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SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 14 Model Answer Hindi

Updated : 24th Aug 2022
SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 14 Model Answer Hindi

Q1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता कृषि में क्रांति ला सकती  है। टिप्पणी कीजिये। 

      Artificial intelligence can revolutionize agriculture. Comment. 

दृष्टिकोण-

·       भूमिका में कृषि अवसंरचना की स्थिति का उल्लेख करते हुए लिखें।

·       कृषि में कृत्रिम बुद्धि के उपयोग को लिखते हुए  निष्कर्ष दें।

उत्तर-

            भारत मे ज्यातर हिस्सो मे कृषि कार्य जीवन निर्वाह के लिए किया जाता है । भू जोतो का सीमित आकार ,बाज़ार व्यवस्था और आपूर्ति शृंखला के उचित प्रबंधन का अभाव , सीमांत किसानो को विभिन्न योजनाओ तथा तकनीकी के संबंध जागरूकता  की कमी है । हालाकि सरकार  द्वारा कृषि क्षेत्र में सुधार और ग्रामीण विकास के लिए बेहतर मार्ग बनाने के लिए नई पहलों और कृषि कार्यक्रमों के साथ काम कर रही है ।  

कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग:

·       कृषि डेटा का विश्लेषण मे AI का इस्तेमाल -: कृषि के विभिन्न घटकों में प्रतिदिन सैकड़ों और हज़ारों प्रकार के डेटा (जैसे-मृदा, उर्वरकों की प्रभाविकता, मौसम, कीटों या रोग से संबंधित डेटा आदि) उपलब्ध होते हैं। AI की सहायता से किसान प्रतिदिन वास्तविक समय में कई तरह  के डेटा (जैसे- मौसम की स्थिति, तापमान, पानी के उपयोग या अपने खेत से एकत्रित मिट्टी की स्थिति आदि) विश्लेषण और समस्याओं की पहचान कर बेहतर निर्णय ले सकेंगे।  

·       मौसम का पूर्वानुमान  लगाने में AI की भूमिका - विश्व के विभिन्न हिस्सों में कृषि सटीकता में सुधार और उत्पादकता बढ़ाने के लिये किसानों द्वारा मौसम के पूर्वानुमान का मॉडल तैयार करने के लिये AI का उपयोग किया जा रहा है।   

·       कृषि में सटीकता का अनुमान लगाने में AI की भूमिका - कृषि में अधिक सटीकता लाने हेतु पौधों में बीमारियों, कीटों और पोषण की कमी आदि का पता लगाने के लिये कृषि एआई तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

·       मृदा एवं फसल स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली में AI की भूमिका -एक जर्मन-आधारित टेक स्टार्ट-अप PEAT ने प्लांटिक्स नामक एक AI- आधारित एप्लिकेशन विकसित किया है जो पौधों के कीटों और बीमारियों सहित मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी की पहचान कर सकता है जिससे किसानों को उर्वरक का उपयोग करने का एक विचार भी मिल सकता है जो फसल की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है। ट्रेस जीनोमिक्स एक मशीन लर्निग आधारित कंपनी है जो किसानों को मिट्टी का विश्लेषण करने मे मदद करती है । 

·       कृषि रोबोटिक्स का इस्तेमाल खेती मे मनुष्यों की तुलना में अधिक तेजी से खरपतवारों को नियंत्रित करने और फसल कटाई मे किया जा सकता है । AI कृषि बाट्स (AI Agriculture Bots) एक उपयुक्त समाधान हो सकते हैं

·       AI आधारित चैटबाटस की भूमिका - कृषि से जुड़े परामर्श के लिए चैट बाट का इस्तेमाल किया जा सकता है । कृषि विशेषज्ञों की भूमिका के माध्यम से किसानो के सवालो का जबाब दिया जाता है । 

           कृषि मे AI किसानो को कम लागत मे गुणवत्तायुक्त उच्च फसल उत्पादन , सटीक खेती प्रदान कर खेती मे बदलाव ला सकता है । इससे न केवल उत्पदन मे वृद्धि होगी बल्कि 2022 तक कृषको की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

 


 

Q2. भारत मे खाद्य प्रसंस्करण आपूर्ति शृंखला प्रबंधन की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए इसके समाधान का मार्ग प्रस्तुत कीजिये ?

        Mentioning the challenges of food processing supply chain management in India, discuss ways to overcome it?

दृष्टिकोण-

·       प्रस्तावना में आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के बारे में लिखिए।।

·       खाद्य प्रसंस्करण आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की चुनौतियों को लिखिए।

·       खाद्य प्रसंस्करण आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की चुनौतियों का समाधान लिखते हुए एक उपयुक्त निष्कर्ष दीजिये ।

उत्तर -

           आपूर्ति  शृंखला प्रबंधन विभिन्न भागीदारों का नेटवर्क होता है  जिसमे उत्पादन से लेकर विनिर्माण, वितरण ,परिवहन थोक विक्रेता , विक्रेता आदि शामिल होते है। वस्तुत: यह वस्तुओ और सेवाओ के प्रवाह का प्रबंधन है।                                                                                                                                        

खाद्य प्रसंस्करण आपूर्ति शृंखला  प्रबंधन की चुनौतियां-

  • कनेक्टिविटी की समस्या - गाँव, शहर और बाज़ारो के बीच बेहतर कनेक्टिविटी की कमी है।
  • अवसंरचना मे कमी - इससे उत्पादो की छटाई ग्रेडिंग, परिवहन , संचार , मूल्य निर्धारण आदि मे समस्या आती है । भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग कुल सड़क नेटवर्क का केवल 2% हिस्सा हैं, लेकिन सभी कार्गो का 40% ढोते हैं। 
  • बेहतर तकनीकी   का अभाव - इससे वस्तुओ और सेवाओ के रखरखाव और स्मार्ट वर्किंग की समस्या उत्पन्न हो जाती है । उत्पादो के ट्रैकिंग व ट्रेसिंग नही हो पाता है । 
  • अन्य चुनौतियां - उचित  बाज़ार की कमी , रेल नेटवर्क और जल परिवहन की धीमी विकसावस्था , जन जागरूकता का अभाव , विभिन्न उद्योगो ,संस्थाओ ,एनजीओ के बीच समन्वय का अभाव जोखिम प्रनधन मे कमी ,कौशल और नवाचार का अभाव ,अनुप्रयुक्त अनुसंधान की कमी, कराधान के मुद्दे, ऋण तक पहुंच, अप्रचलित प्रौद्योगिकियां, आदि है । 

समाधान-

·       आधारभूत अवसंरचना का विकास करना।

·       भारत निर्माण , संपदा योजना , मेगा फूड पार्को की स्थापना , सागर माला योजना जैसी योजनाओ के माध्यम से सरकार बुनियादी अवसंरचनाओ  का विकास कर रही है।

·       विभिन्न संस्थाओ और समितियों का  समन्वय।

·       बाज़ार तक पहुच सुनिश्चित करने के लिए गुणात्मक परिवहन साधनो का विकास किया जाना चाहिए । जिससे  डिलेवरी व्यवस्था बेहतर हो सके । 

·       बाज़ार जोखिम प्रबंधन को युक्तियुक्त बनाया जाना चाहिए । 

·       इस क्षेत्र मे कौशल विकास के साथ साथ वित्तीय व्यवस्था को भी उचित और कारगर बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

·       तकनीकी विस्तार और तकनीकों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

·       स्मार्ट शासन  और स्मार्ट प्रशासन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

           सार्वजनिक और निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए । जिससे ग्रेडिंग, सॉर्टिंग, पैकिंग, प्री-कूलिंग, हैंडलिंग सुविधाएं, बीमा, वित्त, परिवहन और प्रसंस्करण सुविधाएं जैसी सुविधाओ के विकास मे  सहयोग प्राप्त हो सके ।