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SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 18 Model Answer Hindi

Updated : 27th Aug 2022
SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 18 Model Answer Hindi

Q1. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे सड़क अवसंरचना के विकास का उल्लेख करते हुए इसके आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालिए ?

 While mentioning the development of road infrastructure being done by the Government of Uttar Pradesh, throw light on its economic importance?

 दृष्टिकोण-

·        उत्तर प्रदेश में सड़क अवसंरचना की वर्तमान स्तिथि  को बताते हुए विभिन्न परियोजनाओं के बारे में लिखिए।

·        सड़क परियोजनओं  के आर्थिक महत्त्व को बताते हुए उत्तर का समापन कीजिये।

उत्तर-

             उत्तर प्रदेश मे कुल सड़क की लम्बाई 3,36,806 किलोमीटर है । जिसमे से राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 11,737 (निर्मित )तथा 3010 किलोमीटर( निर्माणाधीन)है । भारत में चलने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई का लगभग 8.5 प्रतिशत हिस्सा राज्य के राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) का हिस्सा है।

 हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सड़क विकास के लिए निम्नलिखित परियोजनाओ पर करी किया जा रहा है:  

      ·        गंगा एक्सप्रेसवे: यह उत्तर प्रदेश में 594 किमी. लंबी, 6-लेन चौड़ी ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे है जो मेरठ और प्रयागराज को जोड़ती है। 

·        पूर्वाचल एक्सप्रेसवे: यह उत्तर प्रदेश में 340.8 किमी. लंबी और 6-लेन चौड़ी एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है, जो लखनऊ को गाजीपुर से जोड़ती है। 

·        बुदंलेखंड एक्सप्रेसवे: यह एक 296 किमी. लंबी और 4-लेन चौड़ी (6-लेन एक्सपेंडेबल) एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है जो चित्रकूट जिले से प्रारंभ होकर इटावा जिले के कूदरैल गांव में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से मिलती है।

·        यमुना एक्सप्रेसवे: इसे ताज एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है (165.5 किमी. लंबी और 6-लेन चौड़ी) जो ग्रेटर नोएडा और आगरा को जोड़ती है। 

·        राज्य हाईवे: उत्तर प्रदेश में विभिन्न राज्य हाईवे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है जैसे-पुखरायन-घाटमपुर-बिंडकी सड़क (SH-46)

 उत्तर प्रदेश के लिए सड़क परियोजना का आर्थिक महत्व:

·        पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लड़ाकू विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए विशेष रूप से निर्मित किया गया है । यह एक्सप्रेसवे अपनी लंबाई के साथ औद्योगिक केंद्रों के विकास के लिए एक गलियारे के रूप में भी काम करेगा। 

·        रोजगार के अवसरो का विकास होगा क्योंकि सड़क मार्ग के निर्माण के दौरान बड़े पैमाने पर श्रम एवं कौशल की आवश्यकता होती है । 

·        सड़क परिवहन के विकास से निवेश को बल मिलेगा । जिससे भारत की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में सुधार होगा ।

·        उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में संलग्न एक बड़ी जनसंख्या की  आजीविका में वृद्धि होगी, कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी इत्यादि। 

          सड़क अवसंरचना का विकास बीमारू  राज्य के लेवल को हटाने तथा उत्तर प्रदेश सरकार को  2024-25 तक एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगा।

 

  


 

 Q2. उत्तर प्रदेश में कृषि आधारित उद्योगों (एग्रो बेस्ट इंडस्ट्री) के विकास की संभावना का परीक्षण कीजिए?

 Examine the potential for development of agro-based industries (Agro Best Industries) in Uttar Pradesh?

 दृष्टिकोण-

·        कृषि आधारित उद्योग के बारे में बताते हुए उदाहरण सहित उद्योग के प्रकार के विषय में लिखिए।

·        उत्तर प्रदेश में कृषि आधारित उद्योग की वर्त्तमान स्थिति दर्शाये।

·        कृषि आधारित उद्योग के महत्त्व के सम्भावनाओ को भी बताये।

·        उत्तर का समापन कीजिये।

उत्तर-

            कृषि आधारित उद्योग कृषि क्षेत्र द्वारा उत्पादित कच्चे माल पर निर्भर होते हैं। इनके उत्पादों में मुख्यतः उपभोक्ता सामान शामिल हैं। औद्योगिक उत्पादन में योगदान तथा रोजगार निर्माण की दृष्टि से कृषि-आधारित उद्योगों का महत्वपूर्ण स्थान है। कृषि आधारित  उद्योगों मे संगठित क्षेत्र तथा असंगठित क्षेत्र दोनों शामिल है ।  

कृषि आधारित उद्योगों के प्रकार:

  1. एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट्स (कृषि प्रसंस्करण इकाइयां) इसके अंतर्गत  कच्चे माल को संशोधित व परिवर्धित करके उत्पादों के जीवन कल को बढ़ाया जाता है । 
  2. एग्रो प्रोडक्शन मैनुफैक्चरिंग  यूनिट्स (कृषि-उत्पादन निर्माण इकाइयां) इसके अंतर्गत  ऐसे उत्पादो को शामिल किया जाता है जो उपभोक्ताओ के लिए अधिक उपयोगी हो।
  3. एग्रो इनपुट मैनेफैक्चरिंग यूनिट्स (कृषि इनपुट विनिर्माण इकाइयां) - ये इकाइयाँ मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र के विकास के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि वे ऐसी वस्तुओं का उत्पादन करती हैं जो कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रमुख रूप से महत्वपूर्ण हैं, जिसमें इसके मशीनीकरण भी शामिल है।
  4. कृषि सेवा केंद्र - ये इकाइयाँ मूल रूप से इकाइयाँ हैं जो लोगों को कृषि संबंधी सेवाएँ प्रदान करती हैं जैसे कृषि उपकरण की मरम्मत, शैक्षिक कार्यशालाएँ आदि।

  कृषि आधारित उद्योग जैसे;

·        टेक्सटाइल उद्योगः कॉटन, जूट, सिल्क, ऊन, कृत्रिम रेशे 

·        खाद्य प्रसंस्करण उद्योगः सभी प्रकार के कृषि उत्पाद।

·        डेयरी उद्योग: दूध .व दूध से बने समान 

·        चीनी उद्योग।

·        वनस्पति तेल उद्योग।

·        चाय एवं कॉफी उद्योग।

·        लेदर वस्तु उद्योग।

 उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति:

 

  1. सूती वस्त्र उद्योग -  यह उत्तर प्रदेश में एक बड़ी कृषि आधारित उद्योग है जो बड़े पैमाने पर कपड़ों के विनिर्माण से संबंधित है। उत्तर प्रदेश में सूती वस्त्र उद्योग की दृष्टि से देश में तृतीय स्थान है। यहां सूती वस्त्र की 68 मिलें हैं। ये मिलें कानपुर, आगरा, बरेली, मेरठ, गाजियाबाद, हरदोई, हाथरस, अलीगढ़, सहारनपुर, बदायूं, इलाहाबाद, मऊ, वाराणसी, रामपुर। कानपुर में मोटे और मध्यम प्रकार का कपड़ा, तंबू ढेरे और दुस्ती कपड़ा अधिक बनाया जाता है।
  2. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग: उत्तर प्रदेश में इस उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। अत: इसे लाभ में परिवर्तित करने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता है।भारत सरकार द्वारा कराये गये सर्वे तथा विभिन्न रिपोर्टों के आधार पर खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में मूल्य संवर्धन तथा लेवल ऑफ  प्रोसेसिंग अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है। देश में प्रसंस्करण का स्तर 10 प्रतिशत तथा उत्तर प्रदेश में प्रसंस्करण का स्तर 06 प्रतिशत है।
  3. डेयरी उद्योग: यह उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण उद्योग है जो राज्य की जीडीपी में लगभग 4% का योगदान देता है तथा किसानों के लिए वैकल्पिक आय का महत्वपूर्ण स्रोत है। दूध उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है ।  दुग्ध उत्पादन  2017-18 में उत्तर प्रदेश में 29 हजार 52 टन  था, जो 2018-19 में बढ़कर 30 हजार 519 टन तक पहुंच गया। 
  4. चीनी उद्योगः  भारत के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन  122.28 लाख टन  हुआ । उत्तर प्रदेश में 46 चीनी मिलें चालू अवस्था मे हैं । 
  5. लेदर उद्योग: लेदर निर्यात परिषद के आंकड़ों के अनुसार भारत के कुल लेदर, लेदर एवं लेदर आधारित वस्तुओं के निर्यात में उत्तर प्रदेश का 31.35% योगदान है। 

 कृषि आधारित उद्योगों का महत्वः

           कृषि आधारित उद्योगो के विकास से कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलने के साथ साथ स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे । युवाओ मे उद्यमिता का विकास होगा और बड़े पैमाने पर निवेश भी आकर्षित होंगे । ग्रामीण क्षेत्रो से शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन में कमी होगी । जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा । 

 

           उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है जहां पर्याप्त मानव संसाधन/सस्ते श्रम, कच्चे पदार्थो की उपलब्धता कृषि आधारित उद्योगों के विकास की संभावना को मजबूत करती है। अतः संपदा योजना, मेगा फूड पार्क योजना, कोल्ड चेन स्टोरेज सुविधा आदि सरकारी प्रयासों को पारदर्शिता के साथ त्वरित रूप से लागू किया जाना चाहिए जिससे प्रदेश के साथ-साथ देश की जीडीपी में वृद्धि होगी।