6 अक्टूबर समसामयिकी | 6 October Current Affairs
JKDFP 'विधिविरुद्ध संगठन' घोषित
भारत सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (JKDFP) को विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA) 1967 की धारा 3(1) के अंतर्गत एक ‘विधिविरुद्ध संगठन’ (Unlawful Association) घोषित किया गया है ।
जम्मू एवं कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (JKDFP) वर्ष 1998 से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त रही है।
अन्य तथ्य:
JKDFP के सदस्यों ने सदैव भारत में अलगाववाद तथा आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा दिया है।
इस संगठन के सदस्य लोगों को भड़काकर कश्मीर को एक अलग इस्लामिक राज्य बनाना चाहते हैं, जो कि भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है।
इस संगठन के विरुद्ध यूएपीए 1967, आईपीसी 1860, आर्म्स एक्ट 1959 एवं रणबीर दंड संहिता 1932 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कई आपराधिक मामले पंजीकृत किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में जम्मू एवं कश्मीर राज्य को आधिकारिक तौर पर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद रणबीर दंड संहिता (RPC) के सभी प्रावधानों को भारतीय दंड संहिता (IPC) से प्रतिस्थापित कर दिया गया।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए 5वीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में नौसेना के अद्यतन स्वदेशी कार्यक्रम ‘स्वावलंबन 2.0’ का शुभारंभ किया।
इस कार्यक्रम के दौरान, स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 5वीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची की घोषणा की गई है।
पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची में 98 वस्तुओं को शामिल करके उनके आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है।
इस सूची में अत्यधिक जटिल सिस्टम, सेंसर, हथियार और गोला-बारूद को शामिल किया गया है।
इन सभी वस्तुओं को अब अलग-अलग समय सीमा में स्वदेशी स्रोतों से ही खरीदा जाएगा।
स्वावलंबन (Swavlamban)
स्वावलंबन की पहली संगोष्ठी 18-19 जुलाई 2022 को नई दिल्ली में आयोजित हुई थी।
यह पहली संगोष्ठी संभावनाओं एवं महत्वाकांक्षाओं दोनों में 'ऐतिहासिक थी ।
यह आत्मनिर्भर भारत में रक्षा तथा आत्मनिर्भरता की दिशा में नौसैनिक बल को सुदृढ़ करने में एक नया अध्याय बना है।
साहित्य का नोबेल पुरस्कार-2023
हाल ही में स्वीडिश अकादमी ने 5 अक्टूबर, 2023 को नॉर्वे के लेखक जॉन फॉसे (Jon Fosse) को वर्ष 2023 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की।
यह पुरस्कार उनके अभिनव नाटकों और गद्य साहित्य के लिए प्रदान किया जाएगा, जो अनकही भावनाओं को आवाज देते हैं।
जॉन फॉसे ने उपन्यासों को एक ऐसी शैली में लिखा है जिसे 'फॉसे मिनिमलिज्म' के नाम से जाना जाता है।
उनके द्वारा लिखित नाटकों में प्रमुख हैं – समवन इज गोइंग टू कम होम (Someone is Going to Come Home), दि नेम (The Name), दि चाइल्ड (The Child), मदर एंड चाइल्ड (Mother and Child)
उनकी किताबों को 40 से ज्यादा भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है।
उनका पहला उपन्यास 'रेड, ब्लैक' (Red, Black) वर्ष 1983 में और पहला नाटक 'समवन इज गोइंग टू कम' (someone is Going to Come Home) वर्ष 1992 में प्रकाशित हुआ था।
फॉसे ने अपना पहला उपन्यास रेड एंड ब्लैक में आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पर लिखा था।
नोट:
वर्ष 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार रवीन्द्रनाथ टैगोर को "उनकी अत्यधिक संवेदनशील और सुंदर कविता” के लिये प्रदान किया गया था,
वर्ष 2022 में एनी एर्नाक्स को "उस साहस और नैदानिक तीक्ष्णता के लिये जिसके साथ वह व्यक्तिगत स्मृति की जड़ों, अलगाव तथा सामूहिक बाधाओं को उजागर करती है" के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
स्पिनोजा पुरस्कार
भारतीय मूल की प्रोफेसर डॉक्टर जोयीता गुप्ता को विज्ञान के क्षेत्र में नीदरलैंड्स के सर्वोच्च सम्मान, स्पिनोजा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
जोयीता को आधिकारिक रूप से यह पुरस्कार,एक अन्य वैज्ञानिक टोबी कियर्स के साथ 4 अक्टूबर, 2023 को प्रदान किया गया।
अन्य तथ्य:
नीदरलैंड अनुसंधान परिषद ने 7 जून, 2023 को इन पुरस्कारों की घोषणा की थी।
जोयीता को न्यायसंगत और टिकाऊ दुनिया पर केंद्रित उनके वैज्ञानिक कार्य के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
स्पिनोजा पुरस्कार, विज्ञान के क्षेत्र में नीदरलैंड का सर्वोच्च सम्मान है।
इस पुरस्कार को ‘डच नोबेल पुरस्कार’ के नाम से भी जाना जाता है।
जोयीता को पुरस्कार के रूप में वैज्ञानिक अनुसंधान पर खर्च करने के लिए 1.5 मिलियन यूरो प्रदान किए गए।
स्पिनोज़ा पुरस्कार, प्रसिद्ध डच वैज्ञानिक और दार्शनिक बारूक स्पिनोज़ा के नाम पर 1995 में स्थापित किया गया था।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National turmeric Board NTB)
हाल ही में, भारत सरकार ने राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन को अधिसूचित किया है ।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के बारे में:
यह देश में हल्दी और हल्दी उत्पादों के विकास और वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेगा।
यह विशेष रूप से मूल्य संवर्धन से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए हल्दी उत्पादकों की क्षमता निर्माण और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
बोर्ड गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा मानकों और ऐसे मानकों के पालन को भी बढ़ावा देगा।
NTB की संरचना
बोर्ड में एक अध्यक्ष होगा , जिसे केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
इसमें केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय , फार्मास्यूटिकल्स , कृषि और किसान कल्याण, वाणिज्य और उद्योग विभाग के सदस्य , तीन राज्यों के वरिष्ठ राज्य सरकार के प्रतिनिधि (रोटेशन के आधार पर) होंगे ।
अनुसंधान में शामिल राष्ट्रीय/राज्य संस्थानों, हल्दी किसानों और निर्यातकों के प्रतिनिधियों का चयन होगा।
इसमें वाणिज्य विभाग द्वारा नियुक्त एक सचिव होगा ।
वाणिज्य मंत्रालय, एनटीबी के लिए धन और बुनियादी ढांचा प्रदान करने वाला नोडल विभाग होगा , जो बढ़ती मांग, उपयोग, उत्पादन, अनुसंधान, बाजार लिंकेज, निर्यात आदि पर ध्यान देगा।
हल्दी (करकुमा लोंगा) के बारे में मुख्य तथ्य:
यह एक बारहमासी जड़ी-बूटी वाला पौधा है जो अदरक परिवार (ज़िंगिबेरासी) से संबंधित है।
आदर्श जलवायु और मृदाः
विविध उष्णकटिबंधीय परिस्थितियां;
20-35 डिग्री सेल्सियस तापमान; तथा 1500 मि.मी. या इससे अधिक की वार्षिक वर्षा
अच्छी जल निकास वाली रेतीली या चिकनी दोमट मृदा ।
हल्दी उपयोगी क्यों है?
इसका पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों और कॉस्मेटिक उद्योग में उपयोग किया जाता है।
यह लिवर से विषाक्त पदार्थों को हटाने (Detoxify) में मदद करती है।
अन्य तथ्य:
भारत दुनिया में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है।
हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु है I
ओडिशा की कंधमाल हल्दी को भौगोलिक संकेतक ( GI) टैग: प्रदान किया गया है।
हल्दी के मुख्य निर्यात बाजार है: बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका और मलेशिया हैI
तेलंगाना के लिये सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय को स्वीकृति
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तेलंगाना में सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय को स्वीकृति दे दी है।
जिसका नाम तेलंगाना राज्य में सम्मानित आदिवासी शख्सियत सम्मक्का-सरक्का के नाम पर रखा गया है।
इस पहल का उद्देश्य युवाओं, विशेषकर आदिवासी समुदायों को लाभ पहुंचाना है।
चर्चा में पी.एम. स्वनिधि योजना
हाल ही में, पी.एम. स्वनिधि ने 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को योजना में शामिल करने का लक्ष्य हासिल किया है।
योजना के बारे में
पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 01 जून, 2020 को स्ट्रीट वेंडरों को अपनी आजीविका फिर से शुरू करने के लिए किफायती कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था, जो कि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं।
उद्देश्यः
10,000 रुपये तक की कार्यशील पूजी (Working capital) के रूप में ऋण उपलब्ध कराना हैI
नियमित तौर पर अपना ऋण चुकाने वालों को आर्थिक प्रोत्साहन देना।
डिजिटल लेन-देन करने पर आर्थिक प्रोत्साहन प्रदान करना।
'मुख्य विशेषताएं:
इसमें कार्यशील पूंजी हेतु एक वर्ष के लिए ऋण दिया जाता है।
ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर 7% प्रति वर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाती है। ऋण का पुनर्भुगतान त्रैमासिक आधार पर करना होता है।
डिजिटल लेन-देन पर मासिक कैशबैक के रूप में आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाता है।
यदि कोई स्ट्रीट वेंडर अपना पहला ऋण समय पर / जल्दी चुका देता है तो वह भविष्य में और अधिक ऋण के लिए पात्र हो जाता है।
इस योजना में देश भर के शहरी स्थानीय निकायों को शामिल किया गया है।
चर्चा में चुंगथांग बांध
हाल ही में सिक्किम में एक बड़ी आपदा हुई, जब तीस्ता नदी की बाढ़ से चुंगथांग हाइड्रो-बांध बह गया।
चुंगथांग बांध के बारे में:
चुंगथांग बांध, जिसे चुंगथांग जलविद्युत परियोजना के रूप में भी जाना जाता है I
सिक्किम के चुंगथांग शहर में स्थित एक बांध तथा पनबिजली स्टेशन है।
यह 1200 मेगावाट, मेगा तीस्ता चरण III जलविद्युत परियोजना का एक अभिन्न अंग है, जो सिक्किम और पश्चिम बंगाल के लिए बिजली का एक प्रमुख स्रोत है।
बांध की कुल ऊंचाई 817 मीटर और नेट हेड 778 मीटर थी , जिसका उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किया गया था ।
तीस्ता चरण III जलविद्युत परियोजना के बारे में:
यह 1,200 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना है ।
यह सिक्किम में तीस्ता नदी/बेसिन पर स्थित है ।
यह एक रन-ऑफ-रिवर परियोजना है।
परियोजना का निर्माण 2008 में शुरू हुआ और बाद में 2017 में वाणिज्यिक संचालन में प्रवेश किया।
तीस्ता नदी के बारे में मुख्य तथ्य:
यह एक ट्रांस-हिमालयी नदी है जो भारतीय राज्यों सिक्किम और पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के रंगपुर से होकर बहती है।
यह ब्रह्मपुत्र नदी की एक सहायक नदी है।
स्रोत: पाहुर्नी ग्लेशियर, खांगसे ग्लेशियर और छोल्हामो झील को भी तीस्ता नदी का स्रोत माना जाता है।
नदी बेसिन वितरण : नदी बेसिन का बड़ा हिस्सा भारत में है और इसका केवल 17% हिस्सा बांग्लादेश में है। इसकी कुल लंबाई लगभग 309 किलोमीटर है।
तीस्ता नदी की प्रमुख सहायक नदिया
बाएं किनारे की सहायक नदियाँ : लाचुंग छू , चाकुंग छू , डिक छू , रानी खोला और रंगपो छू।
दाहिने किनारे की सहायक नदियाँ: ज़ेमु छू, रंगयोंग छू और रंगित नदी।
तीस्ता पर निर्मित दो प्रमुख बड़े बैराज -
भारत के पश्चिम बंगाल में गाजोलडोबा
बांग्लादेश में दुआनी.
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