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SHIKHAR Mains UPPSC 2021Day 17 Answer Hindi

Updated : 22nd Dec 2021
SHIKHAR Mains UPPSC 2021Day 17 Answer Hindi

Que 1. Mentioning the challenges of food processing supply chain management in India, Discuss ways to overcome it?

  भारत मे खाद्य प्रसंस्करण आपूर्ति शृंखला प्रबंधन की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए इसके समाधान का मार्ग प्रस्तुत कीजिये ?

आपूर्ति  शृंखला प्रबंधन विभिन्न भागीदारों का नेटवर्क होता है  जिसमे उत्पादन से लेकर विनिर्माण, वितरण ,परिवहन थोक विक्रेता , विक्रेता आदि शामिल होते है । वस्तुत: यह वस्तुओ और सेवाओ के प्रवाह का प्रबंधन है ।                                                                                                                                         

खाद्य प्रसंस्करण आपूर्ति शृंखला  प्रबंधन की चुनौतियां-

 

-कनेक्टिविटी की समस्या -

गाँव ,शहर और बाज़ारो के बीच बेहतर कनेक्टिविटी की कमी है । 

-अवसंरचना मे कमी -

इससे उत्पादो की छटाई ग्रेडिंग , परिवहन , संचार , मूल्य निर्धारण आदि मे समस्या आती है ।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग कुल सड़क नेटवर्क का केवल 2% हिस्सा हैं, लेकिन सभी कार्गो का 40% ढोते हैं। 

-बेहतर तकनीकी   का अभाव - 

इससे वस्तुओ और सेवाओ के रखरखाव और स्मार्ट वर्किंग की समस्या उत्पन्न हो जाती है । 

 उत्पादो के ट्रैकिंग व  ट्रेसिंग  नही हो पाता है । 

-अन्य चुनौतियां 

उचित  बाज़ार की कमी , रेल नेटवर्क और जल परिवहन की धीमी विकसावस्था , जन जागरूकता का अभाव , विभिन्न उद्योगो ,संस्थाओ ,एनजीओ के बीच समन्वय का अभाव जोखिम प्रनधन मे कमी ,कौशल और नवाचार का अभाव ,अनुप्रयुक्त अनुसंधान की कमी, कराधान के मुद्दे, ऋण तक पहुंच, अप्रचलित प्रौद्योगिकियां, आदि है । 

समाधान 

-आधारभूत अवसंरचना का विकास करना

भारत निर्माण , संपदा योजना , मेगा फूड पार्को की स्थापना , सागर माला योजना जैसी योजनाओ के माध्यम से सरकार बुनियादी अवसंरचनाओ  का विकास कर रही है । 

-विभिन्न संस्थाओ और समितियों का  समन्वय 

बाज़ार तक पाहुच सुनिश्चित करने के लिए गुणात्मक परिवहन साधनो का विकास किया जाना चाहिए । जिससे  डिलेवरी व्यवस्था बेहतर हो सके । 

-बाज़ार जोखिम प्रबंधन को युक्तियुक्त बनाया जाना चाहिए । 

इस क्षेत्र मे कौशल विकास के साथ साथ वित्तीय व्यवस्था को भी उचित और कारगर बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए । 

-तकनीकी विस्तार और तकनीकों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाना चाहिए । 

-स्मार्ट शासन  और स्मार्ट प्रशासन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए । 

-सार्वजनिक और निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए । जिससे ग्रेडिंग, सॉर्टिंग, पैकिंग, प्री-कूलिंग, हैंडलिंग सुविधाएं, बीमा, वित्त, परिवहन और प्रसंस्करण सुविधाएं जैसी सुविधाओ के विकास मे  सहयोग प्राप्त हो सके । 





Que 2. The food processing industry in India has immense potential. Discuss the major programs run by the government in this regard?

  भारत मे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की अपार संभावनाएं है । इस दिशा मे सरकार द्वारा चलाये गए प्रमुख कार्यक्रमों की चर्चा कीजिए ?

खाद्य प्रसंस्करण में कृषि से प्राप्त कच्चे उत्पाद को प्रसंस्कृत( रसायनिक, भौतिक तथा जैविक क्रियाओं द्वारा परिवर्तन  ) कर उत्पादों के जीवन काल और मूल्य वर्धन किया जाता है । इस संपूर्ण प्रक्रिया को खाद्य प्रसंस्करण कहते हैं।

 

भारत मे लगातार बढ़ते कृषि उत्पादो के बावजूद खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थिति शिशु अवस्था मे है । हालांकि  2020-21 के लिए चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार, देश में कुल खाद्यान्‍न उत्‍पादन रिकॉर्ड 308.65 मिलियन टन अनुमानित है, जो वर्ष 2019-20 के उत्‍पादन की तुलना में 11.14 मिलियन टन अधिक है। 

भारतीय कृषि क्षेत्र के 2025 तक बढ़कर 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है।

-फिर भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र मे फलो एवं सब्जियों का कुल 2 %,दूध का 35%,कुक्कुट पालन का 6% ही उपयोग हो पता है । 

-भारत बहुत बड़ी मात्रा में विदेशों से खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद आयात करता है।  वर्तमान में देश में लगभग 370 अरब डॉलर मूल्य के खाद्य पदार्थों की खपत होती है।  वर्ष 2025 तक यह आँकड़ा 1 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। 

 

खाद्य प्रसंस्करण  उधयोग की अपार संभावना -

-20 कृषि-जलवायु क्षेत्रों के साथ, दुनिया के सभी 15 प्रमुख जलवायु भारत में मौजूद हैं।

-भारत मसालों, दालों, दूध, चाय, काजू और जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है,

गेहूं, चावल, फलों और सब्जियों, गन्ना, कपास और तिलहन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।

-इसके अलावा, भारत फलों और सब्जियों के वैश्विक उत्पादन में दूसरे स्थान पर है और आम और केले का सबसे बड़ा उत्पादक है।

भूमि की उपलब्धता तथा मानव श्रम  शक्ति  की अधिकता । 

तकनीकी की उपलब्धता व  मानव श्रम प्रदान करने मे बेहतर स्थिति । 

आधारभूत संरचना जैसे सड़क , परिवहन  आदि विकास 

भारत मे खाद्य बाज़ार की बेहतर स्थिति -है। 

 

खाद्य प्रसंस्करण योजनाएं -

 

1 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई)- इसके अनर्गत खाद्य विनिर्माण से जुड़ी इकाइयों को निर्धारित न्यूनतम बिक्री और प्रसंस्करण क्षमता में बढ़ोतरी के लिए न्यूनतम निर्धारित निवेश के लिए समर्थन करना है 

 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय उत्पादों के लिए एक बेहतर बाजार बनाना और उनकी ब्रांडिंग शामिल है।

2 PM FME Scheme(PM Formalization of Micro Food Processing Enterprises Scheme)

इस योजना के तहत छोटे खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को  प्रसंस्करण सुविधाओं, प्रयोगशालाओं, गोदामों, कोल्ड स्टोरेज, पैकिंग और इनक्यूबेशन केंद्रों सहित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी प्रदान 

करने का प्रावधान किया हैं । 

3   क्लस्टर दृष्टिकोण पर आधारित मेगा फूड पार्को की स्थापना । इसके तहत आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास  करना । 

4 प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना 2016 से 2020 के लिए केंद्र सरकार के द्वारा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में चलाई गई। एक बहुउद्देशीय योजना है जिसका उद्देश्य 6000 हजार करोड़ के निवेश से फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को गति देना था।

5 अक्टूबर 2021 में कृषि UDAN 2.0 योजना शुरू की गई । इस योजना में हवाई परिवहन द्वारा कृषि-उत्पाद की आवाजाही के लिए सहायता और प्रोत्साहन का प्रस्ताव है।

6सरकार ने भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की क्षमता को वर्तमान 10% कृषि उत्पाद से तीन गुना करने की योजना है और इसके लिए कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और कृषि-प्रसंस्करण समूहों (संपदा) के विकास के लिए योजना शामिल है । 

भारत सरकार द्वारा  स्वचालित मार्ग के तहत खाद्य उत्पादों के विपणन और खाद्य उत्पाद ई-कॉमर्स में 100% एफडीआई की अनुमति दी है।

वर्ष 2018 - 19 के बजट में ग्रामीण एग्रीकल्चर मार्केट बनाना यानी ग्रामीण कृषि बाजार को विकसित करना था। जिससे बचे हुए खाने को सुरक्षित बनाए रखना।

एक राष्ट्र एक बाज़ार का विकास 

10  APEDA - 1985 की स्थापना जिसका उद्देश कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देना। जैसे - लागत में , मार्केटिंग में , रिचार्ज और डेवलपमेंट में , खाद पदार्थों की सुरक्षा रखना आदि।