भारतजेन
भारतजेन का उद्घाटन 0 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में किया गया, जो जनरेटिव एआई में भारत की प्रगति को दर्शाता है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य भाषा, भाषण, और कंप्यूटर विज़न में आधारभूत मॉडल विकसित करके सार्वजनिक सेवा वितरण और नागरिक सहभागिता को बेहतर बनाना है।
इसे आईआईटी बॉम्बे के नेतृत्व में नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (NM-ICPS) के तहत विकसित किया जा रहा है।
इस परियोजना का योगदान IIIT हैदराबाद और IIM इंदौर जैसे प्रमुख संस्थानों से भी हो रहा है।
बहुभाषी और बहुविध मॉडल: यह विभिन्न भारतीय भाषाओं और प्रारूपों के लिए जनरेटिव एआई सिस्टम बनाएगा।
भारतीय डेटासेट: भारत-केंद्रित डेटासेट का उपयोग करके एआई मॉडल का विकास और प्रशिक्षण किया जाएगा।
ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म: जनरेटिव एआई अनुसंधान के लिए एक ओपन-सोर्स इकोसिस्टम को बढ़ावा देना।
डेटा संप्रभुता: यह पहल भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता का सटीक प्रतिनिधित्व करते हुए डेटा का संग्रह और संरक्षण करेगी।
भारतजेन का उद्देश्य सामाजिक समानता को बढ़ावा देना है और सांस्कृतिक संरक्षण सुनिश्चित करना है।
इसके साथ ही यह पहल भारत को जनरेटिव एआई के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी, जिससे विदेशी तकनीकों पर निर्भरता कम होगी और स्टार्टअप, उद्योगों, और सरकारी एजेंसियों को सशक्त बनाया जाएगा।
भारतजेन का ध्यान डेटा-कुशल शिक्षण पर होगा, खासकर वंचित भाषाओं के लिए। इसका रोडमैप जुलाई 2026 तक विस्तृत है, जिसमें एआई मॉडल विकास और भारतीय आवश्यकताओं के अनुकूल बेंचमार्क स्थापित किए जाएंगे।
इस पहल का लक्ष्य है कि विभिन्न उद्योगों और सार्वजनिक परियोजनाओं में एआई को सफलतापूर्वक लागू किया जाए।
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