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Uttar Pradesh Crop Cycle and Major Crops

Updated : 4th Jul 2023
Uttar Pradesh Crop Cycle and Major Crops

उत्तर प्रदेश फसल चक्र एवं प्रमुख फसलें
फसल चक्र (CROP CYCLE)

 

किसी निश्चित क्षेत्रफल पर निश्चित अवधि के लिए भूमि की उर्वरता बनाए रखने के उद्देश्य से फसलों को अदल-बदल कर उगाने की प्रक्रिया को फसल चक्र कहते हैंI अर्थात किसी निश्चित क्षेत्र में एक नियत अवधि में फसलों को इस क्रम में उगाया जाना की भूमि की उर्वरा शक्ति को कम से कम ह्रास हो, फसल चक्र कहलाता है I

 

फसल चक्र से लाभ :

  • फसल चक्र की प्रक्रिया से मृदा उर्वरता की मात्रा निरंतर बढ़ती हैI इससे मृदा में कार्बन और नाइट्रोजन के अनुपात में वृद्धि होता हैI
  • भूमि के पी. एच. तथा क्षरीयता में सुधार होता है
  • मृदा क्षरण की रोकथामहोती है।
  • फसलों का बीमारियों से बचाव होता है।
  • कीटों पर नियंत्रण होता है।
  • फसल चक्र के माध्यम से सीमित सिंचाई सुविधा का समुचित उपयोग हो जाता है।
  • फसल चक्र से खरपतवार की रोक-थाम होती है।
  • उर्वरक-अवशेषों का पूर्ण उपयोग हो जाता है।
  • फसल चक्र से भूमि में विषाक्त पदार्थ एकत्र नहीं होने पाते हैं।

उत्तर प्रदेश में प्रमुख फसल चक्र :

  • परती पर आधारित फसल चक्र : परती-गेहूँ,परती-आलू, परती-सरसों, धन परती आदि।
  • हरी खाद पर आधारित फसल चक्र: इसमें फसल उगाने के लिए हरी खाद का प्रयोगत किया जाता है I जैसे- हरी खाद-गेहूँ ,हरी खाद-धान ,हरी खाद-केला,हरी खाद आलू ,हरी खाद-गन्ना आदि।
  • दलहनी फसल आधारित फसल चक्र:मूंग-गेहूँ ,धान-चना,कपास-मटर-गेहूँ ,ज्वार-चना,बाजार-चना आदि।
  • अन्न की फसलों पर आधारित फसल चक्र : मक्का-गेहूँ,धान-गेहूँ,ज्वार-गेहूँ ,बाजरा-गेहूँ,गन्ना-गेहूँ आदि।
  • सब्जी आधारित फसल चक्र: भिंडी-मटर,पालक-टमाटर,फूलगोभी-मूली,बैगन-लौकी आदि।

प्रमुख फसलें

उत्तर प्रदेश में सामान्य ऋतुओं के अनुसार तीन प्रकार की फसलें पाई जाती हैं I

 

रबी फसलें

खरीफ फसलें

जायद फसलें

गहूँ, जौ, जई, तोरिया, सरसों, चना, मटर, मसूर, राजमा , बरसीम, आलू, तंबाकू इत्यादि

धान, मक्का/बाजरा, ज्वार, साँवाँ, कोदो ,मूंगफली सोयाबीन कोदो,तिल अंडी,अरहर,मूंग,लोबिया,कपास इत्यादि

मूंग, सूरजमुखी, मेंथा, ककड़ी, खीरा,खरबूज, तरबूज, परवल, काशीफल, प्याज इत्यादि

 

फसल

विशेषताएं

चावल

  • यह प्रमुख रूप से खरीफ की फसल हैI
  • इसकी कृषि के लिए 100-150 सेमी वर्षा की आवश्यकता होती हैI
  • इसकी बुआई/रोपाई मई-जून में कि जाती है और कटाई सितंबर-अक्टूबर में की जाती हैI
  • इसकी बुआई के समय तापमान लगभग 20 सेन्टीग्रेड और पकते समय 27 सेंटीग्रेड होना चाहिएI
  • उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में चवाल की कृषि की जाती हैI
  • चवाल उत्पादन में उत्तर प्रदेश द्वितीय स्थान पर हैI
  • प्रमुख चावल उत्पादक जिले - शाहजहाँपुर,लखीमपुर खीरी,बाराबंकी,पीलीभीत,सहारनपुर,महराजगंज,देवरिया,गोरखपुर,बालिया आदि

गेहूँ

  • इसके लिये 50 से 75 सेमी वर्षा होनी चाहिए I
  • इसे अक्टूबर-नवंबर में बोया जाता है एवं मार्च-अप्रैल में काटा जाता है
  • बुआई के समय तापमान 10 से 15 सेंटीग्रेड के बीच होना चाहिए
  • गेहूँ के कुल उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है I
  • गेहूँ की सर्वाधिक उत्पादकता का क्षेत्र गंगा और घाघरा दोआब क्षेत्र है I
  • और सबसे कम उत्पादक क्षेत्र उत्तर प्रदेश का पर्वतीय और पठारी भाग है I
  • उत्तर प्रदेश के प्रमुख गेहूँ उत्पादक जिले - हरदोई,बुलंदशहर ,आगरा ,अलीगढ़ ,मुजफ्फरनगर,मुरादाबाद ,इटावा,कानपुर,आदि

मक्का

  • मक्का उष्ण एवं आदर जलवायु की फसल है I इसके लिए एसी भूमि की एसी भूमि जहां पानी की निकास अछि हो उपयुक्त होती है I
  • यह खरीफ,रबी,जायद तीनों ऋतुओं में उगाई जाती हैं
  • यह उद्योगों के लिए कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है
  • प्रमुख उत्पादक जिले- बहराइच, मैनपुरी, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, फरुखाबाद,गोंडा जौनपुर एवं फीरोजाबाद आदि

जौ

  • उत्तर प्रदेश में जौ की कृषि शुष्क एवं काँप मिट्टी वाले क्षेत्रों में की जाती है I
  • इसकी कृषि के लिए आदर्श दशाएं गेंहू की कृषि के समान होती है
  • प्रमुख उत्पादक जिले -वाराणसी,आजमगढ़,जौनपुर,बलिया,मऊ,गाजीपुर,गोरखपुर,प्रयागराज आदि

बाजरा

  • सामान्यतः इसकी कृषि शुष्क क्षेत्रों में की जाती है I
  • उत्तर प्रदेश के 50 सेमी से काम वर्षा वाले क्षेत्रों में कृषि की जाती है I
  • इसकी बुआई जुलाई-अगस्त में की जाती है और नवंबर-दिसंबर में इसकी कटाई की जाती है I
  • प्रमुख उत्पादक जिले - आगरा, बरेली, मथुरा, अलीगढ़,प्रताप गढ़ ,गाजीपुर आदि

चना

  • इसकी कृषि कम उपजाऊ मिट्टी में की जाती है I
  • इसकी कृषि के लिए 60-90 सेमी वर्षा अनिवार्य है I
  • बुआई के समय तापमान 15-25 सेंटीग्रेड के मध्य होना चाहिए I
  • उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में सर्वाधिक मात्र में चने का उत्पादन किया जाता है
  • प्रमुख उत्पादक जिले- ललितपुर,बांदा,हमीरपुर,झांसी, जालौन,मिर्जापुर,सोनभद्र,कानपुर आदि

सरसों

  • सरसों मुख्यतः रबी ऋतु की फसल है I
  • इसकी कृषि जौ,मटर,गहूँ इत्यादि फसलों के साथ की जाती है I
  • गेहूँ के कृषि के सामान ही सरसों की कृषि की दशाएं हैं
  • प्रमुख उत्पादक जिले: मथुरा, बदायूँ, सोनभद्र, कानपुर, सीतापुर, सहारनपुर,मेरठ आदि

गन्ना

  • गन्ने की खेती के लिए चीकनी दोमट मिट्टी काफी उपयुक्त होती है I
  • तथा इसकी खेती के लिए 100 से 200 सेमी. वर्षी की आवशक्त होती है I
  • इसकी खेती के लिए 20-27 सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए I
  • पूरे उत्तर प्रदेश में इसकी बुआई दिसंबर से जनवरी,फरवरी के बीच में की जाती है I
  • उत्तर प्रदेश के लगभग 13% भाग पर गन्ने की खेती की जाती है,तथा उत्तर प्रदेश की यह एक प्रमुख नगदी फसल है I
  • पूरे उत्तर प्रदहस में गन्ना के दो प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं
    • तराई क्षेत्र
    • गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र
  • तथा गन्ना के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है I
  • उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक उत्तम किस्म का गन्ना मेरठ जिले में उत्पादित होता है I
  • यह उत्तर प्रदेश की प्रमुख व्यावसायिक फसल है I

कपास

  • इसकी बुआई जून जुलाई में की जाती है,तथा अक्टूबर-नवंबर में चुनाई कर ली जाती है
  • प्रमुख उत्पादक जिले-मथुरा,हाथरस,आगरा,मुजफ्फरनगर ,बागपत ,इटावा,बुलंदशहर आदि।

तंबाकू

  • उत्तर प्रदेश मकें तंबाकू की खेती सामान्यतः खाने एवं हुक्का पीने के लिए की जाती है
  • प्रमुख उत्पादक जिले- मेरठ,एटा,कासगंज आदि

जुट

  • इसकी बुआई जून-जुलाई में सितंबर-अक्टूबर में कटाई की जाती है
  • राज्य के तराई क्षेत्रों और सरयू एवं घाघरा दोआब क्षेत्र में जुट का उत्पादन होता है I
  • प्रमुख उत्पादक जिले-बहराइच, महराजगंज, देवरिया गोंडा,सीतापुर आदि

आलू

  • प्रमुख उत्पादक जिले- फर्रूखाबाद ,कन्नोज, हाथरस , आगरा ,मेरठ बदायूं, बागपत,फीरोजाबाद

 

उत्तर प्रदेश में फलोत्पादन वाली प्रमुख फल इस प्रकार हैं-

  • अमरूद - देश में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा अमरूद का उत्पादन होता है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 21.78 प्रतिशत अमरूद का उत्पादन होता है।
  • केला - केले की कृषि भूमि में अधिक वर्षा और उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। प्रदेश में वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद आदि में बड़े पैमाने पर केला का उत्पादन होता है।मास-भोग, अधेश्वर, चीनी- चम्पा, अलफ़ान, दूधसागर आदि केले की मुख्य किस्में हैं।
  • आम -आम उत्पादन के मामले में, यूपी देश के अन्य सभी राज्यों में आगे है। यहां की जलवायु और मिट्टी आम की खेती के लिए काफी अनुकूल है। इस वजह से सबसे अधिक आम उत्पादन यूपी में होता है। एग्रीकल्चर स्टेट बोर्ड और केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाले आम में यूपी अकेले 20.85 प्रतिशत का उत्पादन करता है

फल पट्टियों का विकास प्रदेश में तीन फसलों आम, अमरूद एवं आंवला के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा फल पट्टी विकसित की गयी है।

  • आम फल पट्टी के अन्तर्गत जनपद सहारनपुर, मेरठ, बागपत, बुलन्दशहर, अमरोहा, प्रतापगढ़, वाराणसी, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, फैजाबाद तथा बाराबंकी के 31 विकास खण्ड आच्छादित हैं।
  • मरूद फल पट्टी में जनपद कौशाम्बी एवं बदायूं के 6 विकास खण्ड शामिल किये गये हैं।
  • आंवला पट्टी के अन्तर्गत जनपद प्रतापगढ़ के दो विकास खण्ड सम्मिलित हैं।