सुरक्षा पटरियों पर हाथियों की आवाजाही से उत्पन्न दबाव तरंगों को महसूस करता है ।
- जैसे ही हाथी चलते हैं, ऑप्टिकल फाइबर उनके कदमों के कारण होने वाले कंपन का पता लगाते हैं।
- भारतीय रेलवे इस प्रणाली को पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, असम, केरल, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों और तमिलनाडु में शुरू करने की योजना बना रहा है।
प्रोजेक्ट एलीफेंट के बारे में-
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसे 1992 में MoEFCC ने शुरू किया था।
- सहायता और कवरेज: इस परियोजना के अंतर्गत देश के सभी हाथी बहुल प्रमुख राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
हाथियों से संबंधित अन्य तथ्य-
- भारत में 33 हाथी रिजर्व (ईआर) हैं। लेमरू ईआर (छत्तीसगढ़), अगस्त्यमलाई ईआर (तमिलनाडु) और तराई ईआर (उत्तर प्रदेश) को 2022 में अधिसूचित किया गया था।
- एशियाई हाथियों को आईयूसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में "लुप्तप्राय"के रूप में सूचीबद्ध किया गया है ।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I