मौद्रिक नीति समिति (MPC)
हाल ही में, केंद्र सरकार ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) में तीन नए सदस्यों की नियुक्ति की है। ये नए सदस्य हैं राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य, और नागेश कुमार। मौद्रिक नीति समिति में वर्तमान में कुल 6 सदस्य हैं, जिनमें शामिल हैं:
शक्तिकांत दास - RBI के गवर्नर
माइकल पात्रा - RBI के डिप्टी गवर्नर
राजीव रंजन - RBI के कार्यकारी निदेशक
स्थापना:
मौद्रिक नीति समिति का गठन 2016 में ब्याज दर निर्धारण को अधिक उपयोगी और पारदर्शी बनाने के लिए किया गया था।
संरचना:
मौद्रिक नीति समिति में 6 सदस्य होते हैं:
तीन सदस्य भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से होते हैं: गवर्नर, एक डिप्टी गवर्नर, और एक अन्य अधिकारी।
तीन अन्य सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है, जिनका चयन कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा किया जाता है।
कार्यकाल:
इन सदस्यों का कार्यकाल 4 वर्ष होता है, और ये पुनर्नियुक्ति के पात्र नहीं होते।
अध्यक्षता:
RBI का गवर्नर इस समिति का पदेन अध्यक्ष होता है।
बैठकें:
मौद्रिक नीति समिति की एक वर्ष में 4 बैठकें होना अनिवार्य है।
बैठक के लिए कोरम चार सदस्यों का होता है।
निर्णय प्रक्रिया:
समिति में निर्णय बहुमत के आधार पर लिए जाते हैं। यदि मत समान हों, तो RBI का गवर्नर अपना निर्णायक मत देता है।
MPC का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता को बनाए रखना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक नीतिगत निर्णय लेना है। नए सदस्यों की नियुक्ति से समिति की कार्यप्रणाली में विविधता और नए दृष्टिकोण जुड़ेंगे, जिससे भारत की मौद्रिक नीति को प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
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