महाराष्ट्र सरकार ने देशी गाय को 'राज्य माता' (राज्य की माता) घोषित किया है
महाराष्ट्र सरकार ने इन गायों की बेहतरी के उद्देश्य से एक नई कल्याणकारी पहल के तहत देशी गाय को 'राज्य माता' (राज्य की माता) घोषित किया है। यह कदम देशी गायों की नस्लों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिनकी आबादी में काफी गिरावट आई है।
पहल की मुख्य विशेषताएं:
- 'राज्य माता' की उपाधि : देशी गायों को मानद उपाधि दी गई है, जो राज्य की संस्कृति और अर्थव्यवस्था में उनके महत्व का प्रतीक है।
- सब्सिडी योजना : 'गोशालाओं' में गायों के रखरखाव के लिए प्रतिदिन 50 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी । इस वित्तीय सहायता से देशी गायों की देखभाल और रखरखाव को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- गोसेवा आयोग द्वारा कार्यान्वयन : इस योजना की देखरेख महाराष्ट्र गोसेवा आयोग द्वारा की जाएगी , जिससे उचित वितरण और निष्पादन सुनिश्चित होगा। प्रत्येक जिला पहल की निगरानी के लिए एक जिला गोशाला सत्यापन समिति स्थापित करेगा।
- ऑनलाइन कार्यान्वयन : पारदर्शिता और दक्षता के लिए इस योजना का प्रबंधन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाएगा।
- जनसंख्या में गिरावट को रोकना : इस पहल का उद्देश्य 2019 की जनगणना के अनुसार देशी गायों की जनसंख्या में 20.69% की गिरावट को रोकना है।
इसके अतिरिक्त, महाराष्ट्र सरकार ने व्यापक राज्य विकास प्रयासों के तहत एमएमआरडीए (मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण) के लिए ब्याज मुक्त द्वितीयक ऋण सहायता को मंजूरी दी है।