फसल
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विशेषताएं
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चावल
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- यह प्रमुख रूप से खरीफ की फसल हैI
- इसकी कृषि के लिए 100-150 सेमी वर्षा की आवश्यकता होती हैI
- इसकी बुआई/रोपाई मई-जून में कि जाती है और कटाई सितंबर-अक्टूबर में की जाती हैI
- इसकी बुआई के समय तापमान लगभग 20 सेन्टीग्रेड और पकते समय 27 सेंटीग्रेड होना चाहिएI
- उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में चवाल की कृषि की जाती हैI
- चवाल उत्पादन में उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर हैI
- प्रमुख चावल उत्पादक जिले - शाहजहाँपुर,लखीमपुर खीरी,बाराबंकी,पीलीभीत,सहारनपुर,महराजगंज,देवरिया,गोरखपुर,बालिया आदि
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गेहूँ
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- इसके लिये 50 से 75 सेमी वर्षा होनी चाहिए I
- इसे अक्टूबर-नवंबर में बोया जाता है एवं मार्च-अप्रैल में काटा जाता है
- बुआई के समय तापमान 10 से 15 सेंटीग्रेड के बीच होना चाहिए
- गेहूँ के कुल उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है I
- गेहूँ की सर्वाधिक उत्पादकता का क्षेत्र गंगा और घाघरा दोआब क्षेत्र है I
- और सबसे कम उत्पादक क्षेत्र उत्तर प्रदेश का पर्वतीय और पठारी भाग है I
- उत्तर प्रदेश के प्रमुख गेहूँ उत्पादक जिले - हरदोई,बुलंदशहर ,आगरा ,अलीगढ़ ,मुजफ्फरनगर,मुरादाबाद ,इटावा,कानपुर,आदि
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मक्का
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- मक्का उष्ण एवं आदर जलवायु की फसल है I इसके लिए एसी भूमि की एसी भूमि जहां पानी की निकास अछि हो उपयुक्त होती है I
- यह खरीफ,रबी,जायद तीनों ऋतुओं में उगाई जाती हैं
- यह उद्योगों के लिए कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है
- प्रमुख उत्पादक जिले- बहराइच, मैनपुरी, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फरुखाबाद,गोंडा जौनपुर एवं फीरोजाबाद आदि
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जौ
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- उत्तर प्रदेश में जौ की कृषि शुष्क एवं काँप मिट्टी वाले क्षेत्रों में की जाती है I
- इसकी कृषि के लिए आदर्श दशाएं गेंहू की कृषि के समान होती है
- प्रमुख उत्पादक जिले -वाराणसी,आजमगढ़,जौनपुर,बलिया,मऊ,गाजीपुर,गोरखपुर,प्रयागराज आदि
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बाजरा
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- सामान्यतः इसकी कृषि शुष्क क्षेत्रों में की जाती है I
- उत्तर प्रदेश के 50 सेमी से काम वर्षा वाले क्षेत्रों में कृषि की जाती है I
- इसकी बुआई जुलाई-अगस्त में की जाती है और नवंबर-दिसंबर में इसकी कटाई की जाती है I
- प्रमुख उत्पादक जिले - आगरा, बरेली, मथुरा, अलीगढ़,प्रताप गढ़ ,गाजीपुर आदि
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चना
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- इसकी कृषि कम उपजाऊ मिट्टी में की जाती है I
- इसकी कृषि के लिए 60-90 सेमी वर्षा अनिवार्य है I
- बुआई के समय तापमान 15-25 सेंटीग्रेड के मध्य होना चाहिए I
- उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में सर्वाधिक मात्र में चने का उत्पादन किया जाता है
- प्रमुख उत्पादक जिले- ललितपुर,बांदा,हमीरपुर,झांसी, जालौन,मिर्जापुर,सोनभद्र,कानपुर आदि
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सरसों
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- सरसों मुख्यतः रबी ऋतु की फसल है I
- इसकी कृषि जौ,मटर,गहूँ इत्यादि फसलों के साथ की जाती है I
- गेहूँ के कृषि के सामान ही सरसों की कृषि की दशाएं हैं
- प्रमुख उत्पादक जिले: मथुरा, बदायूँ, सोनभद्र, कानपुर, सीतापुर, सहारनपुर,मेरठ आदि
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गन्ना
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- गन्ने की खेती के लिए चीकनी दोमट मिट्टी काफी उपयुक्त होती है I
- तथा इसकी खेती के लिए 100 से 200 सेमी. वर्षी की आवशक्त होती है I
- इसकी खेती के लिए 20-27 सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए I
- पूरे उत्तर प्रदेश में इसकी बुआई दिसंबर से जनवरी,फरवरी के बीच में की जाती है I
- उत्तर प्रदेश के लगभग 13% भाग पर गन्ने की खेती की जाती है,तथा उत्तर प्रदेश की यह एक प्रमुख नगदी फसल है I
- पूरे उत्तर प्रदहस में गन्ना के दो प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं
- तराई क्षेत्र
- गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र
- तथा गन्ना के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है I
- उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक उत्तम किस्म का गन्ना मेरठ जिले में उत्पादित होता है I
- यह उत्तर प्रदेश की प्रमुख व्यावसायिक फसल है I
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कपास
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- इसकी बुआई जून जुलाई में की जाती है,तथा अक्टूबर-नवंबर में चुनाई कर ली जाती है
- प्रमुख उत्पादक जिले-मथुरा,हाथरस,आगरा,मुजफ्फरनगर ,बागपत ,इटावा,बुलंदशहर आदि।
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तंबाकू
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- उत्तर प्रदेश मकें तंबाकू की खेती सामान्यतः खाने एवं हुक्का पीने के लिए की जाती है
- प्रमुख उत्पादक जिले- मेरठ,एटा,कासगंज आदि
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जुट
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- इसकी बुआई जून-जुलाई में सितंबर-अक्टूबर में कटाई की जाती है
- राज्य के तराई क्षेत्रों और सरयू एवं घाघरा दोआब क्षेत्र में जुट का उत्पादन होता है I
- प्रमुख उत्पादक जिले-बहराइच, महराजगंज, देवरिया गोंडा,सीतापुर आदि
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आलू
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- प्रमुख उत्पादक जिले- फर्रूखाबाद ,कन्नोज, हाथरस , आगरा ,मेरठ बदायूं, बागपत,फीरोजाबाद
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