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Shikhar Day 4 Answer Hindi

Updated : 8th Jun 2023
Shikhar Day 4 Answer Hindi

Q1 : हमें स्मार्ट शहरों से ज्यादा स्मार्ट गांवों की जरूरत है। चर्चा कीजिए।

We need smart villages more than smart cities. Discuss.

दृष्टिकोण:

  • भूमिका में स्मार्ट गाँव के संदर्भ में लिखिए । 
  • स्मार्ट गाँव की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए । 
  • इस प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में निष्कर्ष लिखिए । 

उत्तर:

2017 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, बेहतर काम के अवसरों की तलाश में लगभग नौ मिलियन भारतीय हर साल शहरों की ओर पलायन करते हैं। प्रवासन में इस क्रमिक वृद्धि से शहरों के संसाधनों और बुनियादी ढांचे पर बोझ पड़ा है। 2050 तक, यह अनुमान है कि आधे से अधिक भारत शहरी भारत में रह रहे होंगे।

हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए आजीविका के अवसर और शहरी सुविधाएं प्रदान करने के लिए  पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम ने जनवरी 2003 पूरा (PURA - Provision of Urban Amenities to Rural Areas ) की अवधारणा को प्रस्तुत किया था । इसके तहत पानी और सीवरेज, गांव की सड़कों का निर्माण और रखरखाव, ड्रेनेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कौशल विकास, गांव की स्ट्रीट लाइटिंग, दूरसंचार, बिजली उत्पादन, गांव से जुड़े पर्यटन  आदि को बढ़ावा देना शामिल था ।

स्मार्ट गाँव  की आवश्यकता -

  • स्मार्ट विलेज में आम आदमी को रोजगार मिलेगा इससे उसके आय में वृद्धि होगी और बच्चों को अच्छी शिक्षा अच्छे कपड़े और अच्छा भोजन गाँव मे ही प्राप्त होंगे  जिससे उसके जीवन स्तर में वृद्धि होगी और कई आधुनिक सुविधाओं का लाभ लेगा |
  • स्मार्ट विलेज में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी कई प्रकार के रोजगार प्राप्त होंगे  जिससे महिलाओं के जीवन स्तर में वृद्धि होगी और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा ।
  • आम आदमी के पास आय में वृद्धि होगी जिससे वह आधुनिक सुख सुविधाओं का लाभ  उठा सकेगा और पौष्टिक भोजन की प्राप्ति से कुपोषण की समस्या भी समाप्त होगी । 
  • आज गाँवों मे किसानों की समस्या ,गरीबी ,बेरोजगारी,अशिक्षा आदि अनेकों समस्या भारत में विद्यमान है । इन सब समस्याओं के कारण भारत तीव्र गति से विकास नहीं कर पा रहा है। स्मार्ट विलेज निर्माण से इन सब समस्याओं का समाधान किया जाता सकता है और देश का तीव्र गति से विकास किया जा सकता है 
  • गाँवों मे रोजगार चिकित्सा आदि जैसे सुविधाओ के न होने से महानगरों की ओर प्रवसन की समस्या बढ़ती जा रही है । ज़्यादातर प्रवसित लोग मलिन बस्तियों मे रहने के लिए अभिशप्त है । भारतीय महानगरों की मलिन बस्तियों में निवास करने वाले व्यक्तियों का जीवन स्तर अत्यधिक खराब या निकृष्ट और पर्यावरण अस्वास्थ्यकर होता है। अल्पाय, निरक्षरता, अकुशलता आदि के कारण उनमें अनेक सामाजिक बुराइयां जैसे शराब पीना, जुआ खेलना, चोरी, हत्या आदि अनुषंगी बन जाती है।स्मार्ट गाँव के निर्माण से प्रवसन पर अंकुश लगेगा । 
  • स्मार्ट विलेज के निर्माण से हम काफी सस्ती वस्तु उत्पादित कर सकते हैं इसके निर्माण से सस्ती जमीन बिजली पानी आदि जैसी आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है जिससे हम सस्ती वस्तुओं का उत्पादन कर सकते हैं |
  • स्मार्ट विलेज से पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा जैसे -
    • वृक्षों की कटाई पर पूर्णता नियंत्रण
    • जल प्रदूषण पर नियंत्रण
    • वायु प्रदूषण पर नियंत्रण
    • भूमि प्रदूषण पर नियंत्रण आदि

 

श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के तहत 300 गांवों को अपग्रेड करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा 2016 में स्मार्ट गांवों की अवधारणा को पेश किया गया था। इस मिशन के तहत, सरकार का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक और ढांचागत विकास प्रदान करना है जो इन गांवों को स्मार्ट ग्रोथ सेंटर बनाएगा। योजना को और बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने बाद में सांसद आदर्श ग्राम योजना  की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य गाँवों के चुनिंदा क्लस्टर का एकीकृत विकास करना है।

 

 

Q2: भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं? (12 Marks)

What are the Salient features of Indian society? (12 Marks)

 

दृष्टिकोण:

  • भूमिका में भारतीय समाज के बारे में 1 – 2 वाक्य संक्षिप्त में लिखें।
  • भारतीय समाज की मुख्य विशेषताओं के बारे में बतायें।
  • प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में निष्कर्ष लिखें।

उत्तर :

भारतीय समाज बहुसांस्कृतिक, बहु-जातीय और बहु-वैचारिक संरचनाओं का एक उदाहरण है, जो सह-अस्तित्व में हैं, एक साथ सद्भाव बनाने और अपनी वैयक्तिकता को बनाए रखने के लिए भी प्रयासरत हैं।

 भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताएं: 

 • बहु-जातीय समाज- भारत में विभिन्न प्रकार के नस्लीय समूहों के सह-अस्तित्व के कारण भारतीय समाज प्रकृति में बहु-जातीय है। भारत दुनिया में प्रचलित लगभग सभी नस्लीय समुदायों का घर है,

 • बहुभाषी समाज- देश के कोने-कोने में 1600 से अधिक भाषाएँ बोली जाती हैं।  इनमें प्रमुख भाषाएँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, बंगाली आदि हैं। 

 • बहु-वर्गीय समाज- भारतीय समाज कई वर्गों में बंटा हुआ है।  यह विभाजन जन्म के साथ-साथ किसी के जीवन काल में वित्तीय और सामाजिक उपलब्धियों के आधार पर हो सकता है।

 • पितृसत्तात्मक समाज- भारतीय समाज काफी हद तक एक पितृसत्तात्मक समाज है जहां पुरुषों को महिलाओं की तुलना में अधिक प्रतिष्ठा प्राप्त है।  हालाँकि, कुछ आदिवासी समाज मातृसत्तात्मक समाज हैं जहाँ महिलाओं के पास निर्णय लेने की प्रमुख शक्ति है।

 • विविधता में एकता- यह भारतीय समाज की एक अंतर्निहित विशेषता है।  भारत में विविधता विभिन्न स्तरों पर विभिन्न रूपों में विद्यमान है।  हालाँकि, इस विविधता के नीचे, सामाजिक संस्थाओं और प्रथाओं में मौलिक एकता है। 

 • परंपरावाद और आधुनिकता का सह-अस्तित्व- परंपरावाद मूल मूल्यों को बनाए रखना या बनाए रखना है।  जबकि आधुनिकता का तात्पर्य परंपरा पर सवाल उठाना और तर्कसंगत सोच, सामाजिक, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की ओर बढ़ना है।  शिक्षा और तकनीकी प्रगति के प्रसार के कारण भारतीयों में आधुनिक सोच बढ़ी है।  हालाँकि, पारिवारिक जीवन अभी भी पारंपरिक मूल्यों और विश्वास प्रणालियों से बंधा हुआ है। 

 • अध्यात्मवाद और भौतिकवाद के बीच संतुलन- अध्यात्मवाद का मुख्य ध्यान ईश्वर के साथ एक व्यक्ति के अनुभव को बढ़ावा देना है।  जबकि भौतिकवाद भौतिक संपत्ति और भौतिक सुख-सुविधाओं को आध्यात्मिक मूल्यों से अधिक महत्वपूर्ण मानने की प्रवृत्ति है।  भारतीय समाज काफी हद तक आध्यात्मिक झुकाव रखता है।  हालाँकि बढ़ते पश्चिमीकरण के कारण भौतिकवादी प्रवृत्तियाँ भी काफी हद तक दिखाई देने लगी हैं।

 • व्यक्तिवाद और सामूहिकता के बीच संतुलन- व्यक्तिवाद एक नैतिक, राजनीतिक या सामाजिक दृष्टिकोण है जो मानव स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता पर बल देता है।  जबकि सामूहिकता इसमें प्रत्येक व्यक्ति पर एक समूह को प्राथमिकता देने की प्रथा है।  भारतीय समाज में उनके बीच एक अच्छा संतुलन मौजूद है।

विविधता में एकता एवं वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) की उदार अवधारणा के आधार पर, भारतीय समाज के पास एक महान सांस्कृतिक विरासत है।  अपने विकास के दौरान, इसने समय-समय पर कई समुदायों और उनके जीवन के तरीकों को समायोजित और एकीकृत किया है।