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SHIKHAR Mains 2023 Day 18 Model Answer Hindi

Updated : 29th Jun 2023
SHIKHAR Mains 2023 Day 18 Model Answer Hindi

Q1: निम्नलिखित मे विभेद कीजिए:            8

(a) नैतिक संहिता (Code of Ethics) और आचार संहिता (Code of conduct) 

(b) अभिवृति और अभिक्षमता

 

Differentiate between the following:      8

(a) Code of ethics and code of conduct

(b) Attitude and Aptitude

 

उत्तर -

(a) नैतिक संहिता (Code of Ethics) और आचार संहिता (Code of conduct) 

तुलना के आधार 

नैतिक संहिता 

आचार संहिता 

अर्थ 

यह संगठन के मूल नैतिक मूल्यों, सिद्धांतों और आदर्शों वाले दिशानिर्देशों का एक समूह है। यह एक सामान्य विचार प्रस्तुत करता है  कि किसी व्यवसाय या संगठन में किस प्रकार के व्यवहार और निर्णय स्वीकार्य और प्रोत्साहित होते हैं।

यह कर्मचारियों या सदस्यों को विशिष्ट परिस्थितियों में कैसे कार्य करना चाहिए पर अधिक केंद्रित है और उसे परिभाषित करता है।   यह विशिष्ट प्रथाओं और व्यवहार को रेखांकित करता है जो संगठन के तहत आवश्यक या प्रतिबंधित हैं।

प्रकृति 

सामान्य एवं अमूर्त 

विशिष्ट एवं मूर्त 

दायरा 

व्यापक 

संकुचित 

प्रकटीकरण (Disclosure)

यह बहुत छोटा तथा सभी के लिए होता है ।  

तुलनात्मक रूप से लंबा होता है परंतु इसका दायरा सीमित  होता है, यह अधिकतम क्रियाओं को आच्छादित करता है।

केवल कर्मचारी या संगठन से जुड़े व्यक्तियों के विशिष्ट समूह के लिए होता है । 

शासन 

यह निर्णय लेने से संबंधित है 

यह क्रियाओं को नियंत्रित करता है

केंद्रित 

मूल्य और सिद्धांत 

अनुपालन और नियम



(b) अभिवृति और अभिक्षमता



तुलना के आधार 

अभिवृत्ति 

अभिक्षमता 

परिभाषा 

अभिवृत्ति से तात्पर्य उस प्रवृत्ति या पूर्ववृत्ति या रुचि  से है जो किसी के प्रति सकारात्मक या नकारात्मक या तटस्थ प्रतिक्रिया करता है।

अभिक्षमता से तात्पर्य किसी व्यक्ति की किसी कार्य को करने की क्षमता, सीखने की क्षमता से है



प्रभाव 

अभिवृत्ति के 3 भाग होते हैं - भावात्मक, संज्ञानात्मक  और व्यवहरात्मक । अभिवृत्ति  व्यवहार या व्यक्तित्व को प्रभावित करती है।

अभिक्षमता का संबंध बुद्धि के है । 



उत्पत्ति 

अभिवृत्ति  पिछले अनुभवों, रूढ़ियों, सहकर्मी समूह और परिवार के प्रभाव और शिक्षा का परिणाम है।

अभिरुचि स्वभाव में जन्मजात होती है



पैमाना /स्तर 

यह आमतौर पर अच्छा या बुरा, सकारात्मक या नकारात्मक होता है।



यह योग्यता का पैमाना है, इसलिए यह सापेक्ष नहीं है।

प्रकृति 

परिस्थितियों और अनुभवों के संबंध में अभिवृत्ति बदलती रहती है। 




चूंकि अभिक्षमता बुद्धि से संबंधित है, यह अपेक्षाकृत कठोर है और इसमें अत्यधिक परिवर्तन नहीं होता है।




 

Q2: समानुभूति और करुणा के मध्य अंतर स्पष्ट करते हुए, प्रशासन में समाज के कमजोर वर्गों के प्रति करुणा के महत्व की विवेचना कीजिए।  12 

Explain the difference between empathy and compassion, also discuss the importance of compassion towards the weaker sections of the society in administration. 12

 

दृष्टिकोण:

  • परिचय में समानुभूति और करुणा शब्दों को संक्षिप्त रूप से परिभाषित कीजिए। दोनों शब्दों के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।

  • समाज के कमजोर वर्गों के प्रति प्रशासन के मानवीय चरित्र को सामने लाने हेतु प्रशासन में संवेदना की भूमिका पर चर्चा कीजिए।

  • तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

 

उत्तरः

समानुभूति यह समझने या महसूस करने की क्षमता है कि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अपने आदर्श सिद्धांतो के अंतर्गत क्या अनुभव कर रहा है, अर्थात स्वयं को दूसरे की स्थिति में रखकर विचार करने की क्षमता। करुणा का शाब्दिक अर्थ है “किसी के दुख मे दुखी होना या साथ-साथ दुखी होना।" इसे ऐसी भावना के रूप में परिभाषित किया जाता है, जब आप दूसरे के साथ दु:ख का सामना करते हैं और उस दुःख के निवारण हेतु प्रेरित अनुभव करते हैं।   

 

करुणा और समानुभूति मौलिक रूप से भिन्न होते हुए भी निकटता से संबंधित हैं अर्थात्ः  

  • समानुभूति अन्य लोगों की भावनाओं के प्रति जागरूकता और यह समझने का प्रयास है की वे कैसा महसूस करते हैं जबकि करुणा उन भावनाओं और विचारों में सहायता करने की इच्छा शामिल होने पर उत्पन्न होती है। इसलिए समानुभूति, करुणा से पूर्व उत्पन्न होती है। 

  • समानुभूति किसी और की स्थिति में स्वयं को रखकर यह विचार करना है कि वे क्या अनुभव कर रहे हैं, लेकिन करुणा एक कार्रवाई के लिए प्रेरणा देती है। उदाहरण के लिए: समानुभूति रखने वाले व्यक्ति हानि का अनुभव करने वाले या कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटना से प्रभावित व्यक्ति के साथ रो सकते हैं लेकिन एक संवेदनशील व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की पीड़ा को मंद करने/कम करने के लिए कुछ प्रयास करता है। 

  • समानुभूति एक आंतरिक भावनात्मक अवस्था है जबकि करुणा एक कार्यात्मक अवस्था है क्योंकि यह हमें किसी अन्य व्यक्ति की परिस्थिति को समझकर स्वयं की या लागत की चिंता किये बिना सहायता के लिए प्रेरित करती है।

 

प्रशासन में कमजोर वर्ग के प्रति करुणा रखने का महत्व:

  • सिविल सेवक परिवर्तन के कारक होते हैं। करुणा को सिविल सेवकों के महान गुणों में से एक के रूप में माना गया है, जो प्रशासन और समाज के कामकाज को प्रभावित करता है। करुणा लोगों की सहायता करने और जन कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सिविल सेवक को प्रेरित करती है ।

  • करुणाशील व्यक्तियों में अक्सर अन्य सकारात्मक लक्षण जैसे उदारता, दयालुता और समझ आदि विद्यमान होते हैं। करुणा एक सिविल सेवक को न केवल मस्तिष्क से, बल्कि ह्रदय से भी संचालित करती है। यह दूसरों के कष्टों को कम करने के लिए सक्रिय इच्छा शक्ति को उत्पन्न करती है |

  • करुणा व्यक्ति केंद्रित, मानवीय, उदार प्रशासन को सुनिश्चित करती है। यह प्रशासन को प्रत्येक नागरिक की आवश्यकताओं के प्रति करुणाशील और उत्तरदायी बनाकर कुशल सेवा वितरण में योगदान देती है। 

  • करुणा जमीनी वास्तविकताओं और आधारभूत समस्याओं की बेहतर समझ निर्मित करने में और परिणामत: बेहतर योजना निर्मित करने में सहायता करती है। यह समाज और प्रशासन के मध्य आपसी विश्वास और समन्वय भी स्थापित करती है।

  • करुणा के गुण से युक्त एक सिविल सेवक प्रतिकूल बाह्य दबाव से निपटते हुए भी समाज के जरूरतमंद और कमजोर वर्गों की सहायता करता है। यह सिविल सेवकों को जनता का विश्वास अर्जित करने में भी सहायता करता है जो उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है और कड़ी मेहनत करने के लिए संतुष्टि की भावना और ऊर्जा प्रदान करता है।

 

सिविल सेवक का मूल उद्देश्य, अपनी क्षमताओं के अनुसार लोगों की आवश्यकताएं पूरी करना और उनकी सेवा करना है। करुणाशील अभिवृत्ति के बिना, न तो सिविल सेवक और न ही समाज का वह भाग खुश होगा जिसके लिए कार्य किया जाता है। इस प्रकार, सिविल सेवकों ने एक प्रभावी, कुशल प्रशासन और विधियों, योजनाओं और सरकारी कार्यक्रमों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए करुणा होनी चाहिए।