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SHIKHAR Mains 2023, Day 11 - Model Answer Hindi

Updated : 20th Jun 2023
SHIKHAR Mains 2023, Day 11 - Model Answer Hindi

Q1. नीति आयोग की संरचना को स्पष्ट कीजिये। साथ ही नीति आयोग बनाम योजना आयोग के बीच अंतरों पर चर्चा कीजिए।

Explain the structure of NITI Aayog. Also discuss the difference between NITI Aayog and Planning Commission. (8 Marks)

 

दृष्टिकोण  -

  • उत्तर की शुरुआत नीति आयोग की संरचना को बताते हुए कीजिये ।
  • इसके पश्चात योजना आयोग बनाम नीति आयोग की चर्चा करते हुए उत्तर को विस्तारित कीजिये ।
  • अंत में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ उत्तर का समापन कीजिये ।

उत्तर - 

नीति आयोग 

योजना आयोग यद्यपि कि प्रारंभ में नीतिगत सन्दर्भों में एक थिंक टैंक की भूमिका निभा रहा था, परन्तु कालांतर में इसमें विभिन्न प्रकार की कमियां देखी गयी, जिसे संशोधित करते हुए 1 जनवरी 2015 को नीति आयोग का गठन किया गया।

नीति आयोग की संरचना -

 

  • भारत के प्रधानमंत्री इसकी अध्यक्षता करते हैं।
  • शासी परिषद (Governing Council) का गठन किया जाता है, जिसमें  विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री तथा केंन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल सदस्य होते है है।
  • एक क्षेत्रीय परिषद का गठन किया जाना चाहिए - जो जो ऐसे मुद्दों के संबंध में आवश्यक हस्तक्षेप करे जिसमें एक से अधिक क्षेत्र के क्षेत्र या उनके मुद्दे जुड़े हों।
  • क्षेत्रीय परिषद में उन क्षेत्रों के मुख्यमंत्री, सम्बंधित केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल तथा नीति आयोग द्वारा नामित सदस्य होंगे।
  • इस आयोग में विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित विशेष ज्ञान रखने वाले विशेषज्ञों को प्रधानमंत्री द्वारा विशेष नामित, आमंत्रित सदस्य की तरह सदस्यता दी जायेगी।

 

योजना आयोग बनाम नीति आयोग 

  • नीति आयोग निम्नलिखित प्रकार से योजना आयोग से बेहतर सिद्ध हो रहा है -
  • जहाँ योजना आयोग का दृष्टिकोण शीर्ष से धरातल (टॉप - डाउन) की तरफ था वहीँ नीति आयोग धरातल से शीर्ष की तरफ (बॉटम अप) दृष्टिकोण का अनुपाता है,लन करता है |
  • नीति आयोग वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ-साथ  सलाहकार की भूमिका निभाता हैजिससे नीति नियोजन को बेहतर बनाया जा सके।
  • जहाँ योजना आयोग शासकीय भूमिका में धन आवंटन भी करता था (जो कालांतर में भ्रष्टाचार का मूल हो गया था)।
  • जबकि नीति आयोग सलाहकार भूमिका के माध्यम से योजना बनाने में सहायक है, जो तकनीकी नवाचार और डेटा प्रबंधन पर आधारित है।
  • नीति आयोग भारत में सार्वजनिक क्षेत्रों में तकनीकी नवाचार के नए मानक स्थापित करते हुए बिग डेटा, ब्लॉकचेन तकनीकी आदि का उपयोग कर रही है।
  • जहां मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के निर्णयों में योजना आयोग की उचित भागीदारी नहीं थी, वे नीति आयोग के सदस्य हैं और सहकारी संघवाद को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
  • यद्यपि नीति आयोग के सदस्यों में राजनीतिज्ञों और विशेषज्ञों का अनुपात आलोचना का विषय रहा है किन्तु विगत पांच वर्षों में नीति आयोग ने सुशासन, समावेश, वितीय प्रबंधन, आदि द्वारा अपनी सार्थकता सिद्ध की है।

 

नीति आयोग को योजना और गैर-योजना के रूप में नहीं, बल्कि राजस्व और पूंजीगत व्यय की स्वतंत्रता के रूप में होना चाहिए। पूंजीगत व्यय में यह वृद्धि अर्थव्यवस्था में सभी स्तरों पर बुनियादी ढांचे के घाटे को पाट सकती है।

 

 

Q2: सतत विकास लक्ष्य(SDGs) क्या हैं? भारत में सतत विकास लक्ष्य को पूरा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख कीजिये।    

What are Sustainable Development Goals (SDGs)? Mention the measures taken to meet the Sustainable Development Goals in India. (12 Marks)

 

दृष्टिकोण:

  • पहले भाग में सतत विकास लक्ष्य की पृष्ठभूमि को संक्षिप्तता से बताते हुए लक्ष्यों एवं उसके उद्देश्यों के बारे में संक्षिप्त रूप से बताईये।
  • दूसरे भाग में, भारत में इन लक्ष्यों को पूरा करने हेतु किये जा रहे प्रयासों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिये|

 

उत्तर:

              सतत विकास एक ऐसा विकास है जो आने वाली पीढ़ियों के हितों से समझौता किए बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करता है। सतत विकास की संकल्पना पर्यावरण एवं विकास पर विश्व आयोग के द्वारा दी गयी थी। वर्ष  1992 के पृथ्वी शिखर सम्मेलन में सतत विकास की प्राप्ति हेतु एजेंडा 21 नामक कार्ययोजना अपनाई गई थी| उसके बाद रियो+10(जोहांसबर्ग सम्मेलन)- 2002 में सहस्राब्दी विकास लक्ष्य(एमडीजी) को लागू करने का लक्ष्य रखा गया। सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन(रियो+20) में 7 क्षेत्रों को चिन्हित किया गया था जिनपर प्राथमिकता देकर सतत विकास की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है| इस दस्तावेज में सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी) को विकसित करने हेतु समर्थन प्रदान किया गया था| सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों(जो कि 2015 में समाप्त हो गया था) के स्थान पर आगे का विकास एजेंडा अंगीकृत करने के लिए 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सहस्राब्दी सतत विकास लक्ष्य 2030 को अंगीकृत किया| इसका उद्देश्य 2015 से 2030 तक गरीबी और भुखमरी को समाप्त करके तथा लैंगिक समानता सुनिश्चित करके समावेशी विकास को बढ़ावा देना है| इसमें अगले 15 साल के लिए(2015-2030) 17 लक्ष्य तथा 169 प्रयोजन तय किए गए|

 

सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने हेतु भारत द्वारा किए गए प्रयास:



  • भारत ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के दिशा में जलवायु परिवर्तन संबंधी संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा अभिसमय(UNFCCC) तथा जैव विविधता संबंधी अभिसमय(सीबीडी) पर हस्ताक्षर किया है|
  • राष्ट्रीय पर्यावरण नीति 2006 के द्वारा स्वच्छ पर्यावरण तथा पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन;
  • पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं को दूर करने हेतु राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम 2010 के माध्यम से एनजीटी का गठन;
  • भारत में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए व्यापक नीतियां और कार्यक्रम बनाए गए हैं| जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना के अंतर्गत 8 उप मिशन के द्वारा बहुआयामी एवं व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है|
  • राष्ट्रीय सौर मिशन- 2022 तक 100 गीगावॉट नवीकरणीय सौर ऊर्जा उत्पादन; अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाएं;ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर; अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन आदि|
  • राष्ट्रीय संवर्धित ऊर्जा दक्षता मिशन- 2022 तक 10000 मेगावाट ऊर्जा बचत का लक्ष्य;
  • राष्ट्रीय सतत पर्यावास मिशन - नगरीय परिवहन,ऊर्जा दक्षता,ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि पर ध्यान; ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता; अमृत; स्मार्ट सिटी आदि;
  • राष्ट्रीय जल मिशन -  जल उपयोग की दक्षता बढ़ाना, बेसिन प्रबंधन आदि;
  • हिमालय पारितंत्र को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय अभियान
  • राष्ट्रीय हरित भारत मिशन- वनारोपण;
  • राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन
  • राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन रणनीतिक ज्ञान मिशन;

 

इसके अलावा सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए और अभियान/कार्यक्रम चलाए गए हैं-

  • मनरेगा
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
  • इंटीग्रेटेड वॉटरशड मैनेजमेंट प्रोग्राम 
  • परफॉर्म अचीव ट्रेड योजना
  • सोलर रूफटॉप इन्वेस्टमेंट कार्यक्रम
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
  • स्ट्रीट लाइटिंग कार्यक्रम   
  • आयुष्मान भारत 
  • स्वच्छ भारत अभियान एवं अन्य। 

           भारत को यदि एजेंडा 2030 में तय लक्ष्यों को प्राप्त करना है, तो इस तरह की नीति बनानी पड़ेगी जो सभी क्षेत्रों में क्रियान्वित नीतियों से सामंजस्य स्थापित करती हो। साथ ही प्रशासनिक एवं छोटे स्तर पर इन नीतियों के क्रियान्वयन हेतु सामंजस्य तथा भागीदारी पर ध्यान देना होगा। गौरतलब है कि हम सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों को वर्ष 2015 तक नहीं प्राप्त कर सके थे तो इसका मुख्य कारण यह था कि इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिये तय नीतियों का क्रियान्वयन सशक्त नहीं था। सतत विकास के लक्ष्यों को यदि हम 2030 तक प्राप्त कर लेते हैं तो भारत एक विकसित तथा समृद्ध राष्ट्र बन सकता है।