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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  ब्रुनेई यात्रा 

Updated : 5th Sep 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  ब्रुनेई यात्रा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की  ब्रुनेई यात्रा 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 सितंबर 2024 को ब्रुनेई दारुस्सलाम की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे। यह दक्षिण-पूर्व एशियाई देश की राजधानी, बंदर सेरी बेगवान में उनकी पहली यात्रा है

  • यह यात्रा भारत और ब्रुनेई के बीच आधिकारिक रूप से राजनयिक संबंध स्थापित होने के 40 वर्ष पूरे होने का भी प्रतीक है।

यात्रा संबंधी प्रमुख तथ्य - 

  • प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय उच्चायोग के नए कार्यालय का उद्घाटन किया और उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया।

  • भारत और ब्रुनेई के बीच रक्षा संबंधों को बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना की जाएगी।

  • प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो के टेलीमेट्री ट्रैकिंग और टेलीकमांड (टीटीसी) स्टेशन की मेजबानी में ब्रुनेई के सहयोग की सराहना की

  • दोनों देशों ने एलएनजी आपूर्ति में दीर्घकालिक सहयोग की संभावना पर चर्चा की।

 

ब्रुनेई का भारत के लिए महत्व 

  1. भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति के तहत, दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ रिश्ते बढ़ाना प्राथमिकता है। ब्रुनेई, जो कि आसियान का सदस्य है, इस नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

  2. दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों, खासकर ब्रुनेई, ने तेजी से आर्थिक विकास किया है। भारत और ब्रुनेई के बीच व्यापार पिछले साल लगभग 286 मिलियन डॉलर का था। ब्रुनेई तेल और गैस का बड़ा उत्पादक है, जो भारत के ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

  3. भारत का व्यापार दक्षिण चीन सागर से गुजरता है, जो विवादित क्षेत्र है। ब्रुनेई इस क्षेत्र का हिस्सा होने का दावा करता है, लेकिन उसने चीन के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया है।

  4. ब्रुनेई ने चीन के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध बनाए रखे हैं। भारत ब्रुनेई की मदद से अपनी 'चाइना प्लस वन' रणनीति को आगे बढ़ा सकता है, जिसका मतलब है कि भारत चीन के अलावा अन्य देशों में भी निवेश बढ़ा रहा है

1920 के दशक से ब्रुनेई में भारतीयों का आगमन शुरू हुआ था। आज वहां लगभग 14,000 भारतीय रहते हैं और वे स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं