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SHIKHAR Mains 2021, Day 10 Answer Hindi

Updated : 19th Dec 2021
SHIKHAR Mains 2021, Day 10 Answer Hindi

Q1: अभिवृत्ति से आप क्या समझते है  ?यह  संज्ञानात्म्क ,भावात्मक एवं क्रियात्म्क तत्वो का समुच्चय है ?स्पष्ट कीजिये।  

Answer -

अभिवृत्ति से तात्पर्य यह है कि जब किसी विषयवस्तु पर व्यक्ति का विचार या मत भावना से शामिल होते हुए व्यवहार में परिवर्तित होता है, तो अभिवृत्ति की संज्ञा दी जाती है ।
 किसी व्यक्ति  के सामाजिक वातावरण जैसे किसी वस्तु, घटना,मुद्दे आदि के संदर्भ मे व्यक्ति का सकारात्मक या नकारात्मक व्यवहार अभिवृत्ति कहलाती है ।
फ्रीमेन के शब्दों में – ‘‘अभिवृत्ति किन्हीं परिस्थितियों व्यक्तियों या वस्तुओं के प्रति संगत ढंग से प्रतिक्रिया करने की स्वाभाविक तत्परता है, जिसे सीख लिया गया है तथा जो व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रतिक्रिया करने का विशिष्ट ढंग बन गया है।’’  
यह सकारात्मक या नकारात्मक या तटस्थ हो सकती है । 
अभिवृत्ति 3 तत्वो का समुच्चय है -

  • विचारात्मक या संज्ञानात्मक - इसका संबंध विश्वास या विचार/मत से होता है|यह अभिवृत्ति का ज्ञानात्मक पक्ष को संदर्भित करता है, जिसमे व्यक्ति किसी घटना , वस्तु या व्यक्ति को लेकर एक सामान्य धारणा का विकास करता है । इस पक्ष का  परिवर्तन अपेक्षाकृत आसान होता है ।
  • भावात्मक - इसका संबंध भावना या अनुभूति से होता है।  किसी व्यक्ति मे मन मे  किसी वस्तु या घटना या व्यक्ति  के संदर्भ मे कोई न कोई  भाव उत्पन्न होते है । अर्थात बाह्य के अभ्यंतरिकरण से किसी व्यक्ति के मन मे उत्पन्न भाव को दर्शाता है ।
  • क्रियाशीलता - इसका संबंध व्यवहार से। जब व्यक्ति ज्ञान एवं भावना से जुड़ जाता है तो उसकी प्रतिक्रिया भी होती है । जैसे - जब हम किसी व्यक्ति को पसंद या नापसंद करते है है तो हमारे व्यवहार मे उस तत्व कि झलक दिखाई देने लगती है । 

एक सामाजिक वातावरण में व्यक्ति का तालमेल वस्तु के साथ, व्यक्ति के साथ, घटना के साथ, परिस्थिति के साथ, मुद्दों के साथ एवं अन्य के साथ होता है एवं इस प्रत्येक को लेकर व्यक्ति का एक मत/विचार होता है|
- जब इस मत/विचार में भावनात्मक एवं व्यवहारिक पक्ष शामिल हो जाते हैं तो यह अभिवृत्ति को दर्शाती है|
 जैसे हमे बचपन से ही सत्य बोलने को प्रेरित किया जाता है ।जो अभिवृत्ति का क्रियात्मक पक्ष है । जब हम सत्य बोलेने कि धारणा पर  विश्वास करते है और  हमारे अंदर सत्य बोलने की भावना  का विकास होता है । यह अभिवृत्ति का भावनात्मक पक्ष को दर्शाता है । जब हम अपने  व्यवहार मे सत्य बोलने के नैतिक सिधान्त का पालन करते हुवे सत्य बोलते है ।तो वह अभिवृत्ति का क्रियात्मक पक्ष होता है ।  

 

Q2: अभिवृत्ति व्यक्ति के जीवन और व्यक्तित्व का एक अभिन्न अंग है । इस संदर्भ मे अभिवृत्ति निर्माण के प्रमुख आधरों पर चर्चा कीजिये ?

Answer -

जन्म के समय   बच्चे मे किसी भी प्रकार की अभिवृत्ति का अभाव रहता है । बच्चे मे माता -पिता , परिवार , स्कूल , समाज आदि के क्रिया प्रतिक्रिया से अनुभवो का निर्माण होता है । इस अनुभवो के आधार पर ज्ञान या मूल्यों  का निर्माण होता है ।
अभिवृत्ति विशिष्ट मूल्यों के अनुपालन का एक परिणाम है अतः अभिवृत्ति की उत्पति का आधार मूल्य होता है परंतु कई बार अभिवृत्ति व्यक्ति के मूल्यों में भी परिवर्तन लाती है|यह सकारात्मक या नकारात्मक या तटस्थ हो सकती है ।
जैसे अगर किसी व्यक्ति के द्वारा ईमानदारी को मूल्यवान माना जाता है तो ऐसी स्थिति में गैर-ईमानदार के प्रति उसकी अभिवृत्ति नकारात्मक होगी|  
अभिवृत्ति सामाजिक मूल्य ,प्रतिष्ठित व्यक्तियों के व्यवहार  ,पुरस्कार और दंड आदि से प्रभावित होती है । 

अभिवृत्ति का निर्माण -
अभिवृत्ति का निर्माण सीखने की प्रक्रिया का एक परिणाम है । इसमे  प्रत्येक नई सीख के साथ परिवर्तन का होना स्वाभाविक है| अभिवृत्ति निम्नलिखित आधारो पर निर्मित होती होती है -

प्रत्यक्ष अनुभव के आधार पर
व्यक्ति अपने पारिवारिक या सामाजिक गतिविधियों के  आधार पर अपने अनुभवो को विकसित करता है । यदि किसी व्यक्ति मे अच्छे अनुभवो का संचार होता है तो व्यक्ति सकारात्मक होता है । यदि उसे समाज या परिवार के तादात्म्य से खराब अनुभव प्राप्त होता है तो उसे नकारात्मक बना देती है ।  
जिस समाज या परिवार मे  लिंग समानता को अधिक मूल्यवान माना जाता है उस व्यक्ति की  अभिवृत्ति हर लिंग के प्रति सकारात्मक होगी और उसी के अनुरूप उसका व्यवहार  विकसित होगा |

मूल्यों के आधार पर 
मूल्यों का निर्माण तब होता है जब विशिष्ट विश्वास या अभिवृत्ति व्यक्ति के जीवन और व्यक्तित्व का एक अभिन्न अंग हो जाता है। उन मूल्यों के प्रति व्यक्ति के मन मे एक सकारात्मक या नकारात्मक अभिवृत्ति का निर्माण होता है । जैसे अगर किसी व्यक्ति के द्वारा मानवता के मूल्य को स्वीकार किया जाता है तो गरीबों या पिछड़ों के प्रति उसका अभिवृत्ति सकारात्मक होगी|
पुरस्कार या दंड के आधार  पर -
किसी कार्य को करने के लिए किसी व्यक्ति को पुरस्कार या दंड दिया जाता है तो उसी के अनुरूप उसके व्यवहार मे परिवर्तन आता है ।

अन्य आधार -

  • किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के जीवन संघर्षो और उपलब्धियों के अवलोकन के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव मे परिवर्तन आता है ।
  • समूहिक या सांस्कृतिक मानदंडो(नियमों ) के आधार पर व्यक्ति की अभिवृत्ति में परिवर्तन आता है।
  • विभिन्न सूचनाओं (मीडिया , टेलीविज़न , इंटरनेट आदि के माध्यम से )के माध्यम से व्यक्ति कुछ न कुछ सीखता रहता है ।
  • हालांकि अभिवृत्ति सीखी हुई योग्यता है फिर भी कुछ अभिवृत्तियाँ जन्मजात (आनुवांशिकता के कारण ) भी देखने को मिलती है ।
  • प्रत्यक्ष निर्देशन , अन्य व्यक्तियों के साथ परस्पर ताल मेल का होना |