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SHIKHAR MAINS 2022- DAY 50 Model Answer Hindi

Updated : 4th Oct 2022
SHIKHAR MAINS 2022- DAY 50 Model Answer Hindi

Q1. निम्नलिखित उद्धरण का आपके विचार से क्या अभिप्राय है?

“हमारी वैज्ञानिक शक्ति ने हमारी आध्यात्मिक शक्ति को पीछे छोड़ दिया है। हमारे पास नियंत्रित मिसाइल और अनियंत्रित पुरुष हैं"। - मार्टिन लूथर किंग

What do the following quotation mean to you?

Our scientific power has outrun our spiritual power. We have guided missiles and misguided men." - Martin Luther King

दृष्टिकोण:

·        मनुष्यों पर वैज्ञानिक नवाचार के नकारात्मक प्रभावों के संक्षिप्त उल्लेख के साथ उत्तर शुरू करें।

·        बताइए कि कैसे इंसान अपने लिए जलवायु परिवर्तन, टूटते परिवार, बढ़ते अवसाद आदि  जैसी समस्याएँ उत्पन्न कर रहा है।

·        फिर समझाइए कि आध्यात्मिकता  शांतिपूर्ण जीवन में कैसे अपना योगदान दे सकता है।

·        मानव जीवन में आध्यात्मिकता और नैतिक मूल्यों के महत्व का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष दीजिए ।

उत्तर:

वर्तमान समय में  हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से अपने बाहरी वातावरण से छेड़ छाड़  कर रहे   हैं। तकनीकी उपकरणों की मदद से जीवन आरामदायक और आसान हो गया है। हालाँकि  इन सभी सुखों से हमारा जीवन शांतिपूर्ण या खुशहाल नहीं बना है। दवाब  या अवसाद आधुनिक जीवन का पर्याय बन गए हैं।

अनियंत्रित पुरुष:

·        हर दिन बच्चियों से बलात्कार और हत्या, बच्चों से वेश्यावृत्ति और तस्करी आदि की ख़बरें आती हैं।कई बार इन मामलों में पैसे और ऊँची पहुँच वाले लोग शामिल होते हैं जो दर्शाता है कि हम पूंजीपति समाज का निर्माण कर रहे है  लेकिन ऐसा समाज नहीं बना पाए हैं जहाँ हम अपने बच्चों को सुरक्षित बचपन दे सकें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम लोगों के दिल में सहानुभूति, सम्मान और न्याय  की भावना पैदा नहीं कर  पाए।

·        अपने-अपने राष्ट्रों की रक्षा करने के लिए हमने मिसाइलों और बमों का विकास किया। लेकिन हम अभी तक यह महसूस नहीं  कर पाए कि प्रकृति के दोहन, वन आच्छादन में गिरावट, नदियों का लुप्त होना, समुद्र का जल स्तर बढ़ना व  बाढ़ और चक्रवातों की बढ़ती तीव्रता मानव  के अस्तित्व को खतरे में डाल देगी।

·        वर्तमान  समय में परिवार टूट रहे हैं । परिवार एक स्थिर और स्थायी समाज का आधार है। वैवाहिक जीवन का टूटना जीवन साथी के लिए दर्दनाक और बच्चों के लिए विनाशकारी है। आंकड़े बताते हैं कि तलाक़शुदा लोगों के साथ-साथ उनके  बच्चों को भी अपने विवाहित समकक्षों की तुलना में व्यसनों का  शिकार होने की अधिक संभावना होती है।रिश्तों के टूटने  से होने वाली पीड़ा आजीवन  सताती  है।

·        दुनिया भर में नशे की लत बढ़ती जा रही है। डब्यूएचओ के आंकड़े बताते हैं कि तंबाकू के कारण हर दिन दुनिया भर में लगभग 10,000 लोगों की मौत हो जाती है जो दुनिया भर में एचआईवी, तपेदिक, मातृ मृत्यु, मोटर वाहन दुर्घटनाओं, आत्महत्या  से होने वाली मौतों की तुलना में अधिक हैं।

·        आज के परेशान, टूटे और नशेड़ी  पीढ़ी के बच्चे कल के नेता होने के साथ  दुनिया का भविष्य होंगे जो  गहरी चिंता का विषय  है।

आध्यात्मिक मार्ग की आवश्यकता:

·        शिक्षा:

o   आधुनिक समाज में  शिक्षा मुख्य रूप से जीविका अर्जित करने के लिए तकनीकी या अन्य ज्ञान प्राप्त करने पर केंद्रित है। यह केवल बुद्धि के विकास पर बल देती  है (जानकारी को याद करने और हेरफेर करने की क्षमता)।

o   इस तरह से शिक्षित बच्चे भौतिक प्रौद्योगिकी के साथ अपने आस-पास की दुनिया को नियंत्रित करने में सक्षम  हो सकते हैं,लेकिन वे  दुनिया को नियंत्रित करने में बुरी तरह से विफल हैं क्योंकि उन्हें आध्यात्मिक तकनीक का कोई ज्ञान नहीं है।

o   शिक्षा से  वह बुद्धि विकसित होनी  चाहिए जो सही और गलत, लाभकारी और हानिकारक के बीच  अंतर  करने  में सक्षम हो।

o   शिक्षा में नैतिक  या आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। यह आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए, जो छात्र को लालच, क्रोध, वासना और ईर्ष्या जैसे आंतरिक दुश्मनों की घातक प्रकृति को  समझने के काबिल बना सके।

o   हालांकि, वासना, क्रोध और लालच पर काबू पाने का मतलब यह नहीं है कि  सभी इच्छाओं या महत्वाकांक्षाओं के बिना जीवन जिया जाए। शिक्षा, छात्र को अपनी आत्मनिर्भर स्वार्थ की खोज में सकारात्मक रूप से अपनी इच्छाओं और प्रतिभाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाती है ताकि उसे चिर स्थायी खुशी प्राप्त हो सके।

·        संस्कृति:

o   आधुनिक संस्कृति को सफलता की कहानियों के रूप में ग्लैमराइज किया जाता  है जो वासना (यौन रूप से आकर्षक फिल्म-सितारे), क्रोध (एक्शन हीरो) और लालच (शोषणकारी व्यवसायी) का  प्रतीक हैं।

o   आधुनिक मीडिया  उपभोक्ता संस्कृति को बढ़ावा  और  समाज भौतिक सफलता पर जोर दे रहा  है। लोगों के भीतर वासना, क्रोध और लालच ईंधन और पंखा दोनों हैं ।

o   अध्यात्मवाद यह सिखाता है कि मनुष्य की खुशी किसी  वासना, क्रोध और लालच को संतुष्ट करने के लिए नहीं  है, बल्कि उस आंतरिक अहसास  के लिए है जो धीरे-धीरे इन आंतरिक दुश्मनों को ख़त्म  करता  है।

o   मानवता अध्यात्मवाद से सीख सकती है। जीवन धन के लिए चूहे की दौड़ नहीं है। अध्यात्मवाद व्यक्ति को समाज में संतोषजनक और उत्पादक सेवाओं में निहित भौतिक क्षमताओं का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।

आध्यात्मिकता मनुष्यों को ईमानदार, दयालु, विचारशील और निस्वार्थ बना  कर  एक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज  बना सकती है। आध्यात्मिकता वह समाज  बनाने में भी  योगदान दे सकती है जो बीमारी और गरीबी से लड़ने के लिए और प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने के लिए मानवता की मदद के लिए  आधुनिक विज्ञान का उपयोग करने में मदद करेगी ।

 


 

Q2. भावनात्मक बुद्धिमत्ता की अवधारणा की व्याख्या करते हुए प्रशासन में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालिए।

Explaining the concept of Emotional Intelligence, highlight its role in administration.

दृष्टिकोण:

·        भावनात्मक समझ को परिभाषित कीजिए।

·        इसके विभिन्न स्तरों का विस्तृत वर्णन कीजिए।

·        प्रशासन और शासन में इसकी भूमिका का उल्लेख कीजिए।

·        तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

उत्तरः

भावनात्मक समझ (EI) किसी व्यक्ति की स्वयं की भावनाओं को प्रबंधित और-नियंत्रित करने की क्षमता तथा दूसरों की भावनाओं को अनुभव करने और प्रबंधित करने की क्षमता को प्रदर्शित करती है। इसमें निम्न स्तर शामिल हैं:

·        भावनाओं को अनुभव करना: भावनाओं को अनुभव करने में प्रथमःकदेम उन्हें सही ढंग से समझना है। कई मामलों में, इसमें शारीरिक भाषा और चेहरे के भाव जैसे अशाब्दिक संकेतों को समझना शामिल हो सकता है।

·        भावनाओं से युक्त तर्क करना: अगले कदम में सोच और सर्सज्ञानात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भावनाओं का उपयोग करना शामिल है। भावनाएं हमारे द्वारा ध्यान दिए जाने वाले और प्रतिक्रिया किए जाने वाले पक्षों की प्राथमिकता निर्धारित करने में सहायता करती हैं।

·        भावनाओं को समझना: जिन भावनाओं का हम अनुभव करते हैं, उसके विभिन्न अर्थ हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपका बॉस गुस्से में व्यवहार कर रहा है;“तो इसका अर्थ यह हो सकता है कि वह आपके कार्य से असंतुष्ट है, या हो सकता है कि उस सुबह उसका चालान (speeding ticket) कट गया हो या उसका अपने साथी से झगड़ा हो गया हो।

·        भावनाओं को प्रबंधित करना: भावनाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की क्षमता भावनात्मक समझ का उच्चतम स्तर और महत्वपूर्ण हिस्सा है। भावनाओं को विनियमित करना और उपयुक्त रूप से प्रतिक्रिया करने के साथ-साथ दूसरों की भावनाओं के संदर्भ में प्रतिक्रिया देना सभी भावनात्मक प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहल  हैं।

प्रशासन और शासन में भावनात्मक समझ की भूमिका:

·        नीति का कार्यान्वयन: सिविल सेवकों को उन व्यक्तियों की भावनाओं, मनोदशाओं और प्रेरणाओं को जानने की आवश्यकता होती है जिन पर सार्वजनिक नीति को समाज में समस्याओं की प्रकृति और उनके संभावित समाधानों के साथ बेहतर समन्वय के लिए लक्षित किया जाता है।

·        दबाव में शांतचित्त बने रहना: उच्च भावनात्मक समझ के साथ एक सिविल सेवक कठिन परिस्थितियों में उत्तेजित नहीं होता है या नियंत्रण नहीं खोता है।

·        जोखिम पूर्ण दायित्व: भारत जैसे विकासशील देश में, लोक सेवाओं की जिम्मेदारी का निर्वहन करने में साहसिक निर्णय की आवश्यकता होती है। भावनात्मक समझ इस जोखिम को सिविल सेवकों के बीच उनके व्यवहार में अनिश्चित या बेहद अप्रत्याशित हुए बिना सक्षम बनाता है।

·        एक साझा दृष्टिकोण प्रेरित करना: भावनात्मक समझ एक सिविल सेवक को दूसरों को यह समझाने में सहायता करता है कि वह उनकी आवश्यकताओं को समझता है और उनके सर्वोत्तम हित में कार्य करेगा।

·        प्रक्रिया को चुनौती देना: एक भावनात्मक रूप से बुद्धिमान सिविल सेवक बदलाव के लिए प्रयास करता है। लचीलापन यथास्थिति को चुनौती देने के लिए आवश्यक प्रमुख भावनात्मक समझ कौशलों में से एक है। लचीलेपन से युक्त लोग नवीनता हेतु प्रयास करने, जोखिम लेने और बिना किसी डर के नई चुनौतियों का सामना करने की अधिक संभावना रखते हैं।

·        दूसरों को कार्य करने के लिए सक्षम बनाना: भावनात्मक समझ एक सिविल सेवक को उसके आत्म-सम्मान को समझने और पारस्परिक कौशल विकसित करने में सहायता करता है, जो उसके दूसरों के साथ सहयोग और विश्वास बनाए रखने में सहायक है। यह विश्वास दूसरों के साथ शक्ति के साझाकरण और प्रत्यायोजन को सक्षम बनाता है।

·        दूसरों को प्रेरित करना: भावनात्मक समझ लोगों को उनकी भागीदारी के लिए पुरस्कृत करने के महत्व को अनुभव करने में सहायता करता है। जो उन्हें टीम का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करने में तथा अधिक दृढ़ता और ऊर्जा के साथ शासन संबंधी उपायों की पूर्ति में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

सिविल सेवक सार्वजनिक हित के ट्रस्टी होते हैं तथा उन्हें नीति निर्माण और कार्यान्वयन का उत्तरदायित्व सौंपा जाता है। इसलिए, उन्हें भावनात्मक रूप से बुद्धिमान होना आवश्यक है, क्योंकि भावनात्मक समझ के बिना समाज के विभिन्न वर्गों के लिए सहानुभूति रखना, अपने दृष्टिकोण के प्रति दृढ़ रहना और उचित बदलाव का प्रतिनिधित्व करना कठिन होगा।