उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने अपनी पाँच-वर्षीय हरित हाइड्रोजन नीति को मंज़ूरी प्रदान की।
उत्तर प्रदेश सरकार ने हरित हाइड्रोजन नीति और एनटीपीसी के सहयोग से 8,624 करोड़ रुपये की लागत से अनपरा में 800 मेगावाट की दो इकाइयां स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की ।
यह नीति वर्ष 2028 तक अगले चार वर्षों के भीतर सालाना दस लाख मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धरित किया गया ।
2028 के लक्ष्य के लिये पर्याप्त क्षमता को प्रोत्साहित करने हेतु सब्सिडी कार्यक्रम के लिये 50.4 बिलियन रुपए (608 मिलियन अमेरिकी डॉलर) निर्धारित किये गए हैं।
ग्रीन हाइड्रोजन नीति के संचालन में यूपीनेडा नोडल एजेंसी होगी।
30 वर्ष के लिए लीज पर मिलेगी भूमि
ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 30 वर्ष अवधि के लिए ग्राम समाज, सरकारी भूमि पर लीज पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए लीज का मूल्य एक रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष होगा तथा निजी निवेशकों के लिए यह 15 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष होगा
यह भूमि अहस्तांतरणीय होगी और यदि आवंटन होने के तीन वर्ष की समयावधि में भूमि ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए उपयोग में नहीं लाई जाती है तो भूमि वापस ले ली जाएगी।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत यूपीनेडा द्वारा सिंगल विंडो पोर्टल को निवेश मित्र से इंटरलिंक किया जाएगा।
वित्तीय प्रोत्साहन
ग्रीन हाइड्रोजन में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकतम वित्तीय प्रोत्साहन 25 लाख रुपये प्रतिवर्ष प्रति स्टार्टअप पांच वर्षों तक दिया जाएगा।
इस दौरान लगने वाले उद्योगों को 10 से 30 प्रतिशत तक पूंजीगत खर्च पर सब्सिडी प्रदान किया जाएगा तथा पहले पांच उद्योगों को 40 प्रतिशत तक छूट दिया जाएगा ।
नोट -
यह नीति भारत के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत वर्ष 2030 तक पाँच मिलियन टन वार्षिक उत्पादन किया जाना है
अब तक, हाइड्रोजन उत्पादन तकनीक गैस पर निर्भर रही है, जिसे ग्रे हाइड्रोजन के रूप में जाना जाता है। ग्रे हाइड्रोजन से ग्रीन हाइड्रोजन में परिवर्तन के लिये अब एक महत्त्वपूर्ण प्रयास चल रहा है।
हाइड्रोजन
ग्रीन हाइड्रोजन अक्षय ऊर्जा (जैसे- सौर, पवन) का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा निर्मित होता है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
ब्राउन हाइड्रोजन का उत्पादन कोयले का उपयोग करके किया जाता है जहाँ उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है।
ग्रे हाइड्रोजन (Grey Hydrogen) प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होता है जहाँ संबंधित उत्सर्जन को वायुमंडल में निष्कासित किया जाता है।
ब्लू हाइड्रोजन (Blue Hydrogen) प्राकृतिक गैस से उत्पन्न होती है, जहाँ कार्बन कैप्चर और स्टोरेज का उपयोग करके उत्सर्जन को कैप्चर किया जाता है।
हाइड्रोजन का उपयोग -
उर्जा उत्पादन: हाइड्रोजन को उर्जा के स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि विकिरण उत्पन्न करने वाले जल-ऊर्जा संयंत्रों में, फायर सेल्स, और जल-ऊर्जा पेट्रोलियम के स्थानांतरण में।
इंगित संवहन: वायुमंडलीय और समुद्री यातायात के लिए हाइड्रोजन का उपयोग किया जा सकता है, जो शून्य-अधिकारित पारिस्थितिकीय असरों को कम करने में मदद कर सकता है।
उत्पादन उद्योग: हाइड्रोजन का उपयोग कई उत्पादन प्रक्रियाओं में किया जाता है, जैसे कि रासायनिक उत्पादन, मेटलरोजिंग, और तत्वों के सम्मिलन के लिए।
ऊर्जा भंडारण: हाइड्रोजन को ऊर्जा की भंडारण में भी उपयोग किया जा सकता है, जो विद्युत संचार और ऊर्जा संग्रहण के लिए एक प्रमुख स्थल माना जाता है।
किचन उपकरणों में उपयोग: हाइड्रोजन का उपयोग शुद्ध हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स के माध्यम से घरेलू उपयोग के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि अनुकूल गैस संयंत्रों में प्रयोग करके गैस चूल्हे और अन्य उपकरणों को चलाने के लिए।
उपग्रह प्रक्षेपण: उपग्रहों के लिए इस्तेमाल होने वाले रॉकेट्स और प्रक्षेपण प्रणालियों में भी हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है।
विमानिकी: अनुकूल इंजनों के संचालन के लिए हाइड्रोजन का प्रयोग किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण कम हो सकता है और विमानों की चालकता और ऊर्जा प्रदान करने में मदद मिलती है।
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