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राष्ट्रीय तिलहन और खाद्य तेल मिशन (NMEP-Oilseeds)

Updated : 4th Oct 2024
राष्ट्रीय तिलहन और खाद्य तेल मिशन (NMEP-Oilseeds)

राष्ट्रीय तिलहन और खाद्य तेल मिशन (NMEP-Oilseeds)

  • भारत सरकार ने 2024-25 से 2030-31 तक तिलहन और खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य से 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय मिशन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दी है।

  •  इस मिशन का मुख्य उद्देश्य रेपसीड सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल जैसी प्राथमिक तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देना है। 

    • इसके साथ ही, कपास के बीज, चावल की भूसी, और पेड़-मक्खन के तेल जैसे माध्यमिक स्रोतों से संग्रह और निष्कर्षण दक्षता को भी सुधारने पर ध्यान दिया जाएगा।

मुख्य लक्ष्य:

  1. तिलहन उत्पादन: 2022-23 में 39 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2031 तक 69.7 मिलियन मीट्रिक टन करना।

  2. घरेलू खाद्य तेल उत्पादन: एनएमईओ-ओपी (ऑयल पाम) के साथ मिलकर, 2030-31 तक घरेलू उत्पादन को 25.45 मिलियन मीट्रिक टन तक बढ़ाना, जिससे देश की अनुमानित आवश्यकता का 72% घरेलू स्तर पर पूरा किया जा सके।

तकनीकी नवाचार:

  • मिशन में जीनोम एडिटिंग और अन्य अत्याधुनिक वैश्विक तकनीकों का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का विकास किया जाएगा, जिससे तिलहन उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी।

लाभ:

  1. आयात निर्भरता में कमी: मिशन से खाद्य तेलों का आयात कम होगा और मूल्यवान विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

  2. किसानों की आय में वृद्धि: तिलहन उत्पादन में वृद्धि से किसानों की आय में भी सुधार होगा।

  3. पर्यावरणीय लाभ: कम पानी के उपयोग, बेहतर मृदा स्वास्थ्य, और फसल परती क्षेत्रों के उत्पादक उपयोग से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

इस मिशन के तहत, भारत को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे देश की खाद्य तेलों पर आयात निर्भरता घटेगी और घरेलू उत्पादन में वृद्धि होगी।