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SHIKHAR MAINS 2022- DAY 48 Model Answer Hindi

Updated : 1st Oct 2022
SHIKHAR MAINS 2022- DAY 48 Model Answer Hindi

Q1. उत्तर प्रदेश को भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक हब बनाने के लिए  सरकार द्वारा किए गए विभिन्न प्रयासों  का उल्लेख कीजिए ?

Mention various efforts made by the government to make Uttar Pradesh the largest industrial area of India?

दृष्टिकोण:

·        उत्तर प्रदेश की औद्योगिक स्थिति का उल्लेख करते हुए भूमिका लिखिए।

·        मुख्य भाग में हाल ही में किए गए  सरकार के नीतियों /प्रयासों/योजनाओ का उल्लेख कीजिए ।

·        प्रश्न के अनुसार उचित निष्कर्ष लिखिए ।

उत्तर:

उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2015-16 और 2020-21 के बीच लगभग 8.43% की सीएजीआर से बढ़कर 17.06 ट्रिलियन रुपये ($234.96 बिलियन) हो गई है। यह राज्य का अब तक का सबसे बड़ा बजट है।उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में मुख्य रूप से तृतीय (टर्शरी) क्षेत्र इसके बाद प्राथमिक (प्राइमरी) एवं द्वितीय (सेकेण्डरी) क्षेत्र का योगदान है ।  भारत के सर्वाधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम उत्तर प्रदेश में है। राज्य में स्थानीय स्तर पर कई विशेष व्यवसाय समूह हैं जैसे मेरठ में खेलकूद का सामान, मुरादाबाद में पीतल का सामान, कन्नौज में इत्र, कानपुर में चमड़े, आगरा में जूते, वाराणसी में कशीदाकारी वाली साड़ियां, भदोही में कालीनआदि प्रमुख उद्योग है ।  

   राज्य में उदारीकरण के बाद औद्योगिक क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ है। राज्य में औद्योगिक विकास को तीव्र करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न पहलों की शुरुवात की गई  हैं। यह 2019 तक ऊर्जा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिये 25,130.02 मेगावाट (राज्य उपयोगिताओं के तहत 6,218.20 मेगावाट सहित) बिजली उत्पादन क्षमता प्राप्त कर लिया था।

सरकार द्वारा किए गए प्रयास -

·        वर्ष 2022 के बजट में  फास्ट-ट्रैक प्रोजेक्ट प्लानिंग के लिए पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टरप्लान तथा संभावित बिजनेस पार्टनर्स के लिए उच्च गुणवत्ता की औद्योगिक अवस्थापना सुविधाएं के विकास हेतु 'अटल इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्टचर मिशन का कार्यान्वयन करने का प्रस्ताव किया गया है।

·        अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास के अंतर्गत मल्टी मोडल कनेक्टिविटी परियोजनाओं, आप्टिकल फाईबर केबल नेटवर्क, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे, डिफेन्स कॉरिडोर, गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है।

·        मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढांचे के लिए ये अक्टूबर 2020 तक उत्तर प्रदेश में 21 अधिसूचित, 12 परिचालन SEZ और 24 औपचारिक रूप से अनुमोदित SEZ थे।

·        नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति (2017) के साथ 20 से अधिक क्षेत्र-विशिष्ट निवेशोन्मुखी नीतियों के पारदर्शी कार्यान्वयन से राज्य सरकार रोजगार सृजन के लिए निवेश और 'मेक इन यूपी' को बढ़ावा दे रही है।

·        सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा नीति 2017 लागू की गई। वर्ष 2022 तक 10,700 मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है ।

·        नए निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश में 20,000 एकड़ का एक लैंड बैंक तैयार किया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार एक व्यापक लैंड बैंक पॉलिसी की योजना बना रही है, जिसमें लैंड लीजिंग, लैंड पूलिंग, एक्सप्रेस-वे के किनारे तेजी से अधिग्रहण, अतिरिक्त भूमि की सब-लीजिंग आदि विषय सम्मिलित किए गए है।

·        सरकार, राष्ट्रीय विनिर्माण नीति के प्रावधान के तहत झाँसी और औरैया में दो राष्ट्रीय निवेश और विनिर्माण क्षेत्र (NIMZ) के त्वरित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये भी प्रयासरत है।

·        उत्तर प्रदेश ने राज्य को वैश्विक इलेक्ट्रानिक हब  बनाने के लिए नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति, 2020 की भी घोषणा की है। इस नीति के तहत अगले पांच वर्षों में 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश और रोजगार के चार लाख प्रत्यक्ष अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।

·        आई.टी. क्षेत्र के विकास के लिये राज्य ने 40 आई.टी./आई.टी.ई.एस. पार्क (आई.टी. SEZ. के अलावा), दो बायोटेक जोन तथा एक ज्ञान (Knowledge) पार्क प्रस्तावित किया है।

·        एमएसएमई की स्थापना में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए एमएसएमई एक्ट-2020 लागू किया गया है। इसके अन्तर्गत एमएसएमई उद्योग स्थापना हेतु उद्यमी के प्रपत्र दाखिल करने के 72 घंटे के अन्दर मंजूरी–पत्र जारी किया जाएगा।

योजनाएँ:

·        उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये उद्यमियों हेतु आवश्यक विभिन्न स्वीकृतियों को तेजी से और समयबद्ध जारी करने के लिये एक ऑनलाइन पोर्टल 'निवेश मित्र' शुरू किया गया है।

·        उत्तर प्रदेश स्टार्ट-अप नीति-2020 की घोषणा की गई है, जिसमें  राज्य के सभी 75 जिलों में 100 इन्क्यूबेटरों की स्थापना  की जाएगी । इससे 50,000 प्रत्यक्ष रोजगार सहित 1,50,000 रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना हैं।

·        राज्य को भारत का सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य में बदलने के लिये औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में निवेश की सुविधा प्रदान करने हेतु उद्योग बंधु योजना की शुरुआत किया गया।

·        निर्यात प्रोत्साहन के लिये गोल्ड और सिल्वर कार्ड योजना शुरू की गई हैं। इस योजना में सरकारी अधिकारियों से मिलने तथा सचिवालय तक पहुँच जैसे मामलों में कार्डधारकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

·        विद्युत वितरण के क्षेत्र में व्यापक सुधार किये जाने तथा हानियों में कमी लाये जाने के उद्देश्य से 31,000 करोड़ रूपये की लागत से एक महत्वाकांक्षी योजना "रीवैम्प्ड ड्रिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम" भारत सरकार के सहयोग से प्रारम्भ की जा रही है जिसे 03 वर्षों में पूरा किया जायेगा।

निष्कर्षः

राज्य सरकार राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिये सही दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है और इसकी पुष्टि इस तथ्य से हो सकती है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस में पूरे देश में दूसरे स्थान पर पहुँच गया है।

 


 

Q2. उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति, 2021 की व्याख्या कीजिए।

Explain Uttar Pradesh Data Centre Policy 2021.

दृष्टिकोण -

·        भूमिका में डेटा सेंटर की आवश्यकता को लिखिए ।

·        मुख्य भाग में उ०प्र० डाटा सेंटर नीति-2021के प्रावधानों को लिखिए ।

·        वर्तमान स्थित और लक्ष्यों को बताते हुए निष्कर्ष लिखिए ।

उत्तर -

वर्तमान में विश्व के कुल डाटा का 20 प्रतिशत भारत में सृजित होत्ता है, जबकि देश में उसके संग्रहण की क्षमता मात्र 2 प्रतिशत ही है, जिससे देश का अधिकांश डाटा देश के बाहर संरक्षित किया जाता है। तीव्रता से बढ़ते डाटा ट्रैफिक और उपयोग तथा  गोपनीयता की दृष्टि से देश में ही डाटा संरक्षण की मांग निरन्तर बढ़ रही है। भारत सरकार द्वारा दिसम्बर, 2019 में संसद में डाटा प्रोटेक्शन बिल प्रस्तुत किया जाना देश का डाटा देश में ही रखने की महत्ता को रेखांकित करता है। 25 जनवरी‚ 2021 को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति‚ 2021 को मंजूरी प्रदान कर दीं है।

उ०प्र० डाटा सेंटर नीति-2021 -

·        इस नीति के तहत उत्तर प्रदेश को डाटा  सेंटर उद्योग के लिए पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करना है ।

·        इस नीति का प्रमुख उद्देश्य वैश्विक तथा भारतीय निवेशको से निवेश आकर्षित करके तथा डेटा  सेंटर उद्योग के स्थानीयकरण को सहयोग प्रदान करने के लिए MSME / स्टार्ट अप  को आकर्षित करके राज्य मे एक विश्व स्तरीय डाटा सेंटर ईकोसिस्टम का निर्माण करना है ।

·        इस नीति का प्रमुख लक्ष्य -

o   राज्य में 250 मेगा वाट डाटा सेंटर उद्योग विकसित करना है।  

o   राज्य में रु 20,000 करोड़ का निवेश आकर्षित करना है।  

o   कम से कम 3 अत्याधुनिक निजी डाटा सेंटर पार्क्स तथा 10 डाटा सेंटर इकाइयां स्थापित कराए जाने का लक्ष्य है।

o   नीति के तहत डाटा सेंटर पार्क और इकाइयों को पूंजी उपादान(पूंजीगत सब्सिडी), ब्याज उपादान(ब्याज सबवेंशन), जमीन खरीदने/पट्टे पर लेने पर स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी।

·        राज्य अभिकरणों से भूमि क्रय करने/पट्टे पर लेने पर भूमि की प्रचलित सेक्टर दरों पर मध्यांचल एवं पश्चिमांचल क्षेत्रों में 25 प्रतिशत तथा बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल क्षेत्रों में  50 प्रतिशत भूमि उपादान प्रदान किया जाएगा । 

·        बुंदेलखंड और पूर्वांचल में डाटा सेंटर पार्क व इकाइयों की स्थापना के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है।

·        पार्क व इकाइयों को बिजली से संबंधित वित्तीय प्रोत्साहनों के अलावा कई तरह के गैर-वित्तीय प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे।

·        प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के अधीन एक नोडल एजेन्सी नामित की जाएगी।

·        प्रदेश में डाटा सेन्टर ईकोसिस्टम के सतत् विकास हेतु एक अनुकूल नीतिगत वातावरण के सृजन हेतु  नोडल एजेंसी उत्तरदायी होंगी।

·        निवेशकों को ससमय  स्वीकृति प्राप्त करने हेतु सिंगल विंडो के रूप में कार्य करने के लिए निवेश मित्र पोर्टल का उपयोग किया जाएगा ।

·        परियोजना प्रबंधन इकाई (पी एम यू) द्वारा विपणन और ब्रांडिंग रणनीति तैयार की जाएगी ।

·        200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओ को अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिश पर राज्य मंत्रिमण्डल से अनुमोदित किया जाएगा ।

वर्तमान अनुमान के अनुसार भारत की 375 मेगा वॉट डाटा सेन्टर की क्षमता में तेजी से वृद्धि हो रही है और वर्ष 2025 के अन्त तक 750 मेगा वॉट से अधिक क्षमता जुड़ने की प्रत्याशा है। इस क्षमता परिवर्द्धन से इस सेक्टर के भावी विकास को बढ़ावा देने के लिए 4.9 बिलियन अमरीकी डॉलर के समतुल्य ग्रीनफील्ड निवेश की आवश्यकता होगी। हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य ने 15,950 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश से चार डाटा सेंटर पार्कों की स्थापना की घोषणा की है।