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धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)

Updated : 4th Oct 2024
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) की शुरुआत 2 अक्टूबर 2024 को झारखंड के हजारीबाग में प्रधानमंत्री द्वारा महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर की गई। यह पहल भारत में आदिवासी क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

अभियान की मुख्य विशेषताएं :

  1. उद्देश्य : अभियान का उद्देश्य समग्र और सतत विकास के माध्यम से जनजातीय क्षेत्रों में सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और आजीविका में सुधार करना है।

  2. परिव्यय : अभियान का कुल बजट 79,156 करोड़ रुपये है, जिसमें केन्द्र सरकार से 56,333 करोड़ रुपये और राज्य सरकारों से 22,823 करोड़ रुपये मिलेंगे।

  3. कवरेज :

    • इस अभियान से 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,911 ब्लॉकों के 63,843 गांवों के 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा ।

    • इसका लक्ष्य उन सभी आदिवासी बहुल गांवों और ब्लॉकों को बनाया गया है जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

महत्वपूर्ण पहल :

  • जनजातीय क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए 17 मंत्रालयों द्वारा 25 पहल विकसित की गई हैं । ये पहल स्वास्थ्य, शिक्षा, जल आपूर्ति, स्वच्छता और आजीविका के अवसरों जैसी बुनियादी संरचना और सेवाओं को बढ़ाने पर केंद्रित हैं।

अन्य उद्घाटन और परियोजनाएं :

  • एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) : प्रधानमंत्री ने 40 ईएमआरएस का उद्घाटन किया और 2,834 करोड़ रुपये की लागत से 25 नए स्कूलों की आधारशिला रखी , जिसका उद्देश्य आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।

  • प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) :

    • इस कार्यक्रम के अंतर्गत 1,365 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, जिनमें शामिल हैं:

      • 1387 किमी सड़कें , जनजातीय क्षेत्रों में सम्पर्क में सुधार।

      • 120 आंगनवाड़ी केन्द्र , बच्चों को बेहतर पोषण और प्रारंभिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

      • 250 बहुउद्देश्यीय केन्द्र और 10 स्कूल छात्रावास , शिक्षा और सामुदायिक विकास को समर्थन प्रदान करेंगे।

भारत सरकार के इन प्रयासों का उद्देश्य आवश्यक सेवाओं तक उनकी पहुंच में सुधार लाकर जनजातीय आबादी का उत्थान करना तथा बुनियादी ढांचे, शिक्षा और आजीविका सहायता के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाना है, जिससे जनजातीय बहुल क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा मिले।