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SHIKHAR Mains UPPSC 2021 Day 6 answer Hindi

Updated : 7th Jan 2022
SHIKHAR Mains UPPSC 2021 Day 6 answer Hindi

 Q1: नीति आयोग ने योजना निर्माण को एक नया आयाम दिया। स्पष्ट कीजिये ?

एप्रोच -

उत्तर की शुरुआत नीति आयोग की सामान्य चर्चा करते हुए कीजिए।

इसके पश्चात नीति आयोग ने योजना निर्माण को कैसे नया आयाम दिया, इसकी चर्चा करते उत्तर का समापन कीजिए।

उत्तर -

भारत सरकार द्वारा योजना आयोग को प्रतिस्थापित कर एक थिंक टैंक के रूप मे नीति आयोग का गठन किया। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को केंद्रीय  मंत्रिमंडल के एक संकल्प द्वारा किया गया ।  यह भारत के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को अभिकल्पित करने के साथ- साथ  केंद्र और राज्यों को तकनीकी सलाह भी प्रदान करता है।

 

योजना निर्माण को नया आयाम प्रदान किया - 

 

  • नीति आयोग एक सलाहकार निकाय की भूमिका का दृष्टिकोण - यह केंद्र के साथ-साथ राज्यों को नीति के प्रमुख तत्वों के स्पेक्ट्रम में महत्वपूर्ण दिशात्मक और रणनीतिक इनपुट प्रदा  करता है । 
  • बॉटम-अप डेवलपमेंट अप्रोच का दृष्टिकोण  - 
    • स्थानीय स्तर पर योजना निर्माण करना तथा उच्च स्तरों तक इन्हे एकत्रित करना जिससे स्थानीय स्तर की आवश्यकताओ  की जानकारी उत्तरोतर प्राप्त हो सके ।
  • सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने का दृष्टिकोण -
    • जहां योजना आयोग योजना निर्माण मे केंद्रीय  भूमिका निभा रहा था ,वही नीति आयोग में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषय विशेषज्ञों, राज्यों व केंद्र तथा अन्य भागीदारों के सहयोगात्मक भागीदारी  के माध्यम से ज्ञान, नवाचार, उद्यमशीलता  सहायक प्रणाली विकसित करने का दृष्टिकोण निहित है । 
    • राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं की एक साझा दृष्टि विकसित करके सहकारी संघवाद को बढ़ावा देगा। 
  • प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देने का दृष्टिकोण 
    • राज्यों  के विकास की रिपोर्ट जारी करता है । जैसे कृषि परिवर्तन सूचकांक, समग्र जल प्रबंधन सूचकांक, एसडीजी इंडिया इंडेक्स, राज्य ऊर्जा सूचकांक, राज्य स्वास्थ्य सूचकांक |
    • इससे राज्यों  द्वारा योजना निर्माण करने तथा समवेशी विकास को बल मिलेगा । 
  • विभिन्न रणनीतिक दृष्टिकोण 
    • स्ट्रैटेजिक पोलिसी विजन उपलब्ध कराना |
    • पंद्रह वर्षीय विजन, सात वर्षीय रणनीति और तीन वर्षीय कार्य एजेंडा तैयार करना  । 
  • अन्य दृष्टिकोण 
    • संसाधनो की पहचान तथा कार्यक्रमों व पहलों की निगरानी और मूल्यांकन करना । इससे योजना की सफलता की संभावना और वितरण के दायरे के विस्तार को बल मिलेगा । 
    • प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण को विकसित करना ।

नीति आयोग संरचनात्मक और प्रबन्धनात्मक व कार्यात्मक दृष्टिकोण से योजना आयोग से भिन्न है। यह नियोजन के लोकतांत्रिकरण की प्रक्रिया के मधायम से समवेशी विकास को बल प्रदान करने की भूमिका निभा रहा है ।

                

Q2: सतत विकास लक्ष्यो को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमो का उल्लेख कीजिये ?

 

एप्रोच -

 

  • उत्तर की शुरुआत सतत विकास लक्ष्य की सामान्य जानकारी के साथ कीजिए।
  • इसके पश्चात सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कुछ क़दमों की चर्चा करते हुए उत्तर को विस्तारित कीजिए।
  • अंत में सकारात्मक दृष्टिकोण को बताते उत्तर का समापन कीजिए।

उत्तर -

 

सतत विकास लक्ष्य -सतत विकास लक्ष्य के अंतर्गत  बेहतर स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन और सबके लिए शांति और समृद्ध जीवन सुनिश्चित करने के साथ साथ स्मजिक न्याय व विभिन्न प्रकार की सुरक्षा का दृष्टिकोण निहित है । 17 सतत् विकास लक्ष्‍य और 169 उद्देश्य हैं जो एजेंडा 2030 के अंग हैं।

 

सतत विकास लक्ष्यो को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदम-

  • ई-गवर्नेंस - डिजिटल तकनीक कार्यक्रमों की पहुंच और कवरेज की गति को बढ़ा सकती है और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समय सीमा को कम कर सकती है। सेवाओं की मांग बढ़ाने और मौजूदा योजनाओं के कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए डिजिटल और आईसीटी सक्षम समाधानों को नियोजित किया जाएगा।
  • गरीबी निवारण हेतु रोजगारपरक कार्यक्रमों का संचालन जैस मनरेगा ,हुनर हाट,श्रम संहिता मे सुधारत्म्क पहल की गई । 
  • कुपोषण तथा भुखमरी समाप्ति के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लाया गया । इसके अंतर्गत  सभी के लिए पोषण युक्त  खाद्यान्न उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है ।  
  • स्‍वास्‍थ्‍य और आरोग्यता के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन , राष्ट्रीय बीमा योजना आदि योजनाओ का क्रियान्वयन सरकार द्वारा किया जा रहा है ।  
  • शिक्षा के विकास के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रावधान किया गया ।इसके अंतर्गत कौशल विकास के साथ साथ गुणवत्तापूर्ण  शिक्षा का प्रावधान किया गया है।इससे अनुसंधान के साथ साथ इनोवेशन को बल मिलेगा । 
  • लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए बेटी पढ़ाओ बेटी योजना , सुकन्या समृद्धि योजना , मातृ वंदन योजना , विभिन्न प्रकार के कानूनों आदि के मध्यम से लैंगिक सुरक्षा का प्रावधान किया है ।  
  • जल सुरक्षा और स्वच्छता को धन मे रखते हुए जल जीवन मिशन तथा स्वच्छ भारत अभियान का संचालन किया जा रहा है । इससे न केवल जल सुरक्षा व स्वच्छ वातावरण का  विकास होगा बल्कि आरोग्य जीवन की प्राप्ति भी होगी  
  • ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए नवीकृत ऊर्जा के उपयोग पर बल दिया जा रहा है । इससे  सतत विकास के लक्ष्यों के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा । इसके अंतर्गत सौर ऊर्जा मिशन , हाइड्रोजन विजन 2030 , ग्रीन गैस आधारित अर्थव्यवस्था का विकास आदि शामिल है । 
  • उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे का विकास के लिए सरकार  सार्वजनिक - निजी भागीदारी पर बल देते हुए  समाजीक और आर्थिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रयास कर रही है । 
  • असमानता को कम करने मे - आर्थिक असमानता को कम करने के लिए -लघु,  कुटीर व मध्यम उद्धोगों के विकास , मेक इन इंडिया, मुद्रा योजना  जैसे कार्यक्रम, सामाजिक राजनीतिक  असमानता को कम करने के लिए शासन के विभिन्न स्तरो पर महिला भागीदारी को बढ़ावा देना , शिक्षा ,स्वास्थ्य  के विकास पर  बल
  • इसके अतिरिक्त पर्यावरण संरक्षण अधिनियम , वन्यजीव सरक्षण अधिनियम , स्मार्ट सिटी मिशन , सामुदायिक विकास कार्यक्र्म आदि का संचालन सरकार द्वारा किया जा रहा है । जैविक खेती को बढ़ावा, अपशिष्ट पदार्थों का पुनर्चक्रण ,रसायनिक अपशिष्ट के निपटान पर कड़े कानून, साधन दक्ष तकनीकआदि का इस्तेमाल किया जा रहा है । इससे सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने मे सहयता मिलेगी और सामाजिक न्याय को बल मिलेगा । 

                            सतत विकास लक्ष्यो को प्राप्त करने के लिए आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 ने नेक्सस एप्रोच की वकालत की है| आर्थिक सर्वेक्षण ने 'एजुकेशन एंड इलेक्ट्रिसिटी नेक्सस' और 'हेल्थ एंड एनर्जी नेक्सस' जैसे उदाहरण दिए गए हैं। इस तरह के गठजोड़ ने विभिन्न एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उद्देश्यों के अतिव्यापीकरण को रेखांकित किया। लक्ष्यों की कुशलतापूर्वक प्राप्ति के लिए, नीतियों को इन संबंधों पर विचार और उनकी पहचान करनी चाहिए।

 

 

Q3: सामाजिक-आर्थिक विकास में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की भूमिका को स्पष्ट कीजिये ?

 

एप्रोच।

 

उत्तर की शुरुआत सामान्य भूमिका के साथ कीजिए।

इसके पश्चात सामाजिक-आर्थिक विकास में डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर के महत्व को बताते हुए उत्तर को विस्तारित कीजिए।

अंत में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ उत्तर का समापन कीजिए।

 

उत्तर -

 

भारत जैसे विकासशील देश सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र मे विश्व के विकसित देशों की तुलना मे अभी काफी पीछे है । हालांकि बिजली, पानी और सड़कों जैसी पारंपरिक बुनियादी सुविधाओं की तुलना में डिजिटल बुनियादी ढांचा एक समान या यकीनन अधिक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा आवश्यकता के रूप में उभरा है।।एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की उपभोक्ता डिजिटल अर्थव्यवस्था, जो वर्ष 2020 में 85-90 बिलियन डॉलर का आकलन किया गया था, को 2030 तक 800 बिलियन डॉलर का बाजार होने की संभवना है। ग्लोबलाइजेशन तथा चौथे औद्योगिक क्रांति दौर मे अर्थव्यवस्था को बिना डिजिटल किए सामाजिक - आर्थिक विकास संभव नही है। 

 

सामाजिक-आर्थिक विकास में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व -

संसाधनो तक लोगो की पहुँच  सुनिश्चित करने में -

  • सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओ और कार्यक्रमों  का लाभ देश के नागरिकों को प्राप्त होगा । 
  • समाज के कमजोर वर्गों (महिला , अनुसूचित जाति/जनजाति , वृद्ध , दिव्यांग आदि ) मुख्य धारा मे लाने मे मदद होगी ।

शिक्षा के क्षेत्र में -

  • देश के नागरिकों की राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानो से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा ।
  • शिक्षा मे लैंगिक समानता को बल मिलेगा ।  
  • जैसे - मिड डे मील निगरानी ऐप’, ‘शाला सिद्धी’ और ‘ शाला दर्पण’ हैं जो स्‍कूल प्रशासन की गुणवत्‍ता और उसके मूल्यांकन पर विशेष ध्‍यान देते हैं । 

स्वास्थ्य के क्षेत्र में -

  • देश के सभी नागरिकों का एक स्वास्थ्य डिजिटल डेटा बेस तैयार करने मे मदद मिलेगी । 
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI),इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी फ्रंटियर तकनीकों की सहायता से बेहतर चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जा सकती है । 
  • ई-अस्‍पताल योजना, एम रक्‍तकोष  (एक वैब आधारित तंत्र जो सभी सरकारी ब्‍लड बैंकों को एक नेटवर्क है )

नए विचारों, जैसे - लिंग समानता, जातिगत समानता, अन्धविश्वास में कमी आदि को भी डिजिटलीकरण से प्राप्त किया जा सकता है ।  

 

आर्थिक क्षेत्र मे महत्व -

  • कृषि के उत्पादन और पोस्ट हार्वेस्टिंग प्रबंधन मे भूमिका, जिससे किसानो की आय को 2022 तक दोगुनी किया जा सके । 
  • आईओटी (IoT), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोनोमस ड्राइविंग यानी स्वायत्त ड्राइविंग और अन्य नए क्षेत्र आर्थव्यवस्था मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे । इस दिशा मे डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास आवश्यक है ।
  • सेवा क्षेत्र के  साथ साथ कौशल विकास और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था  के विकास को बल प्रदान करने मे भूमिका।   

हालांकि डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्मित करने मे भारत के पास संसाधनो और तकनीकी ज्ञान मे कमी ,भ्रष्टाचार की व्यपकता ,जागरूकता का अभाव , डिजिटल गैप  आदि चुनौतियाँ विध्यमान है।डिजिटल इन्फ्रा को बेहतर कर   समाज में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और वैचारिक समानता ला सकते हैं।भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को पांच साल में दोगुना करके 5 ट्रिलियन डॉलर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसके लिए इसने अधिक डिजिटल बनने के लिए कई प्रयास किए हैं और डिजिटल इंडिया मिशन के माध्यम से  डिजिटल सुरक्षा और विश्वास बढ़ाने पर सरकार ज़ोर दे रही है