Back to Blogs

SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 27 Questions

Updated : 7th Sep 2022
SHIKHAR MAINS 2022 - DAY 27 Questions

Q1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर निर्देशानुसार उत्तर लिखिए। 

साहित्य, संस्कृति की कथा-प्रणाली का ही अंश होता है। कुछ सांस्कृतिक रचनाएं जब स्थायी हो जाती हैं तो साहित्य का रूप धारण कर लेती हैं और संस्कृति के अन्य भागों को भी प्रभावित करती हैं। संस्कृति का विकास अन्य किसी दूसरे तत्त्व की अपेक्षा साहित्य द्वारा अधिक निश्चित होता है। संस्कृति के अत्यधिक महत्त्वपूर्ण और विशिष्ट गुण साहित्य द्वारा ही जन्म लेते हैं और उनके द्वारा ही पोषित होते हैं। संस्कृति की निरन्तरता का आधार भी साहित्य ही होता है । जिस संस्कृति का साहित्य परिपूर्ण नहीं होता उसका यथार्थ संसार भी अपूर्ण ही रहता है और अतीत भी घूमिल हो जाता है। सामाजिक संस्थाएँ और प्रधाएँ सुदृढ़ नहीं होती, अतः उसके विलक्षण अस्तित्व की पहचान नहीं हो सकती। यह बात ज्ञान के साहित्य की अपेक्षा कल्पना के साहित्य के सम्बन्ध में अधिक सही है। कल्पना का साहित्य पुरातन आख्यानों के स्थान पर नए आपदानों का सृजन करता है। नए आख्यान नितांत नए नहीं होते पूर्णतया नवीन कुछ भी नहीं होता चाहे वह कितना भी मौलिक क्यों न हो। मौलिक वस्तु का भी इतिहास होता है, एक सिलसिला होता है। संस्कृति अपनी साहित्यिक परम्परा को आत्मसात् करती चली जाती है, यह एक प्रकार की प्रसार-प्रक्रिया है। जो भी परिवर्तन इस संस्कृति से निर्मित होता है या संस्कृति साहित्य से, यह एक विवाद का प्रश्न है, लेकिन इसमें संदेह नहीं कि व्यक्ति और सामाजिक जीवन का संप्रेषण उऩकी कथा-प्रणाली द्वारा ही सम्पन्न होता है जिसमें साहित्य, मौखिक या लिखित, केन्द्रीय बिन्दु हैं।

(क) प्रस्तुत गद्यांश के लिए उचित शीर्षक दीजिए ।                                                       

(ख ) संस्कृति का विकास सबसे अधिक किस तत्त्व से प्रभावित होता है ।                            

(ग) उपर्युक्त गद्यांश  का संक्षेपण  कीजिए।                                                                 

 

Q2. निम्नलिखित वाक्यों या पदबंधों के लिए एक-एक शब्द लिखिए।                                          

 (i) आदि से अंत तक                                                                 

(ii) वह नायिका जो अपने पति के परदेश में होने के कारण दु:खी हो वह है|

(iii) वह स्थान या दुकान जहां हजामत बनाई जाती है|                                    

(iv) गाय को दुहते समय बछड़े का गला बांधने की रस्सी जो गाय के पैरों में बांधीं जाती है

(v) युद्ध करने की इच्छा