मैक्सिको में गर्भपात अपराध की श्रेणी से बाहर
हाल ही में मैक्सिको के सर्वोच्च न्यायालय ने देश में गर्भपात को विधिसंगत ठहराया है।
न्यायालय ने कहा कि गर्भपात के लिए दंडित करने वाली व्यवस्था असंवैधानिक है, क्योंकि यह महिलाओं के मानवाधिकार का हनन है।
वर्ष 2021 में गर्भपात को अपराध की श्रेणी से निकाल दिया गया था, लेकिन तब यह सिर्फ 2 राज्यों पर लागू हुआ था।
मैक्सिको में गर्भपात कराने वाली महिलाओं पर 3 वर्ष तक की जेल और जुर्माना लगाया जाता था।
मैक्सिको के 12 राज्यों ने पहले ही गर्भपात को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था।
भारत में गर्भपात की स्थिति:
भारत में 1971 से गर्भपात वैध है,परंतु कुछ सीमाएं भी हैं |
जब मूल अधिनियम पहली बार 1971 में लागू किया गया था, तो 12 सप्ताह की गर्भावस्था तक चिकित्सीय गर्भपात के लिए एक पंजीकृत डॉक्टर की मंजूरी की आवश्यकता होती थी, और 20 सप्ताह तक के गर्भपात के लिए दो डॉक्टरों की मंजूरी की आवश्यकता होती थी।
2003 में एक संशोधन के माध्यम से, सात सप्ताह तक गर्भावस्था की चिकित्सीय समाप्ति के लिए मिसोप्रोस्टोल (एक नई खोजी गई गर्भपात दवा) के उपयोग की अनुमति देने के लिए एमटीपी अधिनियम में नए नियम पेश किए गए थे।
मूल एमटीपी अधिनियम को 2020 में अधिक व्यापक रूप से अद्यतन किया गया था, और संशोधित कानून सितंबर 2021 में प्रभावी हो गया I
संशोधन ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) अधिनियम 1971 के तहत अधिकतम गर्भकालीन आयु जिस पर एक महिला चिकित्सीय गर्भपात करा सकती है, को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह कर दिया गया ।
गर्भ की समाप्ति के लिये चिकित्सकों से राय लेना आवश्यक:
गर्भधारण से 20 सप्ताह तक के गर्भ की समाप्ति के लिये एक पंजीकृत चिकित्सक की राय की आवश्यकता होती है।
गर्भधारण के 20-24 सप्ताह तक के गर्भ की समाप्ति के लिये दो पंजीकृत चिकित्सकों की राय आवश्यक होगी।
भ्रूण से संबंधित गंभीर असामान्यता के मामले में 24 सप्ताह के बाद गर्भ की समाप्ति के लिये राज्य-स्तरीय,मेडिकल बोर्ड की राय लेना आवश्यक होगा।
नोट:
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 (MTP ACT) को सुरक्षित गर्भपात के संबंध में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति के कारण पारित किया गया था।
नया कानून सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) 3.1, 3.7 और 5.6 को पूरा करने में मदद कर रोकथाम योग्य मातृ मृत्यु दर को समाप्त करने में योगदान देगा।
SDG 3.1 मातृ मृत्यु अनुपात को कम करने से संबंधित है, जबकि SDG 3.7 और 5.6 यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा अधिकारों तक सार्वभौमिक पहुँच से संबंधित है।
राजेश नांबियार नैसकॉम के नए चेयरपर्सन नियुक्त
कॉग्निजेंट इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजेश नांबियार को भारतीय आई.टी. और प्रौद्योगिकी व्यापार निकाय नैसकॉम ने हाल ही में अपना नया चेयरपर्सन नियुक्त किया।
राजेश नांबियार इस भूमिका में माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के पूर्व चेयरपर्सन अनंत माहेश्वरी की जगह लेंगे।
नांबियार नैसकॉम की अध्यक्ष देबजानी घोष के साथ सहयोग करेंगे और नैसकॉम कार्यकारी परिषद, उद्योग हितधारकों और सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे।
नैसकॉम के बारे में-
नैसकॉम (National Association of Software and Service Companies, NASSCOM) भारत के आईटी उद्योग की शीर्ष संस्था है।
इसकी स्थापना 1988 में हुई थी,जो एक गैर-लाभकारी उद्योग संघ है I
जापान ने 'मून स्नाइपर' चंद्र लैंडर SLIM को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने 7 सितंबर, 2023 को 'मून स्नाइपर' चंद्र लैंडर स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया।
प्रक्षेपण H2A रॉकेट के द्वारा दक्षिणी जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से किया गया।
यह मिशन चांद की सतह पर फरवरी 2024 में लैंड करेगा।
जापान का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर अपने लक्ष्य स्थल के 100 मीटर के भीतर SLIM को उतारना है।
संभावित लैंडिंग साइट मेयर नेक्टारिस (Mare Nectaris) है, जिसे चांद का समुद्र कहा जाता है। यह चांद पर सबसे ज्यादा अंधेरे वाला धब्बा कहा जाता है।
SLIM में एडवांस्ड ऑप्टिकल और इमेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी लगी है।
SLIM एक छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसकी ऊंचाई 2.4 मीटर, लंबाई 2.7 मीटर और चौंड़ाई 1.7 मीटर है।
यदि SLIM लैंडर चांद पर सफलतापूर्वक उतरता है, तो इससे जापान चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला विश्व का पांचवां देश बन जाएगा।
इजरायली शोधकर्ताओं ने स्टेम कोशिकाओं से कृत्रिम भ्रूण बनाया
इजरायल के वीजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों ने हाल ही में प्रयोगशाला में विकसित स्टेम कोशिकाओं का उपयोग करके सफलतापूर्वक मानव भ्रूण का पूर्ण सिंथेटिक मॉडल विकसित किया।
कृत्रिम भ्रूणों का पोषण गर्भ के बाहर विकसित किया गया और वे विकास के 14 दिनों तक जीवित रहे।
यह खोज, जिसे 1 अगस्त को पीयर-रिव्यू जर्नल सेल में प्रकाशित किया गया था, यह पहली बार है कि किसी भी प्रजाति का एक उन्नत भ्रूण अकेले स्टेम कोशिकाओं से बनाया गया है।
कृत्रिम गर्भ क्या है?
वे तंत्र हैं जिनका उपयोग महिला के शरीर के बाहर भ्रूण को विकसित करने के लिए किया जाता है।
द वैक्सीन वॉर: टाइम स्क्वायर पर गाना लॉन्च करने वाली पहली भारतीय फिल्म
फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द वैक्सीन वॉर' पहली भारतीय फिल्म बन गई है, जिसका गाना 5 सितंबर, 2023 को टाइम्स स्क्वायर पर लॉन्च किया गया है।
फिल्म कोरोना महामारी पर आधारित है जिसमें दिखाया गया कि कैसे देश के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाई है ।
फिल्म का शीर्षक गीत 'सृष्टि से पहले', जिसमें ऋग्वेद के श्लोक शामिल है, में ब्रह्मांड के निर्माण का वर्णन किया गया था, न्यूयॉर्क में इसे कथक के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
टाइम्स स्क्वायर पर, अभिनेत्री अर्चना जोगलेकर और उनकी नृत्य अकादमी के छात्रों द्वारा एक प्रदर्शन किया गया था और इसे प्रसिद्ध कथक उस्ताद द्वारा कोरियोग्राफ किया गया था।
ब्राइट स्टार-23
सरयू श्रेणी का नौसेना अपतटीय गश्ती पोत (NOPV), INS सुमेधा ‘अभ्यास ब्राइट स्टार-23' के लिये मिस्र के पोर्ट अलेक्जेंड्रिया पहुँचा।
यह मिस्र के पोत अलेक्जेंड्रिया में होने वाला एक बहुराष्ट्रीय त्रि-सेवा सैन्य अभ्यास है।
इस सैन्य अभ्यास में 34 देश भाग ले रहे हैं, जिससे यह मध्य-पूर्व तथा उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में आयोजित अब तक का सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास बन गया है।
अभ्यास को दो चरणों में विभाजित किया गया है: हार्बर चरण तथा समुद्री चरण।
हार्बर चरण में क्रॉस-डेक दौरे, पेशेवर आदान-प्रदान, खेल कार्यक्रम तथा योजना संबंधी बातचीत शामिल हैं।
समुद्री चरण में जटिल तथा उच्च तीव्रता वाले अभ्यास जैसे क्रॉस-डेक उड़ान, सतह-रोधी व वायु-रोधी अभ्यास एवं लाइव हथियार फायरिंग अभ्यास शामिल हैं।
नोट-
भारतीय नौसेना प्रथम बार अभ्यास ब्राइट स्टार में भाग ले रही है।
एशिया प्रशांत मानवाधिकार सम्मेलन
भारत की राष्ट्रपति, 20 सितंबर, 2023 को दिल्ली में एशिया प्रशांत के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों (NHRIs) के द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी।
एशिया प्रशांत फोरम (APF) के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में APF की 28वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन भी शामिल है।
यह सम्मेलन मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा की 75वीं वर्षगाँठ को चिह्नित करेगा तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों एवं पेरिस सिद्धांतों के 30 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव भी मनाएगा।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बारे में:
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission-NHRC) एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्टूबर, 1993 को की गई थी।
मानवाधिकार आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
यह संविधान द्वारा दिये गए मानवाधिकारों जैसे - जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार और समानता का अधिकार आदि की रक्षा करता है और उनके प्रहरी के रूप में कार्य करता है।
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