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SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 22 Model Answer Hindi

Updated : 1st Sep 2022
SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 22 Model Answer Hindi

Q1. भ्रष्टाचार से आप क्या समझते है? भ्रष्टाचार के कारणों का उल्लेख करते हुए, इसे कम करने के उपायों पर चर्चा कीजिये?

 What do you understand by corruption? Mentioning the causes of corruption, discuss the measures to reduce it?

 दृष्टिकोण:

·        भूमिका में भ्रष्टाचार की व्याख्या कीजिये।

·        भ्रष्टाचार के कारणों का उल्लेख कीजिए ।

·        भ्रष्टाचार कम करने के उपायों पर चर्चा करते हुए उचित निष्कर्ष लिखिए ।

 उत्तर:

 

सार्वजनिक संसाधनों व सत्ता का निजी लाभ या हित के लिए इस्तेमाल करना ही भ्रष्टाचार कहलाता है ।  सामाजिक और आर्थिक जीवन में सत्ता का लगातार हस्तक्षेप बढ़ रहा है । बढ़ते हस्तक्षेप के कारण भ्रष्टाचार के स्तर व तरीकों में भी बदलाव आ रहे है । भ्रष्टाचार केवल रिश्वत लेना-देना ही नहीं है इसमें कार्य में विलंब, निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन नहीं करना, पद की शक्तियों का दुरुपयोग करना आदि भी शामिल हैं ।

 भ्रष्टाचार के कारण:

·        आर्थिक असमानता

·        सामाजिक स्वीकृति

·        क्रोनीकैपिटलिज्म

·        नैतिकता का अभाव

·        अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूकता का अभाव

·        औपनिवेशिक पैतृक संपत्ति

·        सत्ता की विषमता

·        राज्य की सब्सिडी

·        विवेकाधिकार शक्ति का प्रयोग

·        सत्ता की अति केन्द्रता

 

भ्रष्टाचार के कुछ प्रमुख उदाहरण- बोफोर्स घोटाला, चारा घोटाला , हवाला घोटाला/ हर्षद मेहता घोटाला, भारतीय कोयला आवंटन घोटाला, 26 स्पेक्ट्रम घोटाला आदि ।

 भ्रष्टाचार कम करने के लिए आवश्यक उपाय:

·        नैतिक मूल्यों के विकास हेतु शैक्षिक प्रणाली में परिवर्तन करने होंगे ।

·        ऐसे नागरिक सेवक को समय-समय पर पुरस्कृत करना होगा जो नैतिक और ईमानदारी पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करता है तथा बुरा व्यवहार करने वाले व्यक्ति को दण्डित करना होगा ।

·        स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के विकास हेतु मानदंड निर्धारित करने होंगे ताकि अधिक लाभ की चाह में उचित मानदंडों का उल्लंघन न हो सके

·        प्रौद्योगिकी का विकास भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए एक सकारात्मक कदम साबित होगा जिसके तहत CCTV कैमरों से लेकर कार्य संस्कृति तक प्रौद्योगिकी का विस्तार किया जाना चाहिए|

·        सरकारी कर्मचारियों को अच्छे वेतन की आवश्यकता होगी । उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों का 7वें वेतन आयोग लागू होने के बाद वेतन में बढ़ोतरी हुई है किन्तु प्रांतीय स्तर पर अभी भी वेतन की स्थिति संतोषजनक ही बनी हुई है|

·        सरकारी कार्यालयों में रिक्तियों की भरपाई से भी भ्रष्टाचार को नियंत्रित किया जा सकता है ।

·        लोगों के अन्दर भ्रष्टाचार के प्रति विद्यमान सहनशीलता को समाप्त करना होगा और उन्हें जागरूक करना होगा ।

·        विभिन्न जांच एजेंसियों के अधिकारों में वृद्धि ।

·        विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सतर्कता इकइयों की स्थापना ।

·        न्याय व्यवस्था को और व्यवस्थित करना।

·        नागरिकों में अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता का प्रसार करना।

 

समाज में बढ़ती भ्रष्टाचार के प्रति स्वीकार्यता ने भ्रष्टाचार को और बढ़ाने का काम किया है । बाजार आधारित अर्थव्यवस्था ने नैतिकता -अनैतिकता से परे भौतिकता और मनुष्य की अनियंत्रित इच्छाओं को को बढ़ाने का काम किया है। हालांकि शासन व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर बल दिया जा रहा है और साथ ही नैतिक शिक्षा के प्रति लोगो को जागरूक भी किया जा रहा है । आत्मनियंत्रण , ईमानदारी , सत्यनिष्ठा , गैर तरफदारी , जैसे मूल्यों का बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है ।

 


 

 

Q2. नागरिक घोषणा पत्र  सरकारी संगठनों और नागरिकों के बीच एक सामाजिक समझौता है, को स्पष्ट  कीजिये  तथा इसकी सफलता हेतु  उपायों पर चर्चा कीजिये ?

 Citizen Charter is a social agreement between government organizations and citizens, explain and discuss the measures for its success?

 दृष्टिकोण:

  • नागरिक  घोषणा पत्र को संक्षेप में परिभाषित कीजिए।  
  • नागरिक  घोषणा पत्र सरकारी संगठनों एवं नागरिकों के बीच सामाजिक समझौता है को लिखिए । 
  • नागरिक  घोषणा पत्र की सफलता के उपायों की विवेचना कीजिए।

उत्तर:

            नागरिक घोषणा पत्र एक ऐसा दस्तावेज होता  है जिसका उद्देश्य किसी संगठन को पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक अनुकूल बनाना है। एक नागरिक घोषणा पत्र मूलतः संगठन द्वारा उसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा के मानकों के संबंध में की गई वचनबद्धताओं का एक सेट है। प्रत्येक नागरिक घोषणा पत्र में, उसे सार्थक बनाने के  लिए अनेक अनिवार्य घटक होते हैं जैसे  संगठन की दूरदृष्टि और मिशन वक्तव्य ,सेवा क्षेत्र ,प्रतिबद्धताएं ,वायदे , नागरिकों की जिम्मेदारियां आदि । नागरिक घोषणा पत्र के माध्यम से सरकार नागरिकों के प्रति अपने आप को अधिक उत्तरदायी बनाती है।  

नागरिक घोषणा पत्र के प्रावधानों को स्वतः सरकारी संगठनों के द्वारा निर्धारित या परिभाषित किया जाता है जिसका मौलिक उद्देश्य सरकार को नागरिक केन्द्रित बनाने से है।

विधि के द्वारा भी सरकार को नागरिकों के प्रति जवाबदेह बनाने का प्रयास किया गया है परंतु यह जवाबदेहीता बाहरी है जबकि घोषणा पत्र के द्वारा सरकार के स्वजवाबदेहीता को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है जो कि सरकार या शासन के नैतिक दायित्वों को परिभाषित करती है

नागरिक घोषणापत्र की सफलता हेतु उपाय:  

  • नागरिक घोषणापत्र के प्रावधानों का निर्धारण करते समय नागरिकों की सहभागिता को ध्यान मे रखना चाहिए तथा  उनसे उचित परामर्श/विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।  
  • नागरिक घोषणापत्र के प्रावधानों में जन आकांक्षाओ के अनुरूप  यथोचित परिवर्तन किया जाना चाहिए।
  • नागरिक घोषणापत्र का संबंध लोकसेवकों के व्यवहार में शिष्टाचार आदि पहलुओं  को शामिल किया जाना चाहिए । 
  • नागरिक घोषणापत्र में सेवाओं की गुणवत्ता, सेवाओं को प्राप्त करने में चयन, लोकसेवा के मानकों एवं सेवाओं को प्राप्त करने हेतु कीमत के उचित मूल्य पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
  •  नागरिक घोषणापत्र के प्रावधानों की भाषा सरल एवं गैर-तकनीकी होनी चाहिए ताकि यह आम व्यक्तियों के समझ के अनुरूप हो। 
  • नागरिक घोषणापत्र का  मुद्रण मीडिया ,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ,पोस्टर ,बैनर ,स्थानीय समाचारपत्रों आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए ताकि नागरिकों को इससे अवगत किया जा सके एवं इस आधार पर नागरिकों के द्वारा अपेक्षित सेवाओं की मांग की जा सके।
  • नागरिक घोषणापत्र के महत्त्व एवं प्रावधानों की जानकारी सरकार/शासन के प्रत्येक स्तरों पर होनी चाहिए विशेषकर निम्न स्तर पर जहाँ जनता का संपर्क शासन प्रणाली से अत्यधिक होता है।
  • नागरिक घोषणापत्र में जनशिकायत निवारण तंत्र को प्रभावी बनाया जाना चाहिए ताकि लोकसेवकों के द्वारा नागरिक घोषणापत्र के अनुपालन को सुनिश्चित कराया जा सके।  
  • नागरिक घोषणापत्र का अनुप्रयोग मे निजी भागीदारी को बनाया जाना चाहिए । ताकि इसको लेकर समाज में एक अनुकूल वातावरण को उत्पन/प्राप्त किया जा सके।
  • संगठन के द्वारा सेवा प्रदान करने में चूक हो तो शिकायत समाधान तंत्र का सहारा लेने की छूट होनी चाहिए। 
  • नागरिक घोषणापत्र का समय समय पर आकलन किया जाना चाहिए । 

नागरिक घोषणा पत्र के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सेवोत्तम मॉडल का कार्यान्वयन प्रासंगिक है।