Q7. हमें स्मार्ट शहरों से ज्यादा स्मार्ट गांवों की जरूरत है। चर्चा कीजिए।
We need smart villages more than smart cities. Discuss.
दृष्टिकोण:
भूमिका में स्मार्ट गाँव के संदर्भ में लिखिए ।
स्मार्ट गाँव की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए ।
इस प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में निष्कर्ष लिखिए ।
उत्तर:
2017 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, बेहतर काम के अवसरों की तलाश में लगभग नौ मिलियन भारतीय हर साल शहरों की ओर पलायन करते हैं। प्रवासन में इस क्रमिक वृद्धि से शहरों के संसाधनों और बुनियादी ढांचे पर बोझ पड़ा है। 2050 तक, यह अनुमान है कि आधे से अधिक भारत शहरी भारत में रह रहे होंगे।
हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए आजीविका के अवसर और शहरी सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम ने जनवरी 2003 पूरा की अवधारणा को प्रस्तुत किया था । इसके तहत पानी और सीवरेज, गांव की सड़कों का निर्माण और रखरखाव, ड्रेनेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कौशल विकास, गांव की स्ट्रीट लाइटिंग, दूरसंचार, बिजली उत्पादन, गांव से जुड़े पर्यटन आदि को बढ़ावा देना शामिल था ।
स्मार्ट गाँव की आवश्यकता -
स्मार्ट विलेज में आम आदमी को रोजगार मिलेगा इससे उसके आय में वृद्धि होगी और बच्चों को अच्छी शिक्षा अच्छे कपड़े और अच्छा भोजन गाँव मे ही प्राप्त होंगे जिससे उसके जीवन स्तर में वृद्धि होगी और कई आधुनिक सुविधाओं का लाभ लेगा |
स्मार्ट विलेज में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी कई प्रकार के रोजगार प्राप्त होंगे जिससे महिलाओं के जीवन स्तर में वृद्धि होगी और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा ।
आम आदमी के पास आय में वृद्धि होगी जिससे वह आधुनिक सुख सुविधाओं का लाभ उठा सकेगा और पौष्टिक भोजन की प्राप्ति से कुपोषण की समस्या भी समाप्त होगी ।
आज गाँवों मे किसानों की समस्या ,गरीबी ,बेरोजगारी,अशिक्षा आदि अनेकों समस्या भारत में विद्यमान है । इन सब समस्याओं के कारण भारत तीव्र गति से विकास नहीं कर पा रहा है। स्मार्ट विलेज निर्माण से इन सब समस्याओं का समाधान किया जाता सकता है और देश का तीव्र गति से विकास किया जा सकता है
गाँवों मे रोजगार चिकित्सा आदि जैसे सुविधाओ के न होने से महानगरों की ओर प्रवसन की समस्या बढ़ती जा रही है । ज़्यादातर प्रवसित लोग मलिन बस्तियों मे रहने के लिए अभिशप्त है । भारतीय महानगरों की मलिन बस्तियों में निवास करने वाले व्यक्तियों का जीवन स्तर अत्यधिक खराब या निकृष्ट और पर्यावरण अस्वास्थ्यकर होता है। अल्पाय, निरक्षरता, अकुशलता आदि के कारण उनमें अनेक सामाजिक बुराइयां जैसे शराब पीना, जुआ खेलना, चोरी, हत्या आदि अनुषंगी बन जाती है।स्मार्ट गाँव के निर्माण से प्रवसन पर अंकुश लगेगा ।
स्मार्ट विलेज के निर्माण से हम काफी सस्ती वस्तु उत्पादित कर सकते हैं इसके निर्माण से सस्ती जमीन बिजली पानी आदि जैसी आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है जिससे हम सस्ती वस्तुओं का उत्पादन कर सकते हैं |
स्मार्ट विलेज से पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा जैसे -
वृक्षों की कटाई पर पूर्णता नियंत्रण
जल प्रदूषण पर नियंत्रण
वायु प्रदूषण पर नियंत्रण
भूमि प्रदूषण पर नियंत्रण आदि
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के तहत 300 गांवों को अपग्रेड करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा 2016 में स्मार्ट गांवों की अवधारणा को पेश किया गया था। इस मिशन के तहत, सरकार का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक, आर्थिक और ढांचागत विकास प्रदान करना है जो इन गांवों को स्मार्ट ग्रोथ सेंटर बनाएगा। योजना को और बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने बाद में सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य गाँवों के चुनिंदा क्लस्टर का एकीकृत विकास करना है।
Q2: शहरीकरण शब्द से आप क्या समझते हैं? शहरीकरण को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं? चर्चा कीजिए I (12 Marks)
What do you understand by urbanization? What steps can be taken to increase urbanization? discuss. (12 Marks)
दृष्टिकोण:
भूमिका मे शहरीकरण को परिभाषित करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिये|
इसके पश्चात शहरी क्षेत्र के मानकों का उल्लेख करते हुए उत्तर को विस्तारित कीजिये|
अंत में उत्तर प्रदेश में शहरीकरण को बढाने के उपायों की चर्चा करते हुए उत्तर का समापन कीजिये|
उत्तर:
शहरीकरण या नगरीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत एक समाज के समुदाय के आकार और शक्ति में वृध्दि होती रहती है । शहरी क्षेत्रों के भौतिक विस्तार मसलन क्षेत्रफल, जनसंख्या जैसे कारकों का विस्तार शहरीकरण कहलाता है। शहरीकरण भारत समेत पूरी दुनिया में होने वाला एक वैश्विक परिवर्तन है। संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक़ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का शहरों में जाकर रहना और वहाँ काम करना भी 'शहरीकरण' है। अर्थात किसी राष्ट्र की जनसंख्या का बढ़ता हुआ आकार जब शहर की तरफ निवास के लिए जमा होता है तो उसे नगरीकरण या शहरीकरण कहते है।
‘हालांकि नवीन भारत (New India)’ पहल को आगे बढ़ाने की दिशा में शहरी बुनियादी ढाँचों में सुधार के लिये शहरीकरण के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
शहरी क्षेत्र के मानक
भारतीय समाज में किसी क्षेत्र को शहरी क्षेत्र माने जाने के लिये आवश्यक है कि किसी मानव बस्ती की आबादी में 5000 या इससे अधिक व्यक्ति निवास करते हों।
इस मानव आबादी में कम से कम 75% लोग गैर-कृषि व्यवसाय में संलग्न हों।
जनसंख्या घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से कम नहीं होना चाहिये।
इसके अतिरिक्त कुछ अन्य विशेषताएँ मसलन उद्योग, बड़ी आवासी बस्तियाँ, बिजली और सार्वजनिक परिवहन जैसी व्यवस्था हो तो इसे शहर की परिभाषा के अंतर्गत माना जाता है।
वर्तमान में प्रदेश के शहरीकरण का स्वरूप दिशाहीन है तथा शहरों का अव्यवस्थित विकास 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती के रूप मे दिखाई दे रही है । अधिकांश शहरों में जैव (आर्गेनिक) वृद्धि की प्रवृत्ति प्रभावी है तथा हाईवेज/ट्रॉन्जिट कॉरीडोर्स के साथ शहरों का अनियोजित प्रसार हो रहा है ।
शहरीकरण की चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमता विकास में प्रदेश-व्यापी कमी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 630 स्थानीय निकायों में से केवल 112 नगरों में ही शहरी नियोजन एवं विकास नियन्त्रण हेतु विधिक व्यवस्था है ।
शहरीकरण के विकास के लिए कुछ प्रयास -जैसे -
जीवंत लखनऊ (अवसंरचनात्मक विकास)
सुगम लखनऊ (परिवहन प्रणाली का विकास एवं विस्तार)
स्वच्छ लखनऊ (स्वास्थ्य व हाइजीन पर फोकस)
समृद्ध लखनऊ (हेरिटेज, कल्जर इत्यादि का संरक्षण)
शहरीकरण को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते है:
पर्याप्त पानी की आपूर्ति
निश्चित विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था करना
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता का विशेष प्रबंध करना
कुशल शहरी गतिशीलता और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना
किफायती आवास, विशेष रूप से गरीबों के लिए
सुदृढ़ आई टी कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण को बढ़ावा
सुशासन, विशेष रूप से ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी
टिकाऊ पर्यावरण का विकास
नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की सुरक्षा, और
स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़वा देना तथा लोगो तक पहुँच को सुनिश्चित करना
औद्योगिक नीति को उद्योगो के अनुकूल बनाना जिससे उद्योगो का विकास हो सके ।
बुनियादी अवसंरचनाओ का विकास करना ।
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