उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से प्रदेश में मछली पालन क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जाएगा।
मत्स्य पालन और उत्तर प्रदेश
प्रदेश में गंगा नदी प्रणाली में मछलियों की लगभग 200 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसलिए मत्स्य पालन को रोजगारोन्मुख (विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में) करने के लिये केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं।
इसके अन्तर्गत जल संसाधनों का मत्स्य क्षमता के अनुसार दोहन करते हुये मत्स्यिकी को आधुनिक उद्योग के रूप में परिवर्तित करने, मछुआरों व मत्स्य पालकों की आय दोगुना करने, प्रदेश की खाद्य व पौषणिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, मत्स्य विपणन व पोस्ट हार्वेस्ट अवसंरचना का विकास तथा नदियों में मत्स्य संपदा के संरक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया...
एकीकृत बागवानी विकास मिशन - उत्तर प्रदेश
योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
राज्य/क्षेत्र के तुलनात्मक लाभ और इसके विविध कृषि मौसम विशेषताओं के साथ सामंजस्य रूप में क्षेत्र आधारित स्थानीय विभेदीकृत रणनीति के माध्यम से, जिसमें अनुसंधान, प्रौद्योगिकी प्रोन्नति, विस्तार, फसल कटाई के बाद का प्रबंध, प्रसंस्करण और विपणन शामिल हैं, बागवानी क्षेत्र की सर्वांगीण वृद्धि प्रदान करना है।
बागवानी उत्पादन में वृद्धि करना, पोषण सुरक्षा में सुधार तथा किसानों के लिए आय सृजन में सहायता करना।
National Mission for Sustainable Agriculture (NMSA)
Maintaining agricultural productivity depends on the quality and availability of natural resources such as soil and water. Agricultural growth can be sustained by promoting the conservation and sustainable use of these scarce natural resources through appropriate location specific measures.
The contribution of agriculture to the Gross State Domestic Product (GSDP) is 25.7% (in 2017-18 at current cost and 22.7% at constant prices). The state ranks first in the country in food grains, sugarcane, potatoes, milk, meat and horticulture. Uttar Pradesh's contribution in national agricultural exports is 7.35%. At present, Uttar Pradesh has contributed 50.34% in buffalo meat, 37.88% in wheat, 26.59% in natural honey etc. in terms of quantity exported from India in the year 2018-19.
कृषि उत्पादकता को बनाए रखना मिट्टी और पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों की गुणवत्ता और उपलब्धता पर निर्भर करता है। उपयुक्त स्थान विशिष्ट उपायों के माध्यम से इन दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग को बढ़ावा देकर कृषि कास को बनाए रखा जा सकता है।
कृषि का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जी०एस०डी०पी०) में 25.7% (वर्तमान लागत पर 2017- 18 में और 22.7% स्थिर कीमत में) का अंशदान है। प्रदेश का खाद्यान्न, गन्ना, आलू, दूध, मांस तथा बागवानी में देश में पहला स्थान है।राष्ट्रीय कृषि निर्यात में उत्तर प्रदेश का 7.35% योगदान है। वर्तमान में वर्ष 2018-19 में निर्यात की गई मात्रा की दृष्टि से भारत से कुल कृषि निर्यात में उत्तर प्रदेश का भैंस के मांस में 50.34%, गेंहूँ में 37.88% प्राकृतिक शहद में 26.59% आदि का योगदान रहा है।